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सेहत और ताकत से भरपूर अनाज, इन्हें नकारना बहुत महंगा पड़ रहा है हमें

हमारे देश में कुछ अनाजों को मोटा अनाज कहा जाता है। इन अनाजों में रागी, बाजरा, और ज्वार शामिल हैं। क्या ये मोटे अनाज, गेहूं और चावल जैसे ज्यादा लोकप्रिय अनाजों का विकल्प बन सकते हैं? इनमें से कौन से अनाज ज्यादा पौष्टिक हैं? आइये जानते हैं…

रागी:

रागी मूल रूप से पूर्वी अफ्रीका का अनाज है और भारत में करीब 4,000 सालों से उगाया जा रहा है। प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के कुछ इलाकों में रागी आहार का एक प्रमुख हिस्सा था। इस मजबूत फसल को मैदानों के साथ-साथ पहाड़ों पर, समुद्र तल से 2,400 मीटर तक की ऊंचाई पर उगाया जाता है। बहुत ही पौष्टिक और आसानी से रखे जा सकने वाले रागी को बच्चों और बुजुर्गों के भोजन के रूप में महत्व दिया जाता है। संस्कृत में रागी को नृत-कोंडक यानी ‘नाचते अनाज’ के रूप में जाना जाता है।

रागी को सबसे पौष्टिक अनाजों में से एक माना जाता है। यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल एकेडेमिक्स द्वारा प्रकाशित अध्ययन ‘द लॉस्ट क्रॉप्स ऑफ अफ्रीका’ (अफ्रीका की लुप्त फसलें) में यहां तक कहा गया है, “यह सबसे पौष्टिक अनाजों में एक है। विदेशी हमेशा से यूगांडा और दक्षिणी सूडान के लोगों की मजबूत कद-काठी देख कर हैरान होते रहे हैं कि वे दिन में सिर्फ एक बार भोजन करके इतनी मेहनत कैसे कर लेते हैं। रागी इसकी मुख्य वजह लगती है।”

रागी में ऐसा प्रोटीन मौजूद होता है, जिसका पाचन शरीर आसानी से कर लेता है। मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी कई एमिनो एसिड रागी में पाए जाते हैं, जिनकी अधिकांश दूसरे अनाजों में कमी होती है। आहारीय खनिज भी बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं, खासकर कैल्शियम जो दूसरे अनाजों के मुकाबले पांच से तीस गुना अधिक मात्रा में पाया जाता है। रागी में फॉस्फोरस और आयरन भी अधिक होता है।

हैरत की बात है कि रागी जैसे मोटे अनाज आम तौर पर गेहूं या चावल से सस्ते होते हुए भी उनसे अधिक पौष्टिक हैं।

बाजरा:

दुनिया भर में मोटे अनाज के उत्पादन का 50 फीसदी हिस्सा बाजरे का है, जिसका सबसे बड़ा उत्पादक भारत है।

बाजरा में विटामिन बी और आयरन, जिंक, पोटैशियम, फॉसफोरस, मैग्नीशियम, कॉपर और मैंगनीज जैसे आहारीय खनिजों की उच्च मात्रा होती है।

गेहूं से एलर्जी वाले लोगों के लिए यह बहुत अच्छा है। यह अनाज चावल और गेहूं से पौष्टिक है और एमिनो एसिड के अच्छे संतुलन के साथ अधिक ऊर्जा देने वाला अनाज है। भारत में हुए एक शोध पर आधारित अध्ययन से पता चला है, कि दालों और बाजरा पर आधारित आहार मानव विकास के लिए गेहूं आधारित आहार से अधिक बेहतर है। अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि जब चावल के बदले आंशिक या पूरी तरह बाजरा को आहार में शामिल किया जाता है, तो पौष्टिकता काफी बढ़ जाती है।

ज्वार:

यह दुनिया में उगाया जाने वाला पांचवां सबसे महत्वपूर्ण अनाज है, और करीब आधे अरब लोगों का मुख्य आहार है। ज्वार सबसे गुणकारी खाद्य फसलों में से एक है, इसमें बहुत प्रभावशाली प्रकाश-संश्लेषण (फोटो-सिंथेसिस) होता है। यह एक खाद्य फसल के हिसाब से बहुत जल्दी तैयार होता है और फसल उगाने के लिए जरूरी मानवीय तथा मशीनी ऊर्जा की तुलना में सबसे ज्यादा खाद्य ऊर्जा पैदा करता है।

जैसे-जैसे दुनिया उस समय की ओर बढ़ रही है, जब भोजन की आपूर्ति बढ़ती हुई आबादी के लिए पर्याप्त नहीं होगी, तब मानव जाति की खुशहाली में इस फसल की अहम भूमिका होगी। ऐसा जल्दी ही होगा। हमारे जीवन काल में आबादी के लगभग दोगुना होने का अनुमान है। मुख्य कृषिभूमि के घटने के साथ अरबों नए लोगों का पेट कैसे भरा जाए, यह शायद हमारे बाद वाले समय में दुनिया का एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगा। जाहिर है कि कम उपजाऊ और अधिक मुश्किल जमीनों पर जबरन खाद्य पदार्थ उपजाए जाएंगे। इसके अलावा, अगर आशंका के अनुरूप ‘ग्रीन हाउस इफेक्ट’दुनिया को गरम कर देता है, तो आज की उपजाऊ जमीन जिसे ब्रेड-बास्केट कहा जाता है, उसके बड़े हिस्सों में ज्वार ही पसंदीदा फसल होगी।

रागी और बाजरा जैसे साबुत अनाज कैल्शियम के बहुत बढ़िया स्रोत हैं। उनसे रोटियां, डोसा, बिस्कुट, दलिया और स्वादिष्ट लड्डू भी बनाए जा सकते हैं।

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