अल्सर के लिए घरेलु आयुर्वेदिक उपचार।
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अल्सर – जानकारी और निदान
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अल्सर का शाब्दिक अर्थ होता है – घाव
* हाइपर एसिडिटी होना अल्सर का प्रथम चरण हैं, कभी भी एसिडिटी को इग्नोर ना करे। यदि आपको बार-बार या लगातार आमाशय या पेट में दर्द हो तो अपने चिकत्सक की सलाह अवश्य लें क्योंकि अक्सर यही अल्सर के लक्षण होते हैं। अन्य लक्षणों में मितली आना, उल्टी आना, गैस बनना, पेट फूलना, भूख न लगना और वजन में गिरावट शामिल हैं।
* यह शरीर के भीतर कहीं भी हो सकता है; जैसे – मुंह, आमाशय, आंतों आदि में| परन्तु अल्सर शब्द का प्रयोग प्राय: आंतों में घाव या फोड़े के लिए किया जाता है| यह एक घातक रोग है, लेकिन उचित आहार से अल्सर एक-दो सप्ताह में ठीक हो सकता है|
* अधिक मात्रा में चाय, कॉफी, शराब, खट्टे व गरम पदार्थ, तीखे तथा जलन पैदा करने वाली चीजें, मसाले वाली वस्तुएं आदि खाने से प्राय: अल्सर हो जाता है| इसके अलावा अम्लयुक्त भोजन, अधिक चिन्ता, ईर्ष्या, द्वेष, क्रोध, कार्यभार का दबाव, शीघ्र काम निपटाने का तनाव, बेचैनी आदि से भी अल्सर बन जाता है| पेप्टिक अल्सर में आमाशय तथा पक्वाशय में घाव हो जाते हैं| धीरे-धीरे ऊतकों को भी हानि पहुंचनी शुरू हो जाती है| इसके द्वारा पाचक रसों की क्रिया ठीक प्रकार से नहीं हो पाती| फिर वहां फोड़ा बन जाता है |
* पेट में हर समय जलन होती रहती है| खट्टी-खट्टी डकारें आती हैं| सिर चकराता है और खाया-पिया वमन के द्वारा निकल जाता है| पित्त जल्दी-जल्दी बढ़ता है| भोजन में अरुचि हो जाती है| कब्ज रहता है| जब रोग बढ़ जाता है तो मल के साथ खून आना शुरू हो जाता है| पेट की जलन छाती तक बढ़ जाती है| शरीर कमजोर हो जाता है और मन बुझा-बुझा सा रहता है| रोगी चिड़चिड़ा हो जाता है| वह बात-बात पर क्रोध प्रकट करने लगता है|
अगर अल्सर का समय पर इलाज न करे तो बड़ा रूप ले सकता है।
अल्सर कई प्रकार का होता है – अमाशय का अल्सर, पेप्टिक अल्सर या गैस्ट्रिक अल्सर। अल्सर उस समय बनते हैं जब खाने को पचाने वाला अम्ल अमाशय की दीवार को क्षति पहुंचाता है, ये एसिड इतना खतरनाक होता हैं के इसकी तीव्रता आप इस से लगा सकते हैं के पेट में बनने वाला ये एसिड लोहे के ब्लेड को भी गलने की क्षमता रखता हैं। पोषण की कमी, तनाव और लाइफ-स्टाइल को अल्सर का प्रमुख कारण माना जाता था।
पोहा अल्सर के लिए बहुत फायदेमंद घरेलू नुस्खा है, इसे बिटन राइस भी कहते हैं। पोहा और सौंफ को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लीजिए, 20 ग्राम चूर्ण को 2 लीटर पानी में सुबह घोलकर रखिए, इसे रात तक पूरा पी जाएं। यह घोल नियमित रूप से सुबह तैयार करके दोपहर बाद या शाम से पीना शुरू कर दें। इस घोल को 24 घंटे में समाप्त कर देना है, अल्सर में आराम मिलेगा।
पत्ता गोभी और गाजर को बराबर मात्रा में लेकर जूस बना लीजिए, इस जूस को सुबह-शाम एक-एक कप पीने से पेप्टिक अल्सर के मरीजों को आराम मिलता है।
अल्सर के मरीजों के लिए गाय के दूध से बने घी का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है।
गाय के दूध में एक चम्मच हल्दी डाल कर नित्य पीने से 3 से 6 महीने में कैसा भी अलसर हो, सही होते देखा गया हैं।
अल्सर के मरीजों को बादाम का सेवन करना चाहिए, बादाम पीसकर इसका दूध बना लीजिए, इसे सुबह-शाम पीने से अल्सर ठीक हो जाता है।
सहजन (ड्रम स्टिक) के पत्ते को पीसकर दही के साथ पेस्ट बनाकर लें। इस पेस्ट का सेवन दिन में एक बार करने से अल्सर में फायदा होता है।
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आंतों का अल्सर होने पर हींग को पानी में मिलाकर इसका एनीमा देना चाहिये, इसके साथ ही रोगी को आसानी से पचने वाला खाना चाहिए।
अल्सर होने पर एक पाव ठंडे दूध में उतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर देना चाहिए, इससे कुछ दिनों में आराम मिल जायेगा।
छाछ की पतली कढ़ी बनाकर रोगी को रोजाना देनी चाहिये, अल्सर में मक्की की रोटी और कढ़ी खानी चाहिए, यह बहुत आसानी से पच जाती है।
कच्चे केले की सब्जी बनाकर उसमें एक चुटकी हींग मिलाकर खाएं| यह अल्सर में बहुत फायदा करती है|
अत्यधिक रेशेदार ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें जिससे कि अल्सर होने की सम्भावना कम की जा सके या उपस्थित अल्सर को ठीक किया जा सके।
मुलेठी बहुत गुणकारी औषधि है। मुलेठी के प्रयोग करने से न सिर्फ आमाशय के विकार बल्कि गैस्ट्रिक अल्सर के लिए फायदेमंद है। मुलेठी का चूर्ण ड्यूओडनल अल्सर के अपच, हाइपर एसिडिटी आदि पर लाभदायक प्रभाव डालता है। साथ ही अल्सर के घावों को भी तेजी से भरता है। यह मीठा होता है इसलिए इसे ज्येष्ठीमधु भी कहा जाता है। असली मुलेठी अंदर से पीली, रेशेदार एवं हल्की गंधवाली होती है। कोई भी समस्या न हो तो भी कभी-कभी मुलेठी का सेवन कर लेना चाहिए आँतों के अल्सर ,कैंसर का खतरा कम हो जाता है ।
पालक विभिन्न उदर रोगों में लाभ प्रद है| आमाशय के घाव छालेऔर आँतों के अल्सर में भी पालक का रस लाभ प्रद है| कच्चे पालक का रस आधा गिलास नित्य पीते रहने से कब्ज- नाश होता है| पायरिया रोग में कच्ची पालक खूब चबाकर खाना और पत्ते का रस पीना हितकर है
नारियल पानी बहुत बढ़िया हैं, आप इसको निरंतर हर रोज़ पीजिये।
सुबह खाली पेट तुलसी के 5 पत्ते खाए।
गेंहू के जवारों का रस अमृत सामान हैं, अलसर के रोगियों के लिए। रोज़ सुबह इसका सेवन करे, अधिक जानकारी के लिए हमारी ये पोस्ट ज़रूर पढ़े।
रात को सोने से पहले एक चम्मच अर्जुन की छाल को 250 मिली पानी में पकाये, इस में आधा चम्मच मुलेठी का चूर्ण भी डाल ले और आधा रहने पर इसको छान कर पी ले। ये ३ महीने तक करे।
अलसर के लिए विशेष चूर्ण।
आंवला 100 ग्राम, मिश्री 500 ग्राम, सौंफ 100 ग्राम, मुलेठी 100 ग्राम, हरड़ 50 ग्राम, अजवायन 50 ग्राम, धनिया 50 ग्राम, जीरा 50 ग्राम, हींग 5 ग्राम। इन सब को मिक्स कर के एक चम्मच गाय के दूध से बनी हुयी दही की छाछ से नियमित सुबह और शाम को ले। 3 महीने निरंतर ले। आपको बहुत फायदा होगा।
मरीज को हर दो घंटे में कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए।
मरीज को इनसे परहेज करना चाहिए।
कॉफी और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों की संख्या सीमित करें या पूर्णतयः समाप्त कर दें। इन सभी पेय पदार्थों का आमाशय की अम्लीयता में तथा अल्सर के लक्षणों को गम्भीर बनाने में सहभागिता होती है।
अपने अल्सर पूर्णतयः ठीक होने तक शराब के सेवन न करें।
मैदे से बनी हुयी किसी भी वास्तु का सेवन न करे, फ़ास्ट फ़ूड या जंक फ़ूड गलती से भी न खाए।
अल्सर के रोगी को ऐसा आहार देना चाहिये जिससे पित्त न बने, कब्ज और अजीर्ण न होने पाये। इसके अलावा अल्सर के रोगी को अत्यधिक रेशेदार ताजे फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए, जिससे अल्सर को जल्दी ठीक किया जा सके।
अधिक मात्रा में चाय, कॉफी, शराब, खट्टे व गरम पदार्थ, तीखे तथा जलन पैदा करने वाली चीजें, मसाले वाली वस्तुएं आदि खाने से प्राय: अल्सर हो जाता है| इसके अलावा अम्लयुक्त भोजन, अधिक चिन्ता, ईर्ष्या, द्वेष, क्रोध, कार्यभार का दबाव, शीघ्र काम निपटाने का तनाव, बेचैनी आदि से भी अल्सर बन जाता है| पेप्टिक अल्सर में आमाशय तथा पक्वाशय में घाव हो जाते हैं| धीरे-धीरे ऊतकों को भी हानि पहुंचनी शुरू हो जाती है| इसके द्वारा पाचक रसों की क्रिया ठीक प्रकार से नहीं हो पाती| फिर वहां फोड़ा बन जाता है |
पेट और गैस से जुडी सैकड़ो बीमारियों से बचा सकता है – Gastro Sanjeevni
एक स्वस्थ वयस्क इन्सान की सिर्फ आंत में ही करीब 100 खरब बैक्टीरिया पाए जाते हैं. ये अलग-अलग किस्म के होते हैं और उनके हितों के बीच टकराव पैदा होने से बीमारियां उपजती हैं. Gastro Sanjeevni
पिछले दो दशकों में हुई रिसर्च से पता चला है कि पूरी तरह स्वस्थ रहने के लिए आंतों का स्वस्थ रहना कितना जरूरी है. आंतों की सेहत पर लाइफस्टाइल का जबरदस्त असर होता है. ज्यादा कैलोरी वाले जंक फूड और शराब का अधिक सेवन, इसके अलावा रेशेदार भोजन और हरी सब्जियां न खाने से पाचन तंत्र के रोगों का खतरा बढ़ जाता है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है. गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग, इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम, फंक्शनल डिस्पेप्सिया, मोटापा, कब्ज, फिस्टुला, fissure ,लीवर में फैट जमना, गैस्ट्रिक, अपच, एसिडिटी , और पेप्टिक अल्सर जैसे रोग लाइफस्टाइल से जुड़े गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों में शामिल हैं.
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लंबे समय तक जारी रहने पर तनाव की वजह से इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम और पेट में अल्सर जैसी पाचन संबंधी तकलीफें हो सकती हैं. जांच के लिए डॉक्टरों के पास जाने वाले रोगियों की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि गैस्ट्रोइसोफेगल रीफ्लक्स (जीईआरडी) अब पाचन संबंधी सामान्य रोग बन गया है. जीईआरडी में असल में पेट के अंदर मौजूद अम्ल यानी एसिड इसोफेगस (भोजन नली) में वापस चले जाते हैं. इससे सीने में जलन तो होती ही है, उल्टी की शिकायत भी होती है. इसके अलावा फेफड़े, कान, नाक या गले की भी कई तकलीफें आ पड़ती हैं. इसके साथ कई परेशानियां जुड़ी हैं. मसलन, इसोफेगस में छाले और संकुचन जैसी परेशानियां भी हो जाती हैं. जीईआरडी अगर लंबे समय तक रह गया तो एक नई अवस्था आ सकती है, जिसका नाम है बैरेट्स इसोफेगस और इसका अगर समय पर इलाज न किया गया तो इसोफेगस का कैंसर भी हो सकता है.
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों का इलाज Only Ayurved’s GASTRO SANJEEVNI
पेट में गैस की समस्या के मुख्य कारण एसिडिटी, बदहज़मी, पेट में दर्द और सीने में जलन।
गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग,पेट फूलना, इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम IBS, एसिडिटी, फंक्शनल डिस्पेप्सिया, मोटापा, कब्ज, फिस्टुला, fissure ,, गैस्ट्रिक, अपच, एसिडिटी जैसे सैकड़ो रोगों की शुरुआत पेट से होती है इन सब से बचने के आप बस अपनी रोज की जीवनशैली में Only Ayurved की GASTRO SANJEEVNI को शामिल करे और मुक्त रहे अनेको बिमारियों से Only Ayurved की GASTRO SANJEEVNI दिन में दो बार 15 ml से 30 ml सुबह खाली पेट और रात को सोते समय आधा कप पानी के साथ लेना है इसे लेने के 30 min पहले और 30 min बात तक कुछ नहीं खाना पीना है . Only Ayurved की GASTRO SANJEEVNI की कीमत 200 ml 160 रूपए और 500 ml 380 रूपए में उपलब्ध है इस के साथ Only Ayurved का त्रिफला रस लेने से आप को कुछ दिनों में ही राहत मिलना शुरू हो जाएगी .
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों के बारे में जरूरी जानकारी–
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों के कारण:
जीवन शैली इस तरह के रोग बेहिसाब शराब और सिगरेट पीने, फास्ट फूड ज्यादा खाने और काम के वक्त दफ्तर में तनावपूर्ण स्थितियां बनने से होते हैं.
जेनेटिक कारण इस बारे में ताजा अध्ययनों से पता चला है कि जेनेटिक रचना में एकाएक आए किसी तरह के बदलाव के कारण पैंक्रियाइटिस और पित्ताशय की पथरी जैसे रोग अधिक होते हैं.
आसपास का परिवेश और स्वच्छता साफ-सफाई की कमी से हेपेटाइटिस और तपेदिक जैसे संक्रमण होते हैं.
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एहतियाती उपाय:
पोषक खुराक लें, कसरत करें, धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें, खुद को साफ रखने के अलावा टीके वगैरह भी जरूरी हैं. पेट, बड़ी आंत, लीवर कैंसर की जांच भी करवाएं.
आपके नजदीकी Only Ayurved Dealer list और उनकी Location जहाँ से आप GASTRO SANJEEVNI और त्रिफला रस ले सकते है
आपके नजदीकी Only Ayurved Dealer list और उनकी Location
बिहार
पटना – 7677551854
गोपालगंज – 9431059379
गया (इमामगंज) – 9771898989
मधेपुरा – 9546552233
छत्तीसगढ़
बिलासपुर – 9584891808, 9926758959, 9300333438
रायपुर – 9644133772
दुर्ग भिलाई – 9691305217
झारखण्ड
मनिका – लातेहार – 9801290105
धनबाद – 7004458228
महाराष्ट्र
मालेगांव (नासिक) – डॉ. फरीद शेख 9860785490
धुले – 8999909029
नासिक – 9270928077
पुणे – 9209211786
नागपुर – 8830998853
*शोलापुर – 8308604642
कोल्हापुर – 9923280004
अहमद नगर – राओरी – 8605606664
कल्याण – 8454050864
टिटवाला – 9821315415
मलाड – 9967293444
घाटकोपर – 07738350032
भंडारा – 9422174853
औरंगाबाद – 7020505445
जालना – 7020505445
तामिलनाडू
चेन्नई – 9884164854
गुजरात
अहमदाबाद – 9974019763, 7874559407
पालनपुर ( डॉ. हिदायत मेमन ) – 9428371583
द्वारिका – 9033790000
चिकली – 9427869061
अंकलेश्वर – भरूच – 8460090090
वड़ोदरा – 7574857452
सूरत – 8866181846, 9879157588
भुज / मुंद्रा – 9974576143
जामनगर – 9974199748
मध्यप्रदेश
भोपाल – 7987552689
इंदौर – 9713500239
जबलपुर – 9039868554
ग्वालियर – 9229239248
उत्तर प्रदेश
मेरठ – 8449471767
हापुड़ – 9528777776
हाथरस ( U. P. ) – 9997397043, 7017840020
मथुरा ( वैध रविकांत जी ) – 9259883028
फ़िरोज़ाबाद – 8445222786 वैध रविन्द्र सिंह
फ़र्रुख़ाबाद – 9839196374
सुल्तानपुर – 9125131178
रायबरेली – 9236038215
वाराणसी – 9125349199
गोरखपुर – 9792960999
सिद्धार्थ नगर – 9936404080
महाराजगंज – 9455426806
लखनऊ – 9140546350
लखनऊ आयुष चिकित्सालय – 7071332332
इटावा – 9557463131 डॉ. कौशलेन्द्र सिंह
उत्तराखंड
ऋषिकेश – 7456987328
देहरादून – 9897890225
दिल्ली – NCR
सराय कालें खां – 9015439622, 9871490307
गाज़ियाबाद – 9719077555
Greater Noida – 9310299100
गुडगाँव – 9310330050
फ़रीदाबाद – 9315154682
हरियाणा
रोहतक – 9518103148
फ़रीदाबाद – 9315154682
चंडीगढ़ – 9877330702
डबवाली – 9416218182
पंजाब
बठिंडा – 9779566697
डबवाली – 9416218182
मलोट – 9878100518
मलेर कोटला – 9872439723
लुधियाणा – 9803772304
मोगा – 9988009713
जालंधर – 9814832828
अमृतसर – 8872295800
होशियारपुर उड़मुड टांडा – 9803208718
मोहाली – 09216411342
मुकेरियां – 9815296322
राजस्थान
जयपुर – 8107329121
जोधपुर – 8005724956
सिरोही – 9875238595
उदयपुर – 9875238595
फतेहपुर शेखावाटी – 9636648998
चुरू – 7976194800
उदयपुर वाटी (झुंझुनू) डॉ राकेश कुमार – 9351606755
संगरिया – 7597714736
हिमाचल प्रदेश
नालागढ़ – 9816022153
चिन्तपुरणी – 9816414561
अगर आप Only Ayurved के साथ मिलकर ये काम करना चाहते हैं तो संपर्क कीजिये
उत्तर प्रदेश 7017840020
महाराष्ट्र – 9860785490
मुंबई – 8454050864
गुजरात – 8866141846
बिहार – 7677551854
हरियाणा – 9315154682
पंजाब – 9779566697
मध्य प्रदेश – 7987552689
छत्तीसगढ़ – 9300333438
अन्य राज्यों के लिए संपर्क करें. 7014016190
Nice informations
please upay bataye
mughe hamesa pet phula sa rahta hai acidity jyada banti hai kuch khane ka man nahi karta seene me jalan bhi hoti hai awam gale me bhi jalan tipe ki hoti hai sar bhari sa rahta hai kisi kam ko samaghane me jaldi samagh nahi aata. doc.ko dikhaya par koi aram nahi milta hai par pet me jalan ke sath thoda dard hota hai dabane poar kate jaisa chubhana,altrasound bhi karaya par kuch nahi sab normal hai,kripya sughaw de
Bhai tumhe hyperactivity ki problem hai. Lal-hari sab mirch tyag do. Subah sham koi antacid tab jaise genetac ya rantak lo. Raat me gungune pani Eisabgol lo sath me nityam chunna lo. Khane me fibrous diet lo. No more oily and spicy food. Daily walk karo thoda yoga bhi.khush rahi no tension.drink karte ho bilkul chod do. Improve your life style. U will be fine. Yadi fayda n ho to better consult some reputed gastrologist who should be at least an MD.
Hello sir Namaskr sir मुझे पेट समबनधि समस्या है जो कि पेट साफ नहीं होता खुलकर मल निकास नहीं होता है और लिवर कमजोर हो गयी है भुक नहीं लगता है please advice me and treatment
सर अप्प सोठ को पानी मे भिगोलो रात को सुबह उसमे से20g
सिल बट्टे या मिकसर मे पिस्ले थोडा सा दैसी घी 1 चम्मच ले
गैस पर बर्तन रख कर उसमे घी डालो और सोठ मे थोडा पानी मिला कर उसको बर्तन मे डाल दो और सुआद अनुसार चीनी डालो थोडा गरम करो.वो हल्वा सा होजाय उसे उसे खाओ.
सुभा खाना खाने के बाद और रात को खाना खाने के बाद.
मै अप्प को सब कुछ कही से पड़कर नहीं बता रहा हु.मै खुद भोत परेशान था और सब जगह दिखाया था .तब मैने किया था .एक वेद जी है उन्हों नै बताया था .तबसे जिसको भी बताता हु वो ठीक होजाता है
Sir aap ne jo jankari di he vo kabile tarif hai plz agar koi book aati ho to plz plz batayiye
Badiya jankari hai sir margdarshan karte rahen
Mujhe kabhi kabhi khane Kai baat Bhute gas Banti hi Aur left somach mai cramp Sai hote hi but not regular aur apne app theek ho jati hain.. Koi solution batao please.. Mai Bhute pareshan Ho giya Hun .
6-month back endoscopy karwayia tha koi alcer nhin tha.. Gastritis batiya tha.. Antacid Tu lee rha Hun
Please koi easy medicine or solution batiya
Sir mujhe ulcers hai mujhe bet me har wat jaln rhti hai mujhe jaln ka upay bataiye ?