प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार एक अखरोट तरह होता है जो कि पुरुष प्रजनन प्रणाली का एक हिस्सा है. प्रोस्टेट मलाशय के आगे और मूत्राशय, जहां मूत्र संग्रहीत होता है, के नीचे स्थित होती है. प्रोस्टेट भी मूत्रमार्ग, जिसके माध्यम से मूत्र शरीर के बाहर जाता है, के चारों ओर होती है. यह ग्रंथि एक तरल पदार्थ पैदा करती है जो कि वीर्य का एक हिस्सा है और शुक्राणु ले जाने में मदद करता है
प्रोस्टेटग्रंथि वृद्धि(BPH)क्या है? Prostate ka ilaj
प्रोस्टेट ग्रंथि hyperplasia (Benign Prostatic Hyperplasia, BPH) प्रोस्टेट ग्रंथि का गैर-कैंसर विकास है. इसकी संभावना पुरुषों में उम्र के साथ बढ़ती है. हालाँकि प्रोस्टेट ग्रंथि की वृद्धि आदमी की जिंदगी के दौरान जारी रहती है, लेकिन वृद्धि आमतौर पर जीवन में देर तक समस्या पैदा नहीं करती है. हार्मोन के स्तर में बदलाव से संबंधित हो सकता है जो कि स्वाभाविक रूप से एक आदमी उम्र के साथ होता है.
BPH के लक्षणों का क्या कारण हैं? treatment of enlarged prostate in hindi
मूत्रमार्ग के चारों ओर प्रोस्टेट की वृद्धि से यह मूत्र के सामान्य प्रवाह को रोकता है और इस प्रकार असुविधाजनक लक्षण पैदा होते हैं.
BPH से क्या परेशनियाँ हो सकती हैं?
अगर प्रोस्टेट ग्रंथि के विकास (BPH) से मूत्रमार्ग में रुकावट ज़ारी रेह्ती है तो कुछ मामलों में पुरुषों में भारी परेशनियाँ पैदा हो सकती हैं यह निम्नलिखित हैं :
- रुक रुक कर पेशाब आना, बूँद बूँद पेशाब आना.
- पेशाब पुरा नहीं आना.
- पेशाब में दर्द होना
- अचानक पेशाब करने में असमर्थता (Acute Urinary Retention).
- पेशाब करने के बाद मूत्राशय का पूरी तरह खाली न होना ज़ो की बार-बार संक्रमण (infection) और पत्थरों को जन्म दे सकती है.
- गुर्दे की क्षति और गुर्दे की विफलता
- पेशाब में खून का आना.
एक study के अनुसार अगर कद्दू के बीजो का नियमित रूप से सेवन किया जाता है तो prostate की इस समस्या से निजात पाई जा सकती है कद्दू के बीजो में पाया जाने वाला curbicin नामक रसायन prostate के इलाज में काफी उपयोगी सिद्ध हो सकता है
इस study में 53 मरीजो ने भाग लिया इनमे जिन मरीजो को जिन मरीजो को curbicin का सेवन लगातार तीन महीनो तक करवाया गया उनके prostate सम्बन्धी लक्षणों के अन्दर काफी सुधार आया जैसे समय पर urine आना, खुलकर urine आना इत्यादि और उन्हें किसी प्रकार का कोई side effect भी नहीं हुआ. सबसे नीचे स्टडी का लिंक दिया हुआ है उसको भी पढ़ सकते हैं.
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इस्तेमाल करने की विधि. – kaddu ke beejo ka istemal,
सबसे पहले आप कद्दू के बीज लीजिये, इनको धुलाई करके सुखा लीजिये, और फिर दिन में 2 बार सुबह शाम 2 – 2 चम्मच ये बीज खाइए. इस प्रयोग को 3 महीने तक खाएं. इसके साथ में आपको और जल्दी आराम चाहिए तो आप गोखरू 50 ग्राम 500 ml पानी में मिलाकर 100 ml रहने तक पकाएं, और इसके साथ में ये बीज खाएं. इसके साथ में दिन में दो बार एक गिलास निम्बू पानी में 2 चुटकी मीठा सोडा डालकर पियें. ध्यान रहे के चाय, चीनी का त्याग कर दें. चीनी की जगह मिश्री का इस्तेमाल कीजिये.
Source :- https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/1702340
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