Home Remedy for Warts – Treatment of Wart at Home – Masse ka ilaj
दोस्तों आज हम आपको बताने जा रहें हैं एक ऐसा प्रयोग जिसको करने से शरीर पर कैसा भी और कहीं पर भी मस्सा हो वो कुछ ही दिनों में खुद ब खुद झड कर गिर जाता है. आइये जानते हैं क्या है ये प्रयोग.
मस्से अगर त्वचा पर हो तो बहुत अजीब और बुरे भी लगते हैं ये शरीर की खूबसूरती को कम तो करते ही हैं और मस्से अगर बवासीर के हों तो फिर ये अत्यंत कष्टदायक हो जाते हैं, ऐसे में आप ये घरेलु नुस्खा अपनाएंगे तो कुछ ही दिनों में आपका मस्सा ख़त्म हो जायेगा.
मस्से होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमे खून की गंदगी भी एक कारण हो सकता है, ऐसे में जिस व्यक्ति को अधिक मस्से होते हों उसको ब्लड Purifier ज़रूर पीना चाहिए, ताकि उसका रक्त साफ़ हो जाए और दोबारा मस्से होने के चांस ख़त्म हो जाए, और जिन व्यक्तियों को बवासीर के मस्से हो उन लोगों को कब्जी का इलाज पहले कर लेना चाहिए, ताकि ये मस्से उनको कष्ट ना दे सकें. कब्ज रहने से पेट का मल रक्त में घुल कर पुरे शरीर में फैलता है जिस कारण से खून भी ख़राब होता है और अनेक बिमारियों को न्योता मिलता है. इसलिए पहले पेट को साफ़ कर लेना चाहिए.
पेट और कब्ज को साफ़ करने के लिए पहले दस्तावर दवाएं लेनी चाहिए. ये रोगी को अपने बल के अनुसार लेनी चाहिए. कमज़ोर रोगी को दस्तावर नहीं देना चाहिए, दस्त करवाने के लिए रोगी को अरंड का तेल या जमालघोटा काम में लिया जा सकता है, मगर इनका उपयोग किसी वैद की देख रेख में ही किया जाए तो अत्यधिक बेहतर है. रोगी को दिन में ३ से 4 बार एक एक चम्मच गुलकंद गर्म दूध के साथ लेनी चाहिए, इस से पेट का मल साफ़ होता है.
कडवी तुरई लीजिये, ध्यान रहे तुरई दो प्रकार की आती है, एक तो कडवी होती है और एक साधारण, कडवी तुरई का रस निकाल लीजिये, इस रस में थोड़ी सी हल्दी मिला लीजिये, और इस मिश्रण में अभी थोडा सा नीम का तेल मिला लीजिये, ये मिश्रण आप अपनी ज़रूरत के अनुसार जितना चाहिए उतना ही बनायें, इस मिश्रण को त्वचा पर मस्से वाली जगह पर लगायें, कुछ दिन तक ऐसे लगाने से मस्से गिर जाते हैं. बवासीर के रोगी को रात को सोते समय और दिन में शौच के बाद इसको लगाना चाहिए.
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वात रोग, कोढ़, सफेद दाग, लकवा, मोटापा और नेत्र रोगों का काल – Skin Revier
कोढ़ का इलाज – वात रोग का इलाज – त्वचा रोग का इलाज – hathipav ka ilaj, psoraisis ka ilaj, skin reviver ark, skin reviver oil
आज हम Only Ayurved में आप को बताने जा रहे है एक ऐसे काढ़े के बारे में जिस के निरंतर 3 से 6 महीने सेवन करने से 18 प्रकार के भयंकर चर्म रोग जैसे सफ़ेद दाग, सोराइसिस , कोढ़ , पामा, विचर्चिका, कंडू, दाद, विस्फोटक, वलिपलित, छाया, नीलिका और व्यंग जैस रोगों में आराम आता है और 80 प्रकार के वात रोग जैसे आमवात, जोड़ो का दर्द, सुजन, जोड़ो में पानी भरना, हाथ पैरो में अकडन, जोड़ो का टेढ़ा मेढ़ा होना, शारीर के अंगो की आकृति बिगड़ जाना, यूरिक एसिड बढ़ना, गाउट, सायटिका , गर्दन और कमर में दर्द, एवं शरीर की सभी मांशपेशियों में दर्द , वातरक्त , कोढ़ उपदंश रोग, आतशक, श्लीपद ,हाथी पांव, अंग सुन्यता, पक्षाघात एकांगवात, फालिज, लिपोमा, मेद रोग, और नेत्र रोग इत्यादि 80 प्रकार के वात रोग को भी निरंतर 3 से 6 महीने लगातार अर्क पीने और तेल लगाने से नष्ट हो हो सकते है साथ ही शारीर भी वायु के समान वेग वाला हो जाता है.
Skin Reviver formulation
मंजीठ, नागर मोथा, कूड़े की छाल या जड़, गिलोय, मीठाकूट,सौठ, भारंगी कटेरी का पंचांग, बच, नीम की छाल, हल्दी, दारुहल्दी, हरड़, बहेड़ा, आंवला, परवल के पत्ते, कुटकी मुरवा , बायबिडंग, विजयसार, चीते की चाल, शतावर, त्रायमान, छोटी पीपल इंदर जौ, अडूसे के पत्ते, भांगरा, देवदारु, पाढ, खैरसार, लाल चंदन, निशोथ, बरना की छाल, चीरायत बावची, अमलतास का गूदा, संहोड़ा की छाल, बकायन, कंजा, अतीस, नेत्रबाला, इंद्रायण की जड़, धमासा सरिवा और पित्त-पापड़ा इन 25 दवाओं को बराबर बराबर लेकर पीस कूट कर रख लो इसमें से 2 तोले दवा लेकर डेढ़ पाव जल में काढा बनाओ और चौथाई पानी रहने पर छान लो.
Skin Reviver पीने की विधि
इस काढ़े में दो माशे पीपर का चूरन और दो माशे शुद्ध गूगल मिला कर पी लीजिये . इस तरह लगातार एक से तीन महीने पीने से वातरक्त 18 प्रकार के कोढ़, उपदंश रोग, आतशक, श्लीपद ,हाथी पांव, अंग सुन्यता, पक्षाघात एकांगवात, फालिज, मेद रोग, और नेत्र रोग नष्ट हो जाते है यदि इन दवाओ में कचनार के छाल, बबूल की छाल, सालसे की लकड़ी सरफोंका ये र दवाए मिला ली जाय तो तब तो कहना ही क्या .इस अर्क को शुद्ध शहद या शरबत उन्नाव छह छह ग्राम मिला ली जाय तो यह और भी जल्दी आराम करता है . इस अर्क को 15-15 ml सुबह शाम लेना है अगर शुद्ध शहद या शरबत उन्नाव नहीं है तो एक कप सादा पानी में भी ले सकते है .
इस अर्क को शुद्ध शहद या शरबत उन्नाव छह छह ग्राम मिला कर पिने से अनेक कष्ट साध्य और वैधो के त्यागे हुए रोगियों को भी आराम मिलता है . जिन के शरीर को देखने से भी घृणा होती है , जिन्हें कोई पास भी बैठने नहीं देता है वे सब इस अर्क और तेल के इस्तेमाल से स्वर्ण की सी कान्ति वाले हो सकते है . ध्यान रहे आप को इस का इस्तेमाल करते समय धर्य रखना बोहोत जरुरी है परिणाम आप को अवश्य मिलेंगे पर जो इसे बीच में ही छोड़ देंगे उन्हें लाभ मिलेगा कह नहीं सकते है .