बलगम के साथ खून आना के लिए अचूक और लाभप्रद नुस्खे -अनुभव लेके बताये
इस रोग में खासने से बलगम के साथ खून आया करता है |और छाती पर खरखराहट सी रहती है \यदि रक्त का
वर्ण लाल और कफयुक्त हो तथा बिना कष्ट के आता हो तो यह रक्त फेफड़े से आया करता है और बड़ा भयंकर
होता है |इस रोग के अनेक कारण हुआ करते है जो की आयुर्वेद के प्रमुख ग्रंथो में वर्णित है |
इसके लिए कुछ योग प्रस्तुत किये जा रहे है जो बहुत लाभप्रद है |
1 .-अचूक चूर्ण –
विधि –
सेलखड़ी की भस्म और लाल गेरू |दोनों को समान मात्रा में लेकर बारीक पिस ले |बस ओषधि तेयार है शीशी में रख ले
आवश्यकता के समय प्रातः काल निराहार मुख दो ग्राम चूर्ण ठन्डे पानी के साथ दिया करे दो तीन दिनों में ही रक्त का
आना बंद हो जायेगा |बढ़ा अच्छा योग है |
2 .-अन्य योग –
यह योग इस रोग के लिए अनेक बार का अनुभूत और प्रभावोत्पादक योग है |चाहे कितना ही रक्त क्यों न आता हो
केवल दो दिनों में ही बंद हो जायेगा |
विधि –
कहरवाशमई आवश्यकतानुसार लेकर बारीक़ करके शीशी में भर ले |आवश्यकता पड़ने पर प्रतिदिन प्रातः काल
4 रती से 1 ग्राम तक की मात्रा दूध की पतली लस्सी के साथ दिया करे \ इश्वर क्रपा से केवल दो तीन दिनों में
ही आराम हो जायेगा |
3 .-सरलोपचार –
विधि –
गिले अम्रनी ,जो एक बहुत सस्ती वस्तु है ,बाजार से खरीद लावे ,लगभग 5 ग्राम की मात्रा प्रातः समय पानी
के साथ घोल कर पिलाये | बहुत समय का रोग केवल कुछ हो दिनों में दूर हो जायेगा |
.4 .-धनिया चूर्ण –
विधि –
आवश्यकता के अनुसार धनिया लेकर बारीक़ पिस ले \प्रातः समय 5 ग्राम की मात्रा ठन्डे पानी में दिया करे |
तीन- चार दिन के सेवन से अत्यन्त लाभ होगा | बड़ा सरल और अनुपम योग है
5 मूंगा भस्म –
विधि –
मूंगा (प्रवाल ) भस्म जो की श्वास रोग के प्रसंग में लिखी जा चुकी है |एक रती से 2 रती तक की मात्रा
प्रातः काल ठंडे पानी के साथ दिया करे \रक्त थूकने वालो के लिए सफल योग है |