विटामिन डी की अहमियत और इसके प्रमुख शाकाहारी स्त्रोत.
विटामिन डी शरीर के लिए बहुत अहम् विटामिन है. इसकी कमी के कारण हड्डियाँ कमज़ोर पड़नी शुरू हो जाती हैं, दांत भी जल्दी टूटने लगते हैं. इसकी कमी के कारण कैंसर और मधुमेह जैसे रोगों को शरीर में पनपने का मौका मिलता है. तो आइये जानते हैं विटामिन डी की अहमियत और इसके प्रमुख स्त्रोत.
विटामिन डी क्यों ज़रूरी है शरीर के लिए.
हम जो भोजन करते हैं इसमें कैल्शियम और फास्फोरस जो हम भोजन के द्वारा ग्रहण करते हैं, इसको शरीर में बेहतर ढंग से पचाने के लिए विटामिन डी की आवश्यकता होती है. अगर विटामिन डी की कमी शरीर में हो तो कैल्शियम और फास्फोरस को शरीर पचा नहीं पायेगा और ये शरीर में अपशिष्ट पदार्थ बन कर पड़े रहेंगे. जिससे हमारी हड्डियाँ कमज़ोर होंगी, दांत कमज़ोर होंगे, और पत्थरी की नियमित शिकायत होना शुरू हो जाएगी. ऐसे में सीधे सीधे विटामिन डी हड्डियों को दांतों को मजबूत रखने के साथ साथ अनेकों रोगों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अनेक आधुनिक शोधो में ये प्रमाण हो चूका है के विटामिन डी कैंसर, मोटापे और मधुमेह जैसे भयंकर रोगों से रक्षा करने में बेहद प्रभावशाली है.
विटामिन डी के प्रमुख स्त्रोत.
Vegetarian source of Vitamin D.
भारतीय गाय का दूध और इस दूध से बने सभी पदार्थ जैसे मक्खन, घी, दही इत्यादि विटामिन डी का अच्छा स्त्रोत है. इसके अलावा विटामिन डी का प्रमुख स्त्रोत सुबह 6 से 8 बजे की धुप है… शरीर को खुला रख कर धुप को सीधे शरीर पर पड़ने दीजिये… इसके अलावा मशरूम, बादाम दूध, गाजर, ड्राई फ्रूट्स, पत्ता गोभी, टोफू इत्यादि में विटामिन डी मिल जाता है.
साबुत अनाज विटामिन डी का अच्छा स्त्रोत है. इसके लिए साबुत अनाज को सीधा सेंक लीजिये. या बाड़ में झोंकवा कर सिकवा लीजिये. पुराने बुज़ुर्ग लोग आज भी कहीं कहीं जैसे राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि इलाकों में चने और गेंहू को साबुत ही सिकवा कर खाया जाता है. इससे शरीर को विटामिन डी की भी आपूर्ति हो जाती है साथ में उच्च कोटि का फाइबर भी मिल जाता है, जो अनेक रोगों से बचाने में सक्षम है.
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