क्या है विटामिन ए और क्या होता है इसकी कमी से ?
विटामिन ए दो फार्म में पाए जाते हैं: रेटिनॉल और कैरोटीन। विटामिन ए आंखों से देखने के लिये अत्यंत आवश्यक होता है। साथ ही यह बीमारी से बचने के काम आता है। यह विटामिन शरीर में अनेक अंगों जैसे, स्किन, बाल, नाखून, ग्रंथि, दांत, मसूडा और हड्डी को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है।
विटामिन ए वसा में घुलनशील विटामिन है। सब्जियों का रंग जितना गहरा और चमकीला होगा, उनमें कैरोटिनॉयड की मात्र उतनी ही अधिक होगी। विटामिन शरीर के सभी अंगों को सुचारू रूप में चलाने में मदद करता है। हालांकि यह हमारे भोजन में विभिन्न रूपों में पर्याप्त रूप से रहता है, लेकिन अगर इसकी कमी भी हो तो इसकी पूर्ति के लिए प्राकृतिक स्रोतों का ही लाभ उठाना चाहिए।
विटामिन ए की कमी के लक्षण-
कान में फोड़ा, सूखे बाल, सूखी त्वचा, क्रोनिक डायरिया, सर्दी-जुखाम, थकान, नींद न आना, नाइट ब्लाइंडनेस, निमोनिया, प्रजनन में कठिनाई, साइनस, कमजोर दांत, वजन में कमी |
विटामिन ए के उपयोग
अच्छी सेहत के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण विटामिन है। यह आंखों की रौशनी को तेज कर के उसकी मासपेशियों को मजबूत बनाता है। यह भ्रूण की नार्मल ग्रोथ और डेवलेप्मेंट के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। त्वचा के लिए स्वास्थ्यवर्धक होता है। रक्त में कैल्सियम का स्तर बनाए रखने और हडिडयों के संवर्द्ध के लिए आवश्यक है।हडिडयों, दांत, और ऊतकों के रख-रखाव के लिए आवश्यक है। ऊर्जा पैदा करने के लिए सभी कोशिकाओं को इसकी जरुरत पडती है।स्वस्थ रहने के लिए विटामिन ए के दोनों रूपों का सेवन करना चाहिए। कैरोटिनॉयड रूप विशेष परिस्थितियों में रेटिनॉयड रूप में परिवर्तित हो जाता है।
किसे चाहिए अधिक विटामिन ए-
शाकाहारी लोगों और शराब का सेवन करने वालों को इसकी अधिक जरूरत होती है। लिवर की बीमारियों, सिस्टिक फाइब्रोसिस आदि से पीड़ित लोगों को भी विटामिन ए की आवश्यकता होती है। कई लोग समझते हैं कि विटामिन ए केवल एक विशेष पदार्थ होता है, जबकि इसमें पोषक तत्वों की एक विस्तृत श्रृंखला होती है। हर पोषक पदार्थ के अपने लाभ होते हैं। अधिक मात्र में विटामिन ए का सेवन ‘विटामिन के’ के अवशोषण को प्रभावित करता है। वसा में घुलनशीन विटामिन के रक्त का थक्का बनाने के लिए जरूरी है।
विटामिन ए के स्रोत-
चुकंदर, साग, ब्रोकली, साबुत अनाज, पनीर, गिरीदार फल, बटर, गाजर, मिर्च, डेयरी प्रोडक्ट, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडा, बींस, राजमा, आम, सरसों, पपीता, धनिया, चीकू, मटर, कद्दू, लाल मिर्च, सी फूड, शलजम, टमाटर, शकरकंद, तरबूत, मकई के दाने, पीले या नारंगी रंग के फल, कॉड लीवर ऑयल आदि।
सावधानी-
अत्याधिक विटामिन ए लेने से शरीर पर अनेक दुर्प्रभाव हो सकते हैं जैसे कि सिरदर्द, देखने में दिक्कत, थकावट, दस्त, बाल गिरना, स्किन खराब हो जाना, हड्डी और जोडों में दर्द, कलेजा को नुकसान पहुंचना और लडकियों में असमय मासिक धर्म। गर्भ के दौरान खास सावधानी – अत्याधिक विटामिन ए, पेट में पलते बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है।