आधासीसी का सरल और तुरंत इलाज – ज़रूर अपना कर बताएं.
यह रोग बड़ा भयंकर है जो सिर के आधे भाग में हुआ करता है | परमात्मा इस रोग से हर एक को बचाए |
इस रोग से आँख जेसे उतम अंग की भी हानी हो जाती है | दर्द के कारण बिल्कुल चेन नही मिलता है |
कई बार ये रोग नजला और झुकाम के बिगड़ने पर भी होता है | इस रोग के उपचार में बिल्कुल भी देरी न करे |
इसके लिए निचे कुछ आयुर्वेदिक प्रसिद्ध योग (नुस्खे ) लिखे जा रहे है | ये योग अदभुत और अचूक है जो
शीघ्र प्रभाव दिखाने वाले है |
1.-विचित्र नस्य –
विधि —
नोसादर की 12 ग्राम की डली लेकर आग पर रखे | जब वह आधी रह जाये तो उतारकर 3 ग्राम लाल गेरू
मिलाकर बारीक़ पीसकर रखे | यथासमय पर काम में लावे | एक से दो रती तक नस्य रूप में |उसी समय
छींक आएगी और मस्तिष्क से मवाद निकालकर दर्द मिट जायेगा | अनेक बार प्रयोग किया हुआ योग है |
2.- आधासीसी का उपचार –
विघि —
कपड़ा धोने का एक रीठा ले | इसका छिलका लेकर थोड़े पानी में खूब मले | जब पानी झागदार हो जाये
तब थोडा सा गर्म करके दोनों नासिकाओ में थोडा सा टपकाए | तुरंत आराम हो जायेगा |
3 .-घ्रत नस्य –
विधि —
भूरी मिर्च जो साधारणतया कालीमिर्च से उपलब्ध होती है ,एक ग्राम ले | बारीक़ पीसकर 3 ग्राम गोघृत
में अच्छी प्रकार घोंट ले और किसी शीशी में रख छोड़े | दोनों समय दो-दो बूंद के लगभग नस्य के
समान सुडक ले | बड़ी प्रभाव दिखाने वाली ओषधि है |
इस ओषधि से भी सिर का दर्द उसी समय कम होकर मिट जाता है |
4 .-आधासीसी की स्वादु ओषधि –
इससे कुछ दिन सेवन से बहुत पुराणी आधासीसी नष्ट हो जाती है और पुन होने की कोई आशंका नही रहती |
विधि –
खोया और गुड 50-50 ग्राम | दोनों को खूब कूटकर रख छोड़ें | सुबह 12 ग्राम की मात्रा 6 ग्राम धनिये के
पानी के साथ दिया करे | 6 ग्राम धनिया को लेकर खूब घोटो और लगभग 250 ग्राम पानी में मिला करके
मीठा बिना मिलाये हुए दे | इससे बहुत पुराने आधासीसी रोग का सर्वनाश हो जाता है |
5 .-आधासीसी का विज्ञ उपचार –
विधि –
20 ग्राम उस्तेखददुस खरीदे लावे | समान तोल की इसकी चार पुडिया बना ले | प्रतिदिन सूर्य निकलने
से पहले एक पुडिया जल में घोटकर बिना मीठा मिलाये पी लिया करे | यदि 3 ग्राम धनिया और दो
कालीमिर्च मिला ली जाये तप और भी अच्छा है इसमें संदेह नही की केवल चार दिन में पुराने से पुराना
आधासीसी रोग जड से मिट जायेगा | यह अनेक बार अजमाया हुआ योग है |
1.-आधासीसी का अनुभूत उपचार –
विधि —
जमालगोटे के एक बीज को थोडा सा पानी डालकर किसी पत्थर के टुकड़े पर रगड़े और कनपटियो की
तडपती हुई रंगों पर थोडा-थोडा लेप कर दे | ज्यो ही दवा सूखी आराम आया | कई बार दवा से कनपटियो
पर छाले पड़ जाते है | यदि ऐसा हो तो अगले दिन सुई से छेद करके पानी निकाल दे | ईश्वर क्रपा से
जीवन के लिए इस रोग से छुटकारा मिल जायेगा |
2.-तूतिया का चमत्कार –
विधि —
आवश्यकतानुसार नीलाथोथा लेकर लोहे के तवे पर रखकर भुन ले | ओषधि तेयार है | आवश्यकता के
समय रोगी का गला कपड़े से घोंटे | तुरंत कनपटी पर एक रग प्रकट होगी | एक रती भुना हुआ
नीलाथोथा इस रग पर रखकर ऊपर से एक बूंद पानी डाल दे | बहुत शीघ्र एक छाला पैदा होगा | उसी
समय आराम हो जायेगा| इसमें पांच-दस मिनट का कष्ट अवश्य है,परन्तु अनुपम योग है |
बनाकर अनुभव करे और प्रकति का चमत्कार देखें |