Thursday , 26 December 2024
Home » itching » खुजली » उपदंश ,सुजाक ,पुयमेह रोगों के अनुभूत आयुर्वेदिक चिकित्सा- लाभ ले>

उपदंश ,सुजाक ,पुयमेह रोगों के अनुभूत आयुर्वेदिक चिकित्सा- लाभ ले>

उपदंश ,सुजाक ,पुयमेह रोगों के अनुभूत आयुर्वेदिक चिकित्सा- लाभ ले>

परिचय –

इस प्रकार के रोग पहले नही हुआ करते थे क्योंकि पहले लोग संयमी हुआ करते थे आजकल लोग ज्यादा कामुक

हो गये है 7 से 14 दिनों में इस रोग के लक्षण पैदा होते है सबसे पहले इंद्री पर मसूर के दाने के बराबर एक दाना

निकलता है जो 6-7 दिनों में फुट जाता है तथा घाव बन जाता है इसका पस जहा-जंहा लग जाता है वहा-वंहा

घाव हो जाता है .रोग के शुरू में इंद्री की जड में एक प्रकार की खुजली होती है .पेशाब में धीरे -धीरे लिंग की त्वचा

ऊपर से सिमित जाती है इंद्री की जड में खुजली होती है .पेशाब में धीरे -धीरे जलन बढती है .कुछ दिनों में पेशाब

से पस भी आना लगती है .इंद्री का मुंह लाल हो जाता है और इंद्री सूज जाती जलन बढ़ जाती है .

1.- उपदंश की चिकित्सा से पहले मल फुलाने की दवा –

दवा —- गुलबनफ्शा ,और फुल ,गाजंवा ,खुब्बानी ,सनाय पत्ती 3-3 ग्राम ,खतमी ,कासनी ,सोंफ ,सोंफ की जड ,

कासनी की जड ,मकोय ,गुलाब के फुल ,मुलहटी 5-5 ग्राम ,उन्नाव 6-6 नग ,पानी 500 ग्राम सबको मोटा -मोटा

कूटकर सुबह -भिगो कर रख दे तथा रात को क्वाथ बनाकर 200 ग्राम शेष रहने पर मिश्री मिलाकर रोगी

को पिला दे .

2.- रोगी को खुलकर पेशाब लेन के कुछ नुस्खे –

दवा  —- गंध बिरोजे का तेल ,कबाव चीनी का तेल ,चन्दन तेल बराबर -बराबर लेकर मिला ले .

10 -10 बूंद दवा आधी चम्मच चीनी में मिलाकर सेवन कराए .शीघ्र आराम होगा .

3.- उपदंश —

दवा —- सत्यनाशी का रस व पानी बराबर मिलाकर भभके से अर्क निकाल ले .और यह अर्क 20 -20 ग्राम मात्रा

में सुबह -शाम दे . दुराचार के कारण हुए इस रोग से यदि  तालू में सुराख़ भी हो गया हो ,तो वह भी ठीक हो जाता है

4.- सुजाक 3 दिन में ठीक –

दवा —- यवक्षार की डेड -डेड ग्राम की दो पुडिया बना ले तथा 100 -100 ग्राम कच्चे दूध के दो शीशे वाले गिलास

लस्सी बनाकर रख ले .अब यवक्षार की दूसरी पुडिया मुख में रख दुसरे दूध गिलास में नींबू निचोड़ यह दूध पी ले

ऐसा 3 दिन पिने से सुजाक शांत हो जायेगा -अनुभव हे

5 .- उपदंश –

दवा —- उपदंश कुठार वटी दे .

6 .आतशक \सुजाक –

दवा —– अनन्नास के ऊपर पत्ते होते है उनमे से सबसे छोटे व मुलायम 4-5 पत्ते सिलबट्टे पर पिस थोडा

इ मिला रोगी को पिला दे .2-3 दिन प्रतिदिन ऐसा करे .3-4 दिनों में रोगी ठीक हो जाएगा .

7.- सुजाक (पुयेमह )

दवा —- शुद्ध बिरोजा ,चने की दाल भुनी हुई ,शीतलचीनी सभी बराबर -बराबर ले ,सबको खरल करके जंगली बेर

जितनी गोलियां बना ले .1-1 गोली सुबह -शाम दूध से जल से 40 दिनों तक ले .इस दवा से कुछ दिनों में आराम

आ जाता है .अनुभूत नुस्खा है .

8.- सुजाक –

दवा —- फिटकरी शुद्ध ,गुड बराबर -बराबर ले .दोनों को अच्छी तरह मिलाकर 1-1 ग्राम की गोलिया बना ले

या केप्सुलो में भर ले और दिन में केवल एक बार एक गोली 500 ग्राम छाछ के साथ 21 दिनों तक ले .गोली छाछ

से ही ले तथा फिर दिन भर में छाछ बिल्कुल न ले .

9.- उष्णवात –

दवा —- शुद्ध फिटकरी 10 ग्राम ,सोनागेरू 10 ग्राम ,सत -बिरोजा 5 ग्राम ,मिश्री 25 ग्राम सभी को कूट -पीसकर

छानकर रख ले और तीन ग्राम की मात्रा में सुबह -शाम गाय के दूध के साथ दे .बढ़े हुए रोग में तीन बार दे ये दवा

ही कारगर और अचूक हे ,गुड ,तेल खटाई ना खाए .

10 .- सुजाक व उपदंश –

दवा  —- अमरबेल 20 ग्राम लेकर पिस कर इसका रस निकाल ले ,यह रस पीते रहने से 15- 20 दिनों में ही इन

रोगों से मुक्ति मिल जाती है .

11 .-उपदंश के घाव –

दवा —- सिंगरफ 5 ग्राम ,रस कपूर 3 ग्राम ,मुर्दाश्न्ख 5 ग्राम ,देशी घी 60 ग्राम ले और सबको कूट -पिस घी में

मिला ये मलहम बन जाएगी .यह मलहम इंद्री के घावो पर लगाई जाती है .यह मलहम लगातार दो महीने तक

लगाते रहे इससे स्त्री और पुरुष के उपदंश मिट जायेंगे .स्त्री सम्भोग ना करे .

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status