नाम में छोटी, मगर गुणों में बहुत बड़ी है ये छोटी इलायची।
छोटी इलायची खून बढ़ाने, बदहज़मी, भूख बढ़ाने, एसिडिटी में, फेफड़ो के रोगो, हृदय रोगो, डी टॉक्सिफिकेशन, मुंह के रोगो, खांसी, हिचकी, सिरदर्द, पेशाब के रोगो और यहाँ तक के कैंसर के रोगो में भी अत्यंत लाभकारी हैं। इसलिए तो नाम में छोटी और गुणों में बहुत बड़ी हैं ये छोटी इलायची। आइये जाने विभिन्न बीमारियो में इसके प्रयोग।
इलायची का इस्तेमाल भारत में पुराने समय से होता आ रहा है। और यह घरेलू नुस्खों में सबसे पहले स्थान पर आती है। इलायची स्वास्थ के लिहाज से अच्छी मानी जाती है, हालांकि इसका सेवन आमतौर पर मसाले के रूप में किया जाता है। लेकिन इसका प्रयोग करके कई बीमारियों से निजात मिल सकती है। इलायची को मसालों की महारानी कहा जाता है। तीव्र सुगन्ध और स्वाद की वजह से इसका इस्तेमाल विभिन्न व्यंजनों में होता है। अरोमाथेरेपी में भी इलायची के तेल का प्रयोग किया जाता है। जहां बड़ी इलायची को हम व्यंजनों को लजीज बनाने के लिए एक मसाले के रूप में प्रयोग करते हैं, वहीं पर छोटी इलायची व्यंजनों में खुशबू बढ़ाने के काम आती है। दोनों ही प्रकार की इलायची हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती हैं। इलायची का प्रयोग भोजन पकाने में करने से हमारा शरीर कई रोगों से निजात पा सकता हैं।
इलायची खाने के कई फायदे हैं, जिस तरह भी हो एक-दो इलायची रोजाना खाते रहिए ।
इलायची दो प्रकार की होती है बड़ी इलायची और छोटी इलायची। दोनों ही आपकी सेहत के लिए बेहद जरूरी हैं। कैसे इलायची आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है जानें हमारे इस लेख में।
हम इस लेख में जानेंगे छोटी इलायची के फायदों के बारे में।
छोटी इलायची के है बड़े बड़े फायदे।
शरीर को एनीमिया से बचाती है:
एक गिलास गर्म दूध में एक या दो चुटकी इलायची पाऊडर और चौथाई या आधा चम्मच हल्दी मिलाएँ. एनीमिया के लक्षणों और कमजोरी से राहत पाने के लिए इसे हर रात पिएँ.
लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण में सहायक:
इलायची एक सुगंधित मसाला है. सामान्यतया यह मीठे व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग में लाई जाती है. इसकी गंध तीक्ष्ण होती है. इसीलिए इसका उपयोग माऊथ फ्रेशनर के रूप में किया जाता है. इसमें आयरन, राइबोफ्लेविन और विटामिन ‘सी’ के साथ-साथ नियासिन भी पाया जाता है. ये लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
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बदहजमी की शिकायत
आयुर्वेद के अनुसार यदि आपको बदहजमी की शिकायत है तो दो से तीन इलायची, अदरक का एक छोटा सा टुकड़ा, थोड़ी सी लौंग और सूखा धनिया पीस लें. इस पाऊडर को गर्म पानी के साथ सेवन करें. पेट से जुड़ी पाचन संबंधित सभी व्याधियाँ खत्म हो जाएँगी.
पाचनक्रिया को सुचारू बनाती है:
खाने के बाद अक्सर लोग इलायची का उपयोग माऊथ फ्रेशनर के रूप में करते हैं. जानते हैं क्यों? दरअसल इलायची प्राकृतिक रूप से गैस को खत्म करने का काम करती है. पाचनक्रिया को बढ़ाती है. पेट की सूजन कम करती है, व यह छाती की जलन को खत्म करने का काम करती है.
भूख नहीं लगती तो
अगर आपको भूख नहीं लगती तो आप एक इलायची हमेशा अपने मुंह में रखिये, धीरे धीरे आपकी भूख भी खुल जाएगी.
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एसिडिटी से छुटकारा:
इलायची चबाने पर इसमें से कई तरह के तेल निकलते हैं, जो आपकी लार ग्रंथियों को उत्तेजित करते हैं, इससे पेट ठीक तरह से कार्य करता है. ये तेल पेट एवं आँतों में ठंडक का अहसास कराते हैं. इसीलिए इसे चबाने से एसिडिटी से होने वाली जलन दूर हो जाती है.
पेट की गैस में राहत
इलायची पेट में गैस और एसिडिटी में राहत देती है। यदि खाना खाने के बाद एसिडिटी हो आप खाना खाने के बाद तुंरत इलायची को खाएं।
फेफड़ों से जुड़े रोगों का है प्राकृतिक इलाज:-
इलायची सर्दी, ज़ुकाम, खाँसी, अस्थमा और फेफड़ों से जुड़ी दूसरी बीमारियों से राहत दिलाती है. आयुर्वेद में इलायची की तासीर गर्म मानी गई है. यह शरीर को अंदर से गर्म रखती है व इसके सेवन से कफ़ बाहर हो जाता है. सर्दी, खाँसी या छाती में बलगम जमाव है, तो इन परेशानियों से राहत पाने के लिए इलायची सबसे बेहतर प्राकृतिक उपचार है. यदि आपको ज्यादा सर्दी हो रही हो तो भाप लेते समय गर्म पानी के बर्तन में इलायची के तेल की कुछ बूँदें डाल दें तेजी से आराम मिलता है.
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हृदय-गति को नियमित करना:
इलायची पोटैशियम, कैल्शियम आदि खनिजों से भरपूर होने के कारण यह शरीर की इलेक्ट्रोलिसिस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इलायची दिल की गति को नियमित करने में मदद करती है. साथ ही, यह ब्लडप्रेशर को भी नियंत्रित करती है. इसीलिए अगर आप अपने हृदय को हमेशा स्वस्थ बनाए रखना चाहते हैं तो अपने दैनिक भोजन में इलायची को अवश्य शामिल करें.
ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए फायदेमंद
जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की दिक्कत हो वे इलायची का नियमित रूप से इस्तेमाल करें एैसा करने से ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है और आराम भी मिलता है।
शरीर के अन्दर मौजूद विभिन्न विषों को नष्ट करती है:
इलायची मैंगनीज का एक प्रमुख स्रोत है. ‘मैंगनीज’ एन्जाईम के स्राव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, फ्री रेडिकल्स को नष्ट करता है, तथा शरीर से जहरीले तत्व बाहर करने का कार्य बखूबी संपन्न करता है.
छालों में राहत
यदि मुंह में छालें हो तो आप बड़ी इलायची का प्रयोग करें। बड़ी इलायची को बारीक पीसें और उसमें थोड़ी चीनी डाकर छालों वाली जगह पर रखें। आपको राहत मिलेगी।
मुंह की बदबू से राहत
जिन लोगों को सांस की बदबू की समस्या हो वे खाना खाने के बाद हमेशा एक छोटी इलायची का सेवन करें।
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साँस की दुर्गंध दूर करती है:
इलायची में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। साथ ही, इसका तीक्ष्ण स्वाद और तीक्ष्ण महक साँसों की दुर्गंध दूर करती है व पाचनतंत्र को मजबूत बनाती है. रोज खाने के बाद एक इलायची खाएँ या रोज सुबह इलायचीयुक्त दूध अथवा काढ़ा पी सकते हैं.
गले में खराश या दर्द
जिन लोगों के गले में दर्द या खराश की दिक्कत हो वे छोटी इलायची के अंदर के दानें निकालकर उन्हें बारीक करके चबाएं और बाद में गुनगुना पानी पीएं।
खांसी में दे राहत
खांसी होने पर अदरक, छोटी इलायची और लौंग के साथ 3 तुलसी के पत्तों को मिलाकर खाने से खांसी में राहत मिलती है।
अधिक हिचकी को रोकना
अधिक हिचकी भी इंसान के लिए खतरनाक हो सकती है। यदि आपको अधिक हिचकी आती हो तो तुंरंत छोटी इलायची का सेवन करें। आपको हिचकी से तुंरत राहत मिलेगी।
सिरदर्द, पेशाब में जलन
इलायची का पेस्ट बनाकर माथे पर लगाने से सिरदर्द में तुरंत आराम मिलता है और पेशाब में जलन होने पर, इलायची को आंवला, दही और शहद के साथ सेवन करने से समस्या दूर होती है।
कैंसर रोधी
इलायची कैंसर रोधी है, इसका नियमित सेवन आपको कैंसर जैसी भयंकर बीमारी से बचने में सहायक हैं।
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Ap achi jankari de rahe h thanks
Haldi ka doodh conceive karne par ya pregnancy me bhi pi sakte hai?
pee sakte hai.. conceive me koi dikkat ho to aap palash ke patto wala prayog kare.. upar ladies ke link me pregnency wali post padhe…
Mother ko liver m dard hota h .kai saal se h ye prblm.tension m jyada hota h .iska desi or permanent ilaaj h kya.?? Plz rpy
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