पुरूषों के लिए रामबाण ,अचूक वाजीकरण आयुर्वेदिक योग
परिचय –
आजकल भागदोड़ भरी जिन्दगी में और गलत खान-पान व गलत शोक की वजह से पुरषों में अनेक ऐसी शारीरिक बीमारीयों से घिर जाता है तथा अपने ग्रहस्थ जीवन को अच्छी प्रकार से चलाने में असमर्थ हो जाता है इसलिए आपके लिए ऐसे अनेक आयुर्वेदिक उपाय बता रहे हे जिससे आपके ग्रहस्थ जीवन में कोई बाधा न हो .
रोग – वाजीकरण हेतु
दवा –
तालमखाना ,गोखरू ,कोंच बीज ,सफेद तिल ,उडद को बराबर-बराबर लेकर चूर्ण करे .रख ले और इसे दूध के साथ सेवन करे बहुत ही लाभकारी है अनुभूत है .
रोग -वीर्य बढ़ाना व वाजीकरण हेतु
दवा –
विदारीकन्द चूर्ण में विदारीकन्द के स्वरस की 7 भावनाए देकर छाया में सुखा ले ,6 ग्राम चूर्ण को घी व शहद (घी से दुगना शहद ) में मिलाकर चाट ले तथा ऊपर से दूध पी ले ,इसके नित्य सेवन से अधिक शारीरिक शक्ति का उद्गम होता है ,
रोग – पोरुष प्राप्ति के लिए सर्दियों में खाने योग्य योग
दवा –
उडद की धूलि दाल 60 ग्राम को पहले घी में भुन ले और इसे 1 किलो भेंस के दूध में डाल खीर बना ले यह दवा एक महीने तक ले बहुत लाभ होगा
रोग -ओरतो की कमजोरी को दूर करने के लिए
दवा –
अश्वगन्धारिष्ट 3 ढक्कन ,अशोकारिष्ट 3 ढक्कन ,सारस्वतारिष्ट 1 ढक्कन तीनो को मिला ले तथा इसमें 50 ग्राम ताजा पानी मिलाकर भोजन के बाद स्त्री को पिलावे हर प्रकार की कमजोरी दूर होगी .
रोग -वीर्य वर्धक पाक
दवा –
सालम मिश्री 50 ग्राम ,अखरोट गिरी 10 ग्राम ,बादाम 100 ग्राम ,नारियल गिरी 100 ग्राम ,चारो मगज 150 ग्राम ,पिस्ता 20 ग्राम ,कीकर गोंद 20 ग्राम ,नागोरी गोंद 20 ग्राम ,कमर कस 20 ग्राम ,मुलहटी 20 ग्राम ,कोंच बीज 20 ग्राम ,सोया 20 ग्राम ,हरड ,बेहडा ,आंवला 10-10 ग्राम ,इलायची बीज 10 ग्राम ,पीपल 10 ग्राम ,सोंठ 10 ग्राम ,खोवा 300 ग्राम ,घी 150 ग्राम ,खांड बुरा सफेद 500 ग्राम ले बादाम ,पिस्ता ,अखरोट ,नारियल ,चारो मगज इन सबको छोडकर बाकि चीजे कूट पिस ले बादाम गिरी निकाल ले , पिस्ता के छोटे टुकड़े कर ले ,अखरोट नारियल मोटा-मोटा कूट ले चार मगज बिना कूटे रख ले ,पहले खावे को 250 ग्राम घी में भुन ले हल्का बादामी रंग होने पर सिवाय खांड के सब ओषधिय को मिला मंद-मंद आच पर भुन ले , गहरा बादामी रंग होने पर खांड भी डाल ले तथा कडछि से चलाते रहे ,ठंडा होने पर रख ले और 10-20 ग्राम की मात्रा में प्रात गर्म व मीठे दूध के साथ इसका सेवन करे .
रोग -वाजीकरण और वीर्य गाढ़ा करने के लिए –
दवा –
ईसबगोल ,सालम मिश्री ,सालम पंजा ,सतावर ,गोखरू ,तालमखाना ,तोदरी ,बीज बंद ,कोंच बीज ,तुलसी बीज , बबूल का कच्चा गोंद ,असगंध नागोरी ,गोंद कतीरा सभी 20-20 ग्राम और सफेद मुसली 50 ग्राम लेकर कूट पीसकर रख ले और 1-1 चम्मच सुबह शाम दूध के साथ 40 दिनों तक सेवन करे बहुत लाभ होगा .
रोग -स्तम्भक व वाजीकरण –
दवा –
असगंध चूर्ण 3 ग्राम ,मुसली पाक 6 ग्राम ,मन्मथ रस 2 रती ये एक समय की मात्रा हे ऐसे सुबह शाम मिश्री मिले दूध के साथ लेने से बहुत लाभ होता है .