Sunday , 22 December 2024
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अगर दांतों में Enamel Dentin हो जाए ख़त्म और डॉक्टर बोल दे रूट कैनाल के लिए

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अक्सर दांतों की उचित देखरेख ना करने की वजह से आज कल छोटी छोटी सी उम्र में लोगों के मुंह में नकली दांत, और नकली जाड़े और कीड़े लगे हुए सडे दांत आदि देखने को मिल जाते हैं. यहाँ उचित देख रेख का मतलब किसी अच्छी या महंगी या आयुर्वेदिक पेस्ट से दांतों को नायलॉन के ब्रश से घिसना नहीं है, वास्तव में दांतों की सभी समस्याओं की जड़ ही यही है, इसके अलावा आज कल बच्चो को टॉफ़ी चोकलेट और अटरम पटरम चीजें खिलाने से भी ये समस्या बच्चों में देखने को मिलती है.ऐसे में दांतों में ठंडा गर्म लगना, दांतों में दर्द, पायरिया इत्यादि दांतों के रोग आज एक आम सी बात हो गयी है. मोतियों जैसे स्वस्थ दांत तो बस एक स्वप्न मात्र ही रह गएँ हैं.

डेंटीन दांतों के चार मुख्य घटकों में से एक महत्वपूर्ण घटक है, ये घटक हैं enamel, dentin, cementum and pulp. Dentin दूसरा सबसे मज़बूत Tissue हैं जो दाँतों के Enamel के नीचे स्थित होता है ये Enamel जितना मज़बूत नहीं होता, इसलिए एक बार दांतों का Enamel घिस जाए तो फिर Dentin के ख़त्म होने में ज्यादा देर नहीं लगती. और फिर रूट कैनाल करवाना पड़ता है.

डेंटीन के बाहर आ जाने पर अर्थात enamel के ख़त्म हो जाने पर फिलिंग करना जरूरी हो जाता है। फिलिंग न कराने पर दांत में ठंडा-गरम व खट्टा-मीठा लगता रहता है जिससे दांत में दर्द होने लगता है और पस बन जाती है. ऐसे में दांतों में सिल्वर, कंपोजिट, जीआईसी फिलिंग की जाती है.

ये सब समय पर ध्यान ना देने के कारण होता है, और अगर इसके बाद भी अधिक ध्यान ना दिया जाए तो डेंटीन की परत तक खत्म हो जाती है और नस बाहर आ जाती है. ऐसे में आपको रूट कैनाल कराना पड़ता है या फिर जब दांत में कीड़ा गहरा सुराख कर देता है और संक्रमण जड़ों तक फैल जाए तो रूट कैनाल किया जाता है, ऐसा करके जिन टिश्यू में संक्रमण हो जाता है फिर उन्हें स्टरलाइज्ड करके दांत में एक मैटीरियल भर दिया जाता है इसमें दांत ऊपर से पहले जैसा ही रहता है लेकिन दांत की रक्त आपूर्ति काट दी जाती है इससे दांत में किसी भी तरह की बीमारी या संक्रमण की आशंका समाप्त हो जाती है.

ऐसे में कुछ घरेलु उपाय हैं जिनको करके आप अपने दांतों की इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.
एक चम्‍मच सरसों के तेल में एक छोटा चम्‍मच सेंधा नमक मिलाएं अब आप इस मिश्रण से दांतों और मसूढ़ों की हल्‍के-हल्‍के हाथों की उँगलियों से मसाज करें, दो मिनट मसाज करने के बाद इस मिश्रण को कम-से कम पांच से 10 मिनट अवश्य ही करे फिर आप साफ़ जल से कुल्ला करें.

बहुत अधिक समस्या होने पर आप Oil Pulling अर्थात गंडूषकर्म कीजिये, इसके लिए आप नारियल तेल या तिल के तेल को इस्तेमाल कीजिये. दांतों की कैसी भी समस्या हो आप Oil Pulling से मुक्ति पा सकते हैं. Oil Pulling के बारे में आप यहाँ पर क्लिक कर के पढ़ सकते हैं. [Oil Pulling की विधि और इसके फायदे.] oil Pulling करने के बाद उस Oil को थूक देना होता है. वो तेल किसी भी हाल में शरीर के अन्दर नहीं जाना चाहिए. [आजमाया हुआ है] तिल, सरसों का तेल और नारियल का तेल तीनो का एक-एक चम्मच करके अच्छी तरह मिला लें तथा इस तेल से दांतों और मसूड़ों की मसाज करें-उसके बाद गुनगुने पानी से मुंह साफ कर लें-
मंजन बहुत ही बेहतरीन विधि है दांतों की समस्याओं से निजात पाने के लिए. सुबह शौच जाने के बाद किसी अच्छे से मंजन को ऊँगली की मदद से दांतों पर अच्छे से मसाज करें और फिर दस मिनट तक लगा रहने दीजिये. और दस मिनट बाद इसको साफ़ पानी से धुलाई कर लीजिये. ऐसा दिन में दो या तीन बार ज़रूर करें. सुबह और रात को सोते समय तो अवश्यमेव करें. [लेखक अपनी तरफ से आपको डाबर लाल दन्त मंजन करने की सलाह देगा] [आजमाया हुआ है] घर पर बनायें ये मंजन – कीकर की लकड़ी का कोयला ले कर इसको चूर्ण कर लीजिये और समान मात्रा में सफ़ेद फिटकरी का तवे पर भून कर किया हुआ चूर्ण लीजये. इन दोनों को आपस में मिला लीजिये और इस मंजन में ज़रूरत के अनुसार सरसों का तेल मिला कर दांतों पर 5 से 10 मिनट तक लगा कर रखें. इस से दांतों में मोतियों सी चमक और दांतों के सर्व रोग दूर होंगे. [आजमाया हुआ है.] उपरोक्त नुस्खों में से मंजन और Oil pulling वाला प्रयोग अपनाने के बाद 99 प्रतिशत तो आपको दांतों के रोग से छुटकारा मिल जाएगा. और फिर भी ना मिले तो डॉक्टर से उचित परामर्श ज़रूर लेवें.

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