अपस्मार (मिर्गी ) रोग के शीघ्र लाभाकरी , अनुभूत व अचूक नुस्खे -जरुर प्रयोग में ले और अनुभव शेयर करे
नमस्कार मित्रों हम आज आपके लिए लाये है मिर्गी से पीड़ित रोगी के लिए अचूक नुस्खे –
यह भयंकर रोग दौरे से आता है | दौरे के समय रोगी बेहोश होकर भूमि पर गिर पड़ता है और मुंह से झाग
आने लगता है | बिल्कुल होश नही रहता | हाथ-पांव ऐंठ कर अकड जाते है | कई बार ऐंठन नही होती है |
इस रोग के निमित कुछ अत्यन्त उपयोगी योग (नुस्खे) लिख रहे है ये सभी योग अनुभूत और अचूक है |
1 .- अपस्मार नाशक अपूर्व नस्य –
विधि –
मिट्टी के एक कूजे में चार-पांच लाल मिर्च रखकर उसमें एक आक का टिड्डा छोड़ दे | वह एक दिन में मर
जायेगा | छाया में सुखाकर बारीक़ पिस ले और सावधानी के साथ शीशी में रख छोड़ें |यथा समय दौरे के
अवसर पर रोगी की दोनों नासिकाओ में एक-एक रती नस्य नलकी इत्यादि से पहुचाये , बहुत शीघ्र होश आ
जायेगा | इसी प्रकार दो तीन बार के प्रयोग से पूर्ण आराम हो जायेगा |
2 .- अपस्मार के लिए सन्यासी योग –
विधि –
पहली बार गाय ने जो बच्चा दिया हो उस नर बछड़े का गोबर लेकर इसको खरल में डालकर खूब खरल करे |
जब खुश्क होने को हो तब आक का दूध डाल कर खरल करे | खुश्क होने पर फिर दूध डाल लिया करे | बीस
बार हो जाने पर अच्छी प्रकार सुखा ले और इसमें आधे भाग के बराबर कालीमिर्च मिला कर खूब बारीक़
पीसकर शीशी में रख ले |आवश्यकता के समय आधा चावल जितनी दवा नाक में डालकर नलकी या ऐसी
अन्य वस्तु से फूंक मारे | उसी समय रोगी को होश आ जायेगा |
3 .- अपस्मारघ्न योग –
विधि –
आवश्कता बिच्छु लेकर मिट्टी के एक ऐसे कूजे में डाले जिसको पानी इत्यादि बिल्कुल न लगा हो | फिर कूजे को
अच्छी तरह कपरोटी करे | पूरी तरह सुख जाने पर दस-पन्द्रह सेर कन्डो के बिच में रखे और आग लगा दे |
सुबह जब आग ठंडी हो जाएगी उस समय कूजे को निकालकर देख ले कुछ कमी हो तो एक आग और दे | जब
बिच्छु बिल्कुल राख हो जाये बारीक़ पीसकर शीशी में रख ले | आवश्यकता के समय थोड़ी सी ओषधि रोगी के नाक
में रखकर फूंक मारे | तुरंत होश आ जायेगा | इसी प्रकार एक दो बार वापिस करने से इस रोग का सर्वनाश हो
जायेगा | यह साथ से आठ साल के बच्चों को भी दिया जा सकता हे |
4 .- अपस्मार का अदभुत इलाज –
विधि –
एक जायफल में छेद करके रोगी के गले में बांध दे और भेंस के खुर जलाकर राख कर ले | नित्य प्रति 3 ग्राम की
मात्रा में बारीक़ पीसकर पानी के साथ निराहार मुख रोगी को दे | इसके साथ गधे के खुर की अंगूठी बनाकर रोगी
के दाहिने हाथ वाली कनिष्टका ऊँगली में पहना दे इसी प्रकिया को एक सप्ताह तक जरी रखे | इससे वर्षो का
रोग कम समय में समूल नष्ट हो जायेगा | यह रोग अनुपम योग है |