कैसा भी हो अलसर – मुलहठी कर देगी बेअसर – अलसर में दवाओं से भी जल्दी असर करेगी मुलहठी – जानिए इसके उपयोग के तरीके और सावधानियां – Ulcer और Acidity में बेहद रामबाण है मुलहठी – देती है तुरंत राहत.
आज हम आपसे अलसर और एसिडिटी के विषय में बेहद सरल और प्रभावी उपयोग बताने जा रहें हैं. जिन लोगों को अलसर हो चूका है, वो लोग और जिनको हमेशा एसिडिटी रहती है और वो उस से बचना चाहते हैं तो वो ये प्रयोग ज़रूर करें. आइये अब जानते हैं इस प्रयोग को.
Ulcer और Acidity में आज से ही मुलहठी लेना शुरू करें – ये प्रयोग आपको बचाएगा पेट के कैंसर से
अलसर एक भयंकर अवस्था है जो आगे चल कर कैंसर भी बन सकती है, अलसर मुख्यतः अपने पेट की कोशिकाओं के Defense mechanism में कमी होने के कारण और HCL (Hydro chloric Acid) की मात्रा अत्यधित स्त्रावित होने के कारण होता है. यह मुख्यतः दो प्रकार का होता है, एक होता है Gastric Ulcer और दूसरा होता है duodenal ulcer.
Gastric Ulcer पेट में होता है और duodenal ulcer छोटी आंत में होता है.
अलसर होने के ऐसे कारण जो शायद आप नहीं जानते होंगे.
अगर कोई समय पर कोई व्यक्ति खाना नहीं खाता, तो शरीर से एसिड तो समय पर निकलता ही है, वो एसिड को अगर समय पर खाना मिले तो वो खाने को छोटे छोटे टुकड़ों में बदल कर भोजन के पाचन में सहयोग देता है और अगर उस समय खाना नहीं मिलता तो वो पेट की कोशिकाओं को ही खाना शुरू कर देता है. जिस कारण वो नष्ट होने लगती हैं और ये अलसर का रूप धारण कर लेती है. इसी कारण से आयुर्वेद में भोजन करने के सही समय के बारे में विस्तार से बताया गया है के किस किस समय पर सुबह दोपहर और शाम को खाना खा लेना चाहिए.
जो लोग काफी लम्बे समय तक दर्द निवारक दवाएं और स्टेरॉयड खातें हैं तो उनमे अलसर होने के चांस बहुत ज्यादा होते हैं, इसीलिए दर्द नाशक दवाएं और स्टेरॉयड कभी भी खाली पेट नहीं लेनी चाहिए.
जो लोग स्मोकिंग करते हैं, पान तम्बाकू खाते हैं, शराब पीते हैं, उनमे अलसर होने के ज्यादा चांस पाए जाते हैं, क्यूंकि ये चीजें एसिडिटी को बढ़ाती हैं.
तनाव में रहने से शरीर में अत्यधिक एसिड निकलते हैं जो भी अलसर का मुख्य कारण बनते हैं.
यही उपरोक्त कारण एसिडिटी के हैं और एसिडिटी लम्बे समय तक रहने से अलसर बन जाती है.
अलसर मुख्या रूप से Helicobactor Pylori नामक बैक्टीरिया से होता है, जो आमाशय के कैंसर का एक मुख्या कारण है.
अब आइये जानते हैं इस रोग का एक बेहद सरल सा इलाज.
जिन लोगों को एसिडिटी ज्यादा रहती हो या जिन लोगों को अलसर भी हो गया है, वो मुलहठी का नित्य सेवन करें. इसके लिए आप मुलहठी को कूट पीस कर इसका चूर्ण कर लीजिये. अब एक चम्मच मुलहठी को 2 गिलास पानी में गर्म करें, जब एक गिलास पानी रह जाए तो इसको सुहाता सुहाता पी लें. या 2 ग्राम मुलहठी को सुबह शाम घड़े के पानी के साथ निगल लें. और या फिर अगर ऐसा भी नहीं कर सकते तो मुलहठी का छोटा टुकड़ा जेब में रखें इसको चूसते रहें दिन भर.
यह मुंह के छालों में भी बहुत उपयोगी है. इसके लिए इसको मुंह में रखकर चबाते रहें.
कैसे करती है मुलहठी काम.
मुलहठी के अन्दर Glycyrhizin नामक केमिकल पाया जाता है, जो अपनी आमाशय की अन्दर की कोशिकाओं के ऊपर एक Protective Cover बना देता है. इसके कारण निकलने वाले HCL एसिड का डायरेक्ट संपर्क कोशिकाओं से नहीं हो पाता और कोशिकाओं का Defense mechanism मज़बूत हो जाता है. जो लोग लम्बे समय से दर्द निवारक दवाएं या स्टेरॉयड खा रहें हैं उस से जो Gastric Ulcer हो जाता है या फिर उस से बचाव के लिए मुलहठी का ये गुण 100 % फायदा करता है.
मुलहठी सेवन में सावधानी.
3 प्रकार के रोगी अर्थात जिनको हार्ट लीवर और किडनी से सम्बंधित गंभीर समस्या हो तो वो फिर इसके सेवन से बचें, छोटे मोटे रोगों में इतनी चिंता की बात नहीं. मगर जिनको ऊपर बताये गए तीनो रोगों में से कोई गंभीर समस्या हो वो इसका सेवन ना करे.
जो लोग एंटी एसिड दवाएं जैसे Gelucil, diagene इत्यादि दवाएं ले रहें हैं वो भी इसका सेवन कर सकते हैं. इस के सेवन से इन दवाओं का असर बढेगा.
पेट और गैस से जुडी सैकड़ो बीमारियों से बचा सकता है – Gastro Sanjeevni
एक स्वस्थ वयस्क इन्सान की सिर्फ आंत में ही करीब 100 खरब बैक्टीरिया पाए जाते हैं. ये अलग-अलग किस्म के होते हैं और उनके हितों के बीच टकराव पैदा होने से बीमारियां उपजती हैं. Gastro Sanjeevni
पिछले दो दशकों में हुई रिसर्च से पता चला है कि पूरी तरह स्वस्थ रहने के लिए आंतों का स्वस्थ रहना कितना जरूरी है. आंतों की सेहत पर लाइफस्टाइल का जबरदस्त असर होता है. ज्यादा कैलोरी वाले जंक फूड और शराब का अधिक सेवन, इसके अलावा रेशेदार भोजन और हरी सब्जियां न खाने से पाचन तंत्र के रोगों का खतरा बढ़ जाता है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है. गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग, इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम, फंक्शनल डिस्पेप्सिया, मोटापा, कब्ज, फिस्टुला, fissure ,लीवर में फैट जमना, गैस्ट्रिक, अपच, एसिडिटी , और पेप्टिक अल्सर जैसे रोग लाइफस्टाइल से जुड़े गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों में शामिल हैं.
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लंबे समय तक जारी रहने पर तनाव की वजह से इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम और पेट में अल्सर जैसी पाचन संबंधी तकलीफें हो सकती हैं. जांच के लिए डॉक्टरों के पास जाने वाले रोगियों की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि गैस्ट्रोइसोफेगल रीफ्लक्स (जीईआरडी) अब पाचन संबंधी सामान्य रोग बन गया है. जीईआरडी में असल में पेट के अंदर मौजूद अम्ल यानी एसिड इसोफेगस (भोजन नली) में वापस चले जाते हैं. इससे सीने में जलन तो होती ही है, उल्टी की शिकायत भी होती है. इसके अलावा फेफड़े, कान, नाक या गले की भी कई तकलीफें आ पड़ती हैं. इसके साथ कई परेशानियां जुड़ी हैं. मसलन, इसोफेगस में छाले और संकुचन जैसी परेशानियां भी हो जाती हैं. जीईआरडी अगर लंबे समय तक रह गया तो एक नई अवस्था आ सकती है, जिसका नाम है बैरेट्स इसोफेगस और इसका अगर समय पर इलाज न किया गया तो इसोफेगस का कैंसर भी हो सकता है.
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों का इलाज Only Ayurved’s GASTRO SANJEEVNI
पेट में गैस की समस्या के मुख्य कारण एसिडिटी, बदहज़मी, पेट में दर्द और सीने में जलन।
गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग,पेट फूलना, इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम IBS, एसिडिटी, फंक्शनल डिस्पेप्सिया, मोटापा, कब्ज, फिस्टुला, fissure ,, गैस्ट्रिक, अपच, एसिडिटी जैसे सैकड़ो रोगों की शुरुआत पेट से होती है इन सब से बचने के आप बस अपनी रोज की जीवनशैली में Only Ayurved की GASTRO SANJEEVNI को शामिल करे और मुक्त रहे अनेको बिमारियों से Only Ayurved की GASTRO SANJEEVNI दिन में दो बार 15 ml से 30 ml सुबह खाली पेट और रात को सोते समय आधा कप पानी के साथ लेना है इसे लेने के 30 min पहले और 30 min बात तक कुछ नहीं खाना पीना है . Only Ayurved की GASTRO SANJEEVNI की कीमत 200 ml 160 रूपए और 500 ml 380 रूपए में उपलब्ध है इस के साथ Only Ayurved का त्रिफला रस लेने से आप को कुछ दिनों में ही राहत मिलना शुरू हो जाएगी .
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों के बारे में जरूरी जानकारी–
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों के कारण:
जीवन शैली इस तरह के रोग बेहिसाब शराब और सिगरेट पीने, फास्ट फूड ज्यादा खाने और काम के वक्त दफ्तर में तनावपूर्ण स्थितियां बनने से होते हैं.
जेनेटिक कारण इस बारे में ताजा अध्ययनों से पता चला है कि जेनेटिक रचना में एकाएक आए किसी तरह के बदलाव के कारण पैंक्रियाइटिस और पित्ताशय की पथरी जैसे रोग अधिक होते हैं.
आसपास का परिवेश और स्वच्छता साफ-सफाई की कमी से हेपेटाइटिस और तपेदिक जैसे संक्रमण होते हैं.
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एहतियाती उपाय:
पोषक खुराक लें, कसरत करें, धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें, खुद को साफ रखने के अलावा टीके वगैरह भी जरूरी हैं. पेट, बड़ी आंत, लीवर कैंसर की जांच भी करवाएं.
आपके नजदीकी Only Ayurved Dealer list और उनकी Location जहाँ से आप GASTRO SANJEEVNI और त्रिफला रस ले सकते है
आपके नजदीकी Only Ayurved Dealer list और उनकी Location
बिहार
पटना – 7677551854, 7480099296
छपरा – 9473221039
गोपालगंज – 9431059379
गया (इमामगंज) – 9771898989
मधेपुरा – 9546552233
छत्तीसगढ़
बिलासपुर – 9584891808, 9926758959, 9300333438
रायपुर – 9644133772
दुर्ग भिलाई – 9691305217
झारखण्ड
मनिका – लातेहार – 9801290105
पश्चिम बंगाल – West Bengal
कोलकाता – 7003386968
असम
महाराष्ट्र
मालेगांव (नासिक) – डॉ. फरीद शेख 9860785490
धुले – 9270558484
नासिक – 9270928077
पुणे – 9209211786
अकोला – 7020579564
वर्धा – 9579997503
नागपुर – 8830998853
शोलापुर – 8308604642
कोल्हापुर – 9923280004
अहमद नगर – राओरी – 8605606664
कल्याण – 8454050864
टिटवाला – 9821315415
मलाड – 9967293444
घाटकोपर – 07738350032
बोरीवली – 9004316923
भंडारा – 9422174853
औरंगाबाद – 7020505445
जालना – 7020505445
विरार – 9892967369
अमरावती – 9765332255
कर्नाटक – Karnataka
धारवाड़ (Dharwad) – 9844984103
बैंगलोर (Bangalore) – 7019098485
तामिलनाडू
चेन्नई – 9884164854
तेलंगाना
हैदराबाद – 08374457775
गुजरात
अहमदाबाद – 9974019763, 7874559407
पालनपुर ( डॉ. हिदायत मेमन ) – 9428371583
द्वारिका – 9033790000
चिकली – 9427869061
अमरेली – 9427888387
अंकलेश्वर – भरूच – 8460090090
वड़ोदरा – 7574857452
सूरत – 8866181846, 9879157588
भुज / मुंद्रा – 9974576143
जामनगर – 9974199748
मध्यप्रदेश
भोपाल – 7987552689
इटारसी – 6260342004
सारणी – 8989831927
इंदौर – 9713500239
विदिशा – 9131055585
जबलपुर – 9039868554
ग्वालियर – 9229239248
कटनी – 9074901083
उत्तर प्रदेश
मेरठ – 8449471767
हाथरस ( U. P. ) – 9997397043, 7017840020
मथुरा ( वैध रविकांत जी ) – 9259883028
अलीगढ – 9027021056
आगरा – 9027143749, 8923234014
फ़िरोज़ाबाद – 8445222786 वैध रविन्द्र सिंह
मैनपुरी – 8449601801
फ़र्रुख़ाबाद – 9839196374
सुल्तानपुर – 9125131178
रायबरेली – 9236038215
वाराणसी – 9125349199
इलाहाबाद ( डॉ. सी. पी. सिंह ) – 9520303303
गोरखपुर – 9792960999
सिद्धार्थ नगर – 9936404080
महाराजगंज – 9455426806
लखनऊ – 9140546350
इटावा – 9557463131 डॉ. कौशलेन्द्र सिंह
उत्तराखंड
ऋषिकेश – 7456987328
दिल्ली – NCR
सराय कालें खां – 9015439622, 9871490307
सुभाष नगर – 9911006202
कड़कड़डूमा – 7827444007
गाज़ियाबाद – 9719077555
Greater Noida – 9310299100
गुडगाँव – 9310330050
फ़रीदाबाद – 9315154682
हरियाणा
हिसार – 9518884444
हसनपुर पलवल – 9050272757
पानीपत – 9812126662
रोहतक – 9467770773
बाढ़डा ( चरखी दादरी ) – 9813210584
फ़रीदाबाद – 9315154682
चंडीगढ़ – 9877330702
डबवाली – 9416218182
पंजाब
बठिंडा – 9779566697
डबवाली – 9416218182
कोट कपूरा – 9872320227
मलोट – 9878100518
मलेर कोटला – 9872439723
लुधियाणा – 9803772304
मोगा – 9988009713
जगराओं – 9646683463
रोपड़ – 9478391123, 8528386098
जालंधर – 9814832828
अमृतसर – 8872295800
होशियारपुर उड़मुड टांडा – 9803208718
गुरदासपुर – 9815483791
मोहाली – 09216411342
मुकेरियां – 9815296322
चंडीगढ़ – 9877330702
राजस्थान
जयपुर – 8290706173
दौसा – 7737497140
जोधपुर – 8005724956
अजमेर – 7976779225
मकराना – 8619299924
सिरोही – 9875238595
उदयपुर – 9875238595
टोंक – 9509392472
फतेहपुर शेखावाटी – 9636648998
चुरू – 7976194800
उदयपुर वाटी (झुंझुनू) डॉ राकेश कुमार – 9351606755
संगरिया – 7597714736
हिमाचल प्रदेश
नालागढ़ – 9816022153
कुल्लू – 8219500630
चिन्तपुरणी – 9816414561
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उत्तर प्रदेश 7017840020
महाराष्ट्र – 9860785490
मुंबई – 8454050864
गुजरात – 8866141846
बिहार – 7677551854
हरियाणा – 9315154682
पंजाब – 9779566697
मध्य प्रदेश – 7987552689
छत्तीसगढ़ – 9300333438
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