Thursday , 21 November 2024
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स्म्रति भ्रंश ,को दूर करने के अचूक और साधारण प्रयोग -एक बार अवश्य आजमाएं

स्म्रति भ्रंश ,को दूर करने के अचूक और साधारण प्रयोग -एक बार अवश्य आजमाइए |

नमस्कार मित्रो आज हम आपको स्म्रति भ्रंश के कुछ अचूक और रामबाण नुस्खे बतायेंगे जो बहुत कारगर है |

इस रोग के रोगी की  स्म्रति शक्ति बिल्कुल नष्ट हो जाती है | कोई बात याद रखने की बड़ी कोशिश करता है ,

परन्तु बेबसी के कारण भूल जाता है | इधर बात की , उधर भूल गया | यह रोग मस्तिष्क की दुर्बलता या

मस्तिष्क में अधिक कफ के एकत्रित होने की अवस्था में होता है | यहा हम बहुत सरल और साधारण नुस्खे

लिख रहे है |

1 .- कुण्ठित बुद्धि के लिए –

विधि –

आवश्यकतानुसार मालकंगनी ले , ऊपर का छिलका उतार दे और जो गिरी हो उसका तेल बादाम रोगन की

तरह निकालें | और शीशी में रख ले | विस्मरण के रोगी को प्रतिदिन सुबह निराहार मुख बताशे में एक से

पांच बूंद तक डालकर निगल लेना चाहिए | कुछ दिनों के सेवन से बहुत दिनों के कुण्ठित बुद्धि और सुस्ती

इत्यादि रोग मिट जायेंगे ,\ मात्रा एक से पांच बूंद या बलाबल अनुसार

2 .- विस्मरण अक्सीर –

विधि –

बच आवश्यकतानुसार ले और इसको बारीक़ पिस ले | इसमें इसके बराबर शक्कर मिला ले और किसी

शीशी में भरकर रख दे | नित्य प्रति सुबह 3 ग्राम के लगभग पानी के साथ फांक लिया करे | 8 -10

दिनों में पूर्ण आराम हो जायेगा | अथवा बच को चाकू से जरा -जरा छीलकर 2 ग्राम के लगभग भोजन

करने के उपरांत मुख में रख लिया करे और इसके रस को चूसते रहे | इस प्रकार भी यह बहुत लाभप्रद

है |

3 .- अन्य –

विधि –

यह योग भी स्म्रति भ्रंश को जड से मिटा डेगा

प्रतिदिन सुबह 3 ग्राम दालचीनी ले लिया करे , जल्दी ही इस रोग से छुटकारा मिलेगा |

4 .- एक वनोंषधी का प्रभाव –

इसके कुछ दिन के निरंतर सेवन से वर्षो पुराना यह रोग  नष्ट हो जाता है |

छाया में सुखाई हुई ब्राहमी बूटी 60 ग्राम और काली मिर्च 3 ग्राम | दोनों को खूब बारीक़ पीसकर चूर्ण बना ले |

प्रतिदिनं 2 ग्राम की मात्रा गाय के दूध के साथ सुबह निराहार मुख रोगी को दिया करे | यदि दूध न मिल सके

तो पानी ही सही | बड़ी अनुपम वस्तु है | अनुभव करने से ही इसके गुणों का ज्ञान हो सकेगा |

 

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