Irritable bowl syndrome ka ilaj, ibs ka ilaj, ibs ka gharelu ilaj
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम आंतो का एक रोग हैं। जिसमे अचानक बैठे बैठे एक दम से आंतो में दर्द होता हैं और मल आने का अनुभव होता हैं। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के रोगी प्राय: बार बार दस्त जाना, पेट फूलना, कब्ज, पेट दर्द से दुखी रहते हैं। यह बीमारी लम्बे समय तक चलती रहती हैं। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम रोग में लम्बे समय से दस्त होते हैं, नित्य ही पांच छ: बार पतले दस्त होते हैं , गैस बहुत निकलती हैं।
ये रोग ज़्यादातर अधिक चिंता तनाव की वजह से या बे सर पैर का कुछ भी खाने पीने की वजह से होता हैं। इसलिए इसका इलाज करने से पहले व्यक्ति को तनाव और चिंता को त्याग कर एक स्वस्थ मन का निर्माण करना चाहिए। और भोजन में बहुत परहेज करना चाहिए. सिर्फ पाचक भोजन ही करना चाहिए.
आपने कभी गौर किया होगा जब आपको एक दम से भयंकर चिंता या तनाव हो जाता हैं तो एक दम से पेट में दर्द होता हैं और शौच जाना पड़ता हैं। तनाव और चिंता को दूर करने के लिए ध्यान, प्राणायाम और योगा का सहारा लिया जाना उचित हैं।
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के घरेलु उपचार।
irritable bowl syndrome ke gharelu upchar.
धनिया।
- एक चम्मच साबुत बिना पिसा हुआ धनिया एक चम्मच बूरा खांड(चीनी) दोनों चबा चबाकर खाए और अंत में पानी से निगल जाएँ। दस्त पेट के रोगो में लाभ होगा।
- रात को धनिया पानी में भिगोकर प्रात : पानी छानकर बूरा खांड(चीनी) या शक्कर मिलाकर नित्य पियें। ये प्रयोग अनेक लोगो पर सफलता पूर्वक आज़माया हुआ हैं।
बेल, धनिया, मिश्री, सौंफ।
अमीबोबायसिस, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, कई बार दस्त जाना, आंव, पेचिश, आदि पाचन तंत्र के रोग, चाहे नया रोग हो चाहे पुराना हो इनमे ये निम्नलिखित प्रयोग बहुत सफल हैं।
पिसा हुआ धनिया, मिश्री, सौंफ, बेल(बेलगिरी के फल) का चूर्ण इनको 100 – 100 ग्राम की मात्रा में मिलाये। अब इसमें एक चौथाई भाग अर्थात 25 ग्राम पीसी हुई सौंठ मिलाकर इस मिश्रण की दो दो चम्मच खाने से एक घंटा पहले चार बार पानी से फंकी ले।
[Click here to read. बेल का आयुर्वेदिक महत्व।]
हल्दी।
इस रोग में हल्दी बहुत लाभ करती हैं। भोजन के एक घंटा पहले या बाद में आधा चम्मच पिसी हल्दी की फंकी ठन्डे पानी से नित्य लीजिये। आंतो के रोगो में हल्दी बहुत गुणकारी हैं।
इसबगोल।
इसबगोल इरिटेबल बाउल सिंड्रोम में बहुत लाभकारी हैं। इसबगोल फाइबर का बहुत अच्छा स्त्रोत हैं। ये मल को बांधकर रखता हैं। और इस रोग में तो ये रामबाण हैं। भोजन के १५ मिनट पहले एक चम्मच इसबगोल का छिलका ठन्डे पानी के साथ लेना चाहिए।
घर पर बनाये चूर्ण.
सोंठ, नागरमोथा, अतीस और गिलोय ये सभी पंसारी (जो आयुर्वेदिक कच्ची दवा बेचता है) से मिल जाएँगी. इन सब का बराबर चूर्ण लेके मिक्स कर लें। फिर 10gm चूर्ण लेके 400ml पानी मे डाल के उबालिये फिर 100ml बच जाए तो उतार कर छान लीजिये। यह सुबह शाम खली पेट सेवन करना है।
[Click here to read. इसबगोल – अनेका अनेक बीमारियो की एक औषिधि।]
Any Treatment of parkinson in aurveda ?
VERY GOOD INFORMATION SIR .THANK YOU.
Sir,
Mujhe IBS ka rog 5 saal se hai, kirpaya isse jodi anya upchaar bhi bataye. Aur meri samasya kafi bigad chuki hai.
aap in upaayo ko apna kar to dekhiye…
Veer guru Kirpa oshdalya in haridwar industry area main hai 100% treatment lm patient of IBS problem
Dear sir
Mujhe bhi IBS he mene pranayam aur reiki bhi kiya he but no effect. So aap Kuch ilaz bataie
aap bel ka sharbat ya murabba ya churn dailiy khana shuru kare.. aur pranayam regular kare…
बहुत ही उपयोगी जानकारी है । ऐसी और भी जानकारियाँ साझा करे ।धन्यवाद।
I think I have ibs but I am not too sure. I go to toilet at least 3-4 times in a day and the excreta is semi solid or watery. But don’t have the problem of gas. It gets automatically normal after few days and then again problem starts. Can it be ibs
No
Tab. Ciplox
Tab. Metrozyl
Din me 2 bar lijiye
Bas
2/3 din
Sit i m 29 years old nd i m suffering from IBS since childhood…i hav to go to toilet 7-8 days a day..plz help
aap bel sharbat peena shuru kare…
Sir I have IBS with constipation for one year or pahale colitis constipation that plz reply me medicine