Typhus fever ka ilaj, Delirium ka ilaj, Putrid fever ka ilaj.
सन्निपात एक बड़ा भयंकर रोग है, इससे मस्तिष्क पर या मस्तिष्क के पर्दों के अन्दर एक प्रकार की सूजन आ जाती है. यदि सूजन विशेषतः मस्तिष्क पर अधिक हो तो तापंश अधिक होता है और आँखों में बड़ा भारी दर्द होता है. यदि मस्तिष्क के अगले भाग पर सूजन हो तो रोगी की आँखें खुली रहती है और वो मुख पर बार बार हाथ मारता है. यदि यह सूजन सर के मध्य भाग में हो तो रोगी व्यर्थ और बेजोड़ की बातें करता है. बिना इच्छा के पेशाब निकल जाता है. यदि सर के पिछले भाग में सूजन अधिक हो तो रोगी जो बात कहता या सुनता है उसे तत्काल भूल जाता है. यदि मस्तिष्क के सभी भागों में सूजन हो तो उपरोक्त सभ लक्षण मिलते हैं. आयुर्वेद में इस रोग के 5 भेद बताएं हैं. उनका वर्णन करना काफी लम्बा हो जायेगा. आइये जान लेते हैं इसको सही करने का रामबाण उपाय.
सन्निपात का रामबाण घरेलु इलाज.
Sannipat typhus fever ka raambaan gharelu ilaj
माष की दाल जिसको उरद की दाल कहते हैं. इसको पीसकर आटा बना लीजिये. इस आटे की रोटी बनाये जो एक तरफ से बिलकुल कच्ची हो, जिस तरफ से रोटी कच्ची हो उस तरफ तिल और सरसों का तेल बराबर मात्रा में अच्छे से चुपड़ कर गर्म गर्म रोगी के सर पर बांधे. प्रत्येक तीन घंटे बाद नई रोटी बांधे. इश्वर कृपा के साथ सिर्फ 2 या तीन दिन के अन्दर रोगी को पूर्ण आराम आ सकता है. ध्यान देना है के इस बीच रोगी के सर से रोटी उतर ना जाए. रात को भी रोटी सर पर बाँध कर सोना है.
सन्निपात के लिए अन्य उपाय.
Sannipat typhus fever ke gharelu ilaj.
- त्रिकुटा, सोंठ, भारंगी और गिलोय का काढ़ा पीने से सन्निपात ज्वर(Typhus Fever) उतर जाता है-
- पोहकरमूल, गिलोय, पित्तपापड़ा, कुटकी, कटेरी, रास्ना, चिरायता, कचूर, सोंठ, हरड़, भारंगी और जवासा – सभी बराबर की मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर सेवन करें-
- पुराना घी और देशी कपूर 1 ग्राम मिलाकर रोगी के सिर पर दिन भर में चार-पांच बार मालिश करनी चाहिए-
- आक की जड़, कालीमिर्च, सोंठ, पीपल, चीता, चक, देवदारु, पीला सहिजन, कुटकी, निर्गुडी, बच और एरण्ड के बीज-इन सभी जड़ी-बूटियों को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण में से दो चम्मच का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम सेवन करें-
- सिरस के बीज, पीपल, कालीमिर्च तथा काला नमक-सबको 5-5 ग्राम की मात्रा में लेकर गोमूत्र में पीसकर अंजन बना लें और इस अंजन को आंखों में लगाने से सन्निपात की बेहोशी दूर हो जाती है-
- दशमूल के काढ़े में गिलोय मिलाकर पीने से सन्निपात ज्वर(Typhus Fever)में काफी लाभ होता है-
- सन्निपात ज्वर(Typhus Fever)में कफ-पित्त-वायु को बढ़ाने वाले पदार्थों से बचना चाहिए-अत: हल्के आहार,फल एवं भोजन का सेवन करें-यदि उपर्युक्त नुस्खों से विशेष लाभ न हो तो इस भयंकर ज्वर का इलाज किसी योग्य चिकित्सक से तत्काल कराएं-
दोस्तों आपको हमारे ये लेख कैसे लग रहें हैं. और आप ने इनको अपनाकर कोई फायदा उठाया या नहीं. हमको ज़रूर बताएं. अगर आपने हमारे Social Media page को लाइक नहीं किया है या Youtube पर Subscribe नहीं किया है तो ये ज़रूर कर लें इस से आपको हमारे नए टॉपिक मिलते रहेंगे. और दोस्तों इनको शेयर ज़रूर कीजियेगा. इस से अनेक लोगों को लाभ मिलेगा.
और आखिर में कॉपी पेस्ट करने वाले मित्रों से अनुग्रह – कृपया आर्टिकल कॉपी करने के बाद हमारा नाम अपनी वेबसाइट पर ज़रूर पब्लिश करें.