10 Home Remedy for fever, Easy Tips for Fever Treatment in Hindi
जब हमें या घर पर किसी को बुखार होता है तब सबसे पहले हम क्रोसिन या किसी एंटीबायोटिक से बुखार ठीक करने का प्रयास करते है। इन एलोपैथिक दवाओं से बुखार में आराम तो मिल जाता है पर ये मेडिसिन्स हमारे लिवर पर बुरा प्रभाव डालती है। बुखार का उपचार इसके लक्षणों के आधार पर होता है। कई बार किसी चीज से इंफेक्शन से और कई बार मौसम बदलने के कारण बुखार हो जाता है। शुरूआती लक्षण को अगर समय पर ही पहचान लिया जाये तो बुखार के असर से बचा जा सकता है और ज़रूरत पड़ने पर इसका इलाज भी कर सकते है। बुखार कई प्रकार का होता है जैसे अंदरूनी बुखार, दिमागी बुखार, टाइफाइड, वायरल फीवर और मलेरिया। इस लेख में हम सभी प्रकार के बुखार के कारण, परहेज और बुखार का इलाज के घरेलू नुस्खे जानेंगे।
बुखार के कारण क्या है
मौसम बदलने के कारण बुखार होना आम है जिससे घबराने की कोई बात नहीं। वायरल फीवर किसी वाइरस की वजह से फैलता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमज़ोर होने पर होता है। जिन लोगों की body immunity मजबूत है उन्हें वायरल फीवर होने का खतरा कम होता है।
वायरल बुखार में शरीर का तापमान 100 से 103 डिग्री या इससे भी जादा हो सकता है। फ़्रिज़ में रखा ठंडा पानी पीने, कोल्ड ड्रिंक्स पीने और ठंड लगने से वायरल बुखार होने की सम्भावना अधिक होती है। इस बुखार का वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में सांस के द्वारा तेज़ी से फैलता है। छोटे बच्चों में वायरल फीवर होने से दस्त, उल्टी, खाँसी, ठंड लगना और सिर दर्द जैसी परेशानियां होती है। Viral fever आम बुखार जैसा ही होता है, बीमारी का सही पता लगाने के लिए एक बार डॉक्टर से जांच ज़रूर करवाए।
1. तिल के तेल या घी में लहसुन की 5 से 7 कलियाँ तोड़ कर तल ले। अब इसमें सेंधा नमक डाल कर मरीज को खिलाए। किसी भी वजह से बुखार हो इस उपाय से उतर जाएगा।
2. अगर बुखार तेज हो तो मरीज के माथे पर ठंडे पानी में भीगी पट्टियां रखें और ये तब तक करे जब तक शरीर का temprature कम ना हो जाए। पट्टी रखने के कुछ देर बाद गरम हो जाती है, ऐसे में थोड़ी देर बाद इसे फिर से पानी में भिगो कर सिर पर रखे।
3. सर्दी और जुकाम के कारण बुखार हुआ हो तो मुलेठी, शहद, तुलसी और मिश्री को पानी में अच्छे से मिला कर गाढ़ा बनाये और मरीज को पिलाए। इस आयुर्वेदिक नुस्खे से जुकाम का इलाज होता है और बुखार में भी आराम मिलता है।
4. बुखार से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी ना हो इसलिए जरुरी है पानी अधिक मात्रा में पिए। पानी में ग्लूकोस घोल कर भी ले सकते है। पानी पीना हो तो पहले उसे उबाल कर रखे और बाद में इसमें से ही पानी पिए। गुनगुना पानी पीना जादा बेहतर है।
5. एक चम्मच सिरका 1 कप गरम पानी में डाल कर इसमें आलू का एक टुकड़ा भिगो कर रोगी के सिर पर रखने से बुखार में आराम मिलेगा।
6. बुखार आने पर रोगी को जादा से जादा आराम करना चाहिए और खाने पिने का भी पूरा ध्यान रखे। दूध, साबूदाना और मिश्री जैसी हल्की फुलकी चीज़े खाने को दे। नारियल पानी और मौसमी का जूस पीना भी अच्छा होता है।
7. अगर गर्मी में लू लगने से बुखार या टाइफाइड की समस्या हुई है तो कच्चा आम पानी में पका ले और इसके रस को पानी में घोल कर पिये।
8. पुदीने और अदरक का काढ़ा पीने से भी बुखार में आराम मिलता है। काढ़ा पीने के बाद आराम करे, बाहर हवा में ना निकले।
9. मौसम में आए हुए बदलाव से बुखार हुआ हो तो तुलसी की चाय के सेवन से आराम मिलता है।
10. लहसुन की कुछ कलियाँ पीस कर सरसों के तेल में डालें और गरम करे। तेल ठंडा होने के बाद इससे पैरों के तलवों की मालिश करे।
जाने चिकनगुनिया के घरेलु टिप्स
अगर आप आयुर्वेद की दवा लेना चाहते है तो बाबा रामदेव की किसी भी पतंजली या फिर पंसारी की दुकान से भी ले सकते है।
बुखार में परहेज क्या करे
अगर मरीज को वायरल फीवर है तो उसके प्रयोग की हुई चीजों का इस्तेमाल ना करे और रोगी के आस पास सफाई का पूरा ध्यान रखे।
बुखार से पीड़ित व्यक्ति को अपने पास रुमाल रखना चाहिए और जब भी खाँसी या छींक आये तब रुमाल का प्रयोग अवश्य करे ताकि वायरस दूसरे लोगों में ना फ़ैल सके।
बुखार में दही और ठंडी चीजें खाने पिने से बचे और हल्का भोजन करे।