आज हम VASAKA ( अडूसा ) के पौधे की चर्चा कर रहे है. जो कि हर प्रकार की खाँसी को मिटाने की क्षमता रखता है आइये जाने कैसे ….
VASAKA के पोधे को सामान्यता ADULSA( अडूसा ) , MALABAR NUT और ADHATODA के नाम से जाना जाता है. इसका botanical नाम Adhatoda vasica है जो की Acanthaceae family से सम्बंधित है . इस पौधे की पत्तियों के रस को उपयोग में लिया जाता है
सामान्य बोलचाल की भाषा में इसके नाम है
- Bengali – Bakas
- Gujrati – Adsoge
- Vasaka in Hindi – Arusha
- Kannada – Adusoge
- Malayalam – Adalodagam
- Marathi – Adulsa
- Sanskrit – Vasa
- Tamil – Adatodai
- Telugu – Addasaramu
अडूसा का रासायनिक संघटन
अडूसा की पतियों में मुख्य रूप से vasicine, vasicinone, 6 hydroxy vasicine पाया जाता है . vasicine आक्सीकृत होकर vasicinone में बदल जाता है. जो कि bronchodilator और expectorant है .
Bronchodilator – यह रसायन हमारे फेफड़ो की नलियों को खोलने या उन्हें relax करने का काम करते है . जिससे श्वास लेने में आसानी रहती है .
Expectorant – यह वह रसायन है. जो बलगम को पतला करके फेफड़ो से बाहर निकालने में सहायक होते है
अडूसा के स्वास्थ्य लाभ Health benefit of adulsa in hindi
अडूसा की पत्तियों के रस को हर प्रकार की cough ( खासी ) में उपयोग किया जा सकता है .
अडूसा एक बहुत ही अच्छा bronchodilator और expectorant है जो की हमारी श्वास नलियों को खोलने का काम करता है .और फेफड़ो में जमा cough ( बलगम ) को ढीला करके फेफड़ो से बाहर निकालता है .
asthma( दमा )
tuberculosis ( तपेदिक )
copd ( chronic obstructive pulmonary diseases )
bronchitis ( श्वास नलियों में सुजन )
जेसी बीमारियों से होने वाली भयंकर से भयंकर cough (खासी ) को रोकने के लिए किया जाता है .
अडूसा के इन्ही गुणों के कारण इसका उपयोग काफी सारीआयुर्वेदिक cough सिरप में किया जाता है . अडूसा में पाए जाने वाले vasicine से ही BROMHEXINE बनाया जाता है जो कि एलोपैथिक cough syrup का मुख्य घटक है
अडूसा को उपयोग करते समय याद रखने वाली बाते
ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से उल्टी ओर दस्त हो सकते है .
अतिविशेष-
गर्भावस्था के अंदर इसका उपयोग कभी भी नही करना चाहिए क्योकि इसमें पाया जाने वाला vasicine मुख्यता oxytocin और methyl ergometrine की तरह काम करता है जो कि abortificient( गर्भपात करने वाले ) होते है इसलिए गर्भावस्था में अडूसा का सेवन कभी भी नहीं करना चाहिए नहीं तो गर्भपात हो सकता है .
अडूसा को उपयोग करने का तरीका how to use adulsa
अडूसा के 4 से 5 पतियों के रस को शहद और अदरक के रस के साथ मिलकर लेने से हर प्रकार की cough (खासी ) में लाभ मिलता है .
डेंगू बुखार का काल हैं मेथी के पत्ते, और गिलोय पपीता तुलसी रातों-रात बढ़ाते हैं प्लेटलेट्स – अमृत रस
आजकल के मौसम में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और टाइफाइड जैसी बीमारियां बहुत ही आम हो गई हैं। बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर कोई इन बीमारियों की चपेट में आ रहा है। डेंगू एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जिसकी चपेट में आने पर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। यह रोग मच्छर के काटने से होता है। डेंगू के बारे में सबसे खास बात यह है कि इसके मच्छर दिन के समय काटते हैं तथा यह मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। डेंगू के दौरान रोगी के जोड़ों और सिर में तेज दर्द होता है और बड़ों के मुकाबले यह बच्चों में ज्यादा तेजी से फैलता है।
डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स का स्तर बहुत तेजी से नीचे गिरने के कारण यदि इसका इलाज तुरंत न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है। डेंगू के इलाज में अगर आप अंग्रेजी दवाओं से कुछ खास असर नहीं दिख रहा है तो आप साथ साथ घरेलू नुस्खे भी अपना सकते हैं। हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप डेंगू से छुटकारा पाने के साथ ही कुछ दिनों में रोगी की प्लेटलेट्स भी बढ़ा सकते हैं।
डेंगू बुखार का काल हैं मेथी के पत्ते।
डेंगू में रातों-रात प्लेटलेट्स बढ़ाते हैं गिलोय पपीता तुलसी ।
डेंगू के सब से आयुर्वेदिक दावा है अमृत रस ।
मेथी के पत्ते
डेंगू से बचाव के लिए मेथी के पत्ते बहुत फायदेमंद होते हैं। ये बुखार को ठीक करने में मददगार होते हैं। मेथी से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं जिससे डेंगू के वायरस भी खत्म होते हैं। मेथी के पत्ते पीड़ित का दर्द दूर कर उसे आसानी से नींद में भी मदद करते हैं। इसकी पत्तियों को पानी में भिगोकर उसके पानी को पीने से प्लेटलेट्स भी बहुत जल्दी बढ़ती हैं। इसके अलावा मेथी के पत्तों को पानी में उबालकर हर्बल चाय के रूप में इसका प्रयोग किया जा सकता है।
प्लेटलेट बढ़ाने के लिए गिलोय
गिलोय की बेल का सत्व मरीज को दिन में 2-3 बार दें, या गिलोय के 7-8 पत्तों को लेकर कुचल लें उसमें 4-5 तुलसी की पत्तियां लेकर एक गिलास पानी में मिला कर उबालकर काढा बना लीजिए और इसमें पपीता के 3-4 पत्तों का रस मिला कर लेने दिन में तीन चार लेने से रोगी को प्लेटलेट की मात्रा में तेजी से इजाफा होता है। प्लेटलेट बढ़ाने का इस से बढ़िया कोई इलाज नहीं है। यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो किसी आयुर्वेदिक स्टोर से आप गिलोय घनवटी लेकर एक एक गोली रोगी को दिन में 3 बार दे सकते हैं।
प्रभावशाली दवा है बकरी का दूध
बकरी का दूध बहुत से लोगों को भले ही पसंद न हो लेकिन इसके फायदे बहुत हैं। डेंगू बुखार के लिए बकरी का दूध एक और बहुत ही प्रभावशाली दवा है। बकरी के दूध में गिरते हुए प्लेटलेट्स को तुरंत बढ़ाने की क्षमता होती है। डेंगू के उपचार के लिए रोगी को बकरी का कच्चा दूध थोड़ा-थोड़ा करके पिलाएं, इससे प्लेटलेट्स बढ़ने के साथ-साथ जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलेगा।
ऐसे में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने की बहुत आवश्यकता होती है, इसके लिए प्राकृति ने हमको 3 विशेष चीजें दी हैं जो आयुर्वेद के साथ एलॉपथी जगत में भी विशिष्ट स्थान रखती हैं. इनमे हैं गिलोय, तुलसी और पपीते के पत्ते. ये तीनों चीजें ही हमको स्वास्थ्य का भरपूर खजाना देते हैं. इन्ही सब गुणों को देखते हुए Only Ayurved ने इन तीनो को मिलाकर अमृत रस निकाला है, जिसको सिर्फ 3 से 5 दिन पीने से आपका किसी भी प्रकार का वायरल फीवर, स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया इत्यादि में आराम हो सकता है. इसको आप दिन में 30 – 30 ml 3 बार गर्म या गुनगुने पानी के साथ लीजिये. और अनाज इत्यादि से परहेज करवाएं. सिर्फ फलाहार पर रहें. और चाय तो बिलकुल बंद कर दीजिये. Amrit Ras, Swine flu ka ilaj, dengue ka ilaj
इस के आलावा यह अमृत रस रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में एवं स्वाइन फ्लू, डेंगू, Viral Fever, typhoid, डायबिटीज , सुजन, गठिया, आर्थराइटिस, सोरैसिस, एक्जिमा, मुहासे, इत्यादि के लिए बेहद लाभकारी है एवं यह प्राकृतिक रक्त शोधक भी है .
गिलोय पपीता और तुलसी से बना Amrit Ras, Swine Flu ka ilaj
इन सभी चीजो को देखते हुए Only Ayurved ने इन तीनो चीजो का स्वरस निकला है, जिसमे गिलोय पपीता और तुलसी का स्वरस है यह अमृत रस छोटे मोटे बुखार से ले कर के किसी भी प्रकार के फ्लू से लड़ने में बेहद सक्षम है भयंकर रोगों में इस का सेवन 30 Ml. सुबह शाम एक गिलास पानी में और स्वस्थ व्यक्ति जो कबी बीमार नहीं होना चाहता वो इस का एक चम्मच सुबह शाम सेवन करें.
इस के आलावा यह अमृत रस रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में एवं स्वाइन फ्लू, डेंगू, Viral Fever, typhoid, डायबिटीज , सुजन, गठिया, आर्थराइटिस, सोरैसिस, एक्जिमा, मुहासे, इत्यादि के लिए बेहद लाभकारी है एवं यह प्राकृतिक रक्त शोधक भी है. Amrit Ras, Swine Flu ka ilaj, dengue ka ilaj
Amrit Ras कहाँ से मिलेगा. Swine Flu ka ilaj, dengue ka ilaj
अमृत रस की Franchisee लेने के लिए आप Only Ayurved के CEO चेतन सिंह जी से संपर्क कर सकते हैं 7014016190 और अगर आप ये प्रोडक्ट लेना चाहते हैं तो आप निमिन्लिखित जगहों पर संपर्क कर सकते हैं.
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सुल्तानपुर – 9125131178
रायबरेली – 9236038215
वाराणसी – 9125349199
इलाहाबाद ( डॉ. सी. पी. सिंह ) – 9520303303
गोरखपुर – 9792960999
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महाराजगंज – 9455426806
लखनऊ – 9140546350
इटावा – 9557463131 डॉ. कौशलेन्द्र सिंह
उत्तराखंड
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सुभाष नगर – 9911006202
कड़कड़डूमा – 7827444007
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Greater Noida – 9310299100
गुडगाँव – 9310330050
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बाढ़डा ( चरखी दादरी ) – 9813210584
फ़रीदाबाद – 9315154682
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डबवाली – 9416218182
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डबवाली – 9416218182
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मलेर कोटला – 9872439723
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मुकेरियां – 9815296322
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दौसा – 7737497140
जोधपुर – 8005724956
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मकराना – 8619299924
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उदयपुर – 9875238595
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चुरू – 7976194800
उदयपुर वाटी (झुंझुनू) डॉ राकेश कुमार – 9351606755
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हरियाणा – 9315154682
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