यह प्रयोग जुकाम, नजला (प्रतिश्याय), सिर शूल, दाढ़ पीड़ा, साइनस, आधा शीशी को क्षणों में ही दूर कर देता है. इसका असर ऐसा है के ये दवा नाक के पास लाते ही नाक की बंद नलिकाएं खुल जाती है. अगर यह अचेत (बेहोश) रोगी को भी सुंघा दें तो वो भी सचेत हो जाता है.यह योग अनेक लोगों पर अनुभूत है.
इस प्रयोग के लिए ज़रूरी सामान.
नौशादर – 10 ग्राम.
अनबूझा चूना – (10 ग्राम) (यह वो होता है जो घरो में पुताई में काम में लिया जाता है, जिसको रात में भिगो कर रखा जाता है बुझाने के लिए और सुबह इसको इस्तेमाल किया जाता है)
कपूर – 2 ग्राम.
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सिर दर्द, नजला, जुकाम, आधा शीशी हो जायेगा सेकंड में दूर
उपरोक्त लिखा हुआ सारा सामान आपको किसी पंसारी से बड़ी आसानी से मिल जायेगा. अब जानिये इसको बनाने की विधि.
पहले नौशादर और चूना भली भाँती महीन पीस लें. और फिर कपूर को पीसकर सब वस्तुओं को शीशी में डालकर 12 ग्राम पानी मिला कर इस शीशी को कॉर्क के या किसी टाइट ढक्कन से बंद कर के रख दें.
आवश्यकता पड़ने पर शीशी का कॉर्क खोलकर नाक के पास ले जाएँ और तनिक धीरे धीरे सूंघे. ध्यान रखें के शीशी का ढक्कन ज्यादा देर तक खुला ना रह पाए. अन्यथा इनको मिलने से जो गैस उत्पन्न होगी वो उड़ जाएगी.
कुछ दिनों के इस्तेमाल के बाद इसमें गैस कम पड़ जाती है उस दशा में इसको हिला कर इस्तेमाल करें. और फिर भी प्रभावी ना हो तो इसको दोबारा बनायें.
अगर रोगी को पिछले तीनो योग एक ही बार सेवन कराएँ. अर्थात पहली पुडिया खिलाकर मलहम मल दें और फिर नस्य सुंघा दे तों बस ! लाभ ही लाभ है.
Hi
I have Anxiety problem for quiet some time. I am on prescriptioned tablets daily.
sometimes suddently I have breathing problems, as if I cant breathe and will fall down, I feel like having vertigo, acidity shoots up and feel very weak.
Do Ayurveda have some medicines or tonics for this condition.
Please, Please rreply..