Friday , 8 November 2024
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Mild Psoriasis

स्किन कैंसर का घरेलू उपचार Skin Cancer Home Remedies

स्किन कैंसर का घरेलू उपचार Skin Cancer Home Remedies

 

त्वचा की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि को स्किन कैंसर (Skin Cancer) कहते हैं जो प्राय: शरीर के उस अंग की त्वचा में होता है जहां सूर्य की किरणें सीधे पड़ती है। जैसे चेहरा, होंठ, गर्दन, बांह, हाथ और महिलाओं की पैर की त्वचा पर।

हालांकि कुछ ऐसे मामले भी देखे गए हैं जिसमें शरीर के उस अंगों की त्वचा में भी स्किन कैंसर हुए हैं जहां सूरज का किरणें पड़ती ही नहीं हैं जैसे- हथेली, हाथ की उंगलियों के नाखून की त्वचा, पैर के अंगूठे की त्वचा और जननांग।

स्किन कैंसर तब होता है जब त्वचा की कोशिकाएं असामान्य ढ़ंग से विभाजित होने लगती है। इस तरह के असामान्य विभाजन की स्थिति में काफी मात्रा में कैंसर सेल का निर्माण होता है। स्किन कैंसर हर तरह के स्किन टोन वाले व्यक्ति को हो सकता है।

चाहे ड्राय स्किन हो, ऑयली स्किन, सेंसेटिव स्किन या नार्मल स्किन हो। त्वचा के रंग या त्वचा पर पाए जाने वाले तिल का आकार या रंग बदलने लगे तो यह स्किन कैंसर के लक्षण हैं। अगर सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से बच कर रहा जाए तो स्किन कैंसर की संभावना कम होती है।

कौन सी कोशिकाओं में स्किन कैंसर होता है?

Skin Cancer

स्किन कैंसर की शुरुआत सबसे पहले त्वचा की सबसे उपरी परत से होती है जिसे इपीडर्मिस कहते हैं। इपिडर्मिस त्वचा की सबसे पतली परत है जो त्वचा की सुरक्षा करती है। इपिडर्मिस का निर्माण तीन तरह की कोशिकाओं से होता है।

सैक्वमस सेल- त्वचा की उपरी परत के ठीक नीचे की कोशिका जो त्वचा की आंतरिक बनावट में मुख्य भूमिका निभाती है।

बेसल सेल- यह त्वचा में नई कोशिकाओं का निर्माण करती है। यह सैक्वमस सेल के ठीक नीचे होता है।

मेलानोसाइट- मेलानोसाइट कोशिका स्किन पिगमेंट मेलानिन का उत्पादन करती है जिससे स्किन टोन और त्वचा के रंग का निर्धारण होता है। यह इपिडर्मिस के ठीक नीचे होता है। जब आप सूर्य की रोशनी या धूप मे होते हैं तो त्वचा की आंतरिक परत की सुरक्षा के लिए मेलानिन का उत्पादन काफी मात्रा में होने लगता है।

स्किन कैंसर मुख्य तौर पर तीन प्रकार के होते हैं (Types of Skin Cancer)

1. बेसल सेल कार्सिनोमा

यह कैंसर सबसे आम होता है। यह त्वचा की निचली परत की मूल कोशिकाओं में धीरे-धीरे बढ़ता है और शरीर के अन्य भागों में फैलता है। शुरुआती लक्षण मिलते ही इसका इलाज कराना जरुरी है। यह शरीर के उस भागों में होता है जहां सूर्य की पराबैंगनी किरणें सीधे पड़ती है जैसे चेहरा, कान, खोपड़ी।

2. सैक्वमस सेल कार्सिनोमा

यह स्किन कैंसर त्वचा की ऊपरी परत को प्रभावित करता है। ज्यादातर मामलों में सैक्वमस सेल कार्सिनोमा सूर्य की पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आने से होता है। ये आम तौर पर उन लोगों में पाया जाता है जो लोग ज्यादा समय धूप में बिताते हैं, खासकर उजली और नीली आंखों वाले लोग।

3. मेलानोमा

यह सबसे घातक होता है। इस कैंसर में गले में सूजन या खुजली महसूस कर सकते हैं, यह शरीर पर कहीं भी हो सकता है। इसमें तेजी से घाव बढ़ जाते हैं जो अक्सर कई रंगों जैसे काले और गुलाबी रंग के होते हैं। जब मेलेनोमा का उपचार नहीं किया जाता, तो यह त्वचा के अलावा शरीर के अन्य भागों में भी फैलने लगता है, जिससे हालत बहुत गंभीर हो जाती है।

 

सामान्य उपचार

 

स्किन कैंसर का इलाज (Treatment of Skin Cancer)

स्किन कैंसर का इलाज संभव है लेकिन यह एक जटिल प्रकिया से होता है। स्किन कैंसर से बचाव ही सबसे बेहतर उपाय माना जाता है। स्किन कैंसर से बचने के लिए निम्न बातों पर ध्यान दें:

सनस्क्रीन क्रीम या लोशन का इस्तेमाल करें (Use Suns Cream)

तेज धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन का प्रयोग करें। यह सूर्य की पराबैंगनी किरणों से त्वचा की रक्षा करता है। सनस्क्रीन क्रीम या लोशन सनबर्न से त्वचा की सुरक्षा करती है।

सनस्क्रीन क्रीम या लोशन में एसपीएफ 30 रहनी चाहिए (SPF 30)

सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणें यूवीए और यूवीबी दो तरह की होती हैं। यूवीए किरणें त्वचा की पिग्मेंटेशन को बढ़ाती हैं, जबकि यूवीबी किरणें टैनिंग और स्किन कैंसर का कारण बनती हैं। इसलिए यूवीए से बचाव के लिए एसपीएफ और यूवीबी से बचाव के लिए अपने सनस्क्रीन क्रीम या लोशन की जांच कर लें। यूवीबी किरणों से बचाव के लिए सनस्क्रीन कम में कम से कम एसपीएफ 30 रहनी चाहिए।

विटामिन डी की सही मात्रा लें (Take Vitamin D)

भोजन में उपयुक्त मात्रा में विटामिन डी लें। यह हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ त्वचा को सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से भी बचाता है। ग्रीन टी पिएं, इसमें मौजूद तत्व पॉलीफेनल स्किन कैंसर से बचाव करता है। टमाटर और अंगूर में पॉलीफेनल पाए जाते हैं।

त्वचा पर तेल से मालिश करें (Massage)

त्वचा पर बादाम और नारियल तेल से मालिश करें। बादाम और नारियल के तेल में प्राकृतिक तौर पर एसपीएफ होता है। वहीं रसभरी के बीज के तेल में एसपीएफ 30 तथा गेहूं के तेल में विटामिन ई होता है जो आपको एसपीएफ 30 देता है।

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संस्क्रीन (सन क्रीम) में धूप से बचने के लिए कई टॉक्सिक केमीकल भरे होते हैं जो त्वचा को जरूरी विटामिन डी भी नहीं लेने देते।

कई बार न्यूट्रीशनल डेफिशियेंसी (Nutritional Defficiency) भी त्वचा के कैंसर का कारण होती है। त्वचा के कैंसर से इन घरेलू नुस्ख़ों को आजमाकर इलाज संभव हो सकता है

त्वचा के कैंसर से बचाव के लिए घरेलू नुस्ख़े (Home Remedies for Skin Cancer)

काली रस्पबेरी के बीजों का तेल (Black Raspberry Seed Oil)

रस्पबेरी के बीज एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं, जिससे इनमें कैंसर से बचाव की ताकत होती है। काली रस्पबेरी न केवल कैंसर को रोकती है बल्कि यह सीधे तौर पर कैंसर पैदा करने वाली जड़ पर प्रभाव डालती है। साथ ही कैंसर से लड़ने के लिए व्यक्ति की इम्यूनिटी (immunity) भी बढ़ाती है।

हल्दी (Turmeric)

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन (Curcumin) तत्व कैंसर के सेल्स को मारने में प्रभावी है साथ ही कैंसर को होने से भी रोकता है। खासकर ब्रेस्ट कैंसर, पेट का कैंसर और त्वचा कैंसर में हल्दी अधिक प्रभावी है।

कुछ चीजों को अवॉइड करे (Necessary Precautions)

त्वचा कैंसर से प्रभावित होने पर किसी भी ऐसे खाने से बचना चाहिए जो शरीर में इन्फ्लेमेशन को बढ़ाए, क्योंकि कैंसर एसिडिक और टॉक्सिक माहौल में ज्यादा फैलता है। ऐसे में ज्यादा तले और मसाले वाले खाने से दूर रहें। साथ ही फास्ट फूड, आर्टिफिशियल शुगर, कॉर्न सीरप, ऐसा खाना जिसमें ज्यादा फैटी एसिड हो, मीट और ट्रांस फैट आदि वाले खाने से बचना चाहिए।

विटामिन डी (Vitamin D)

कैंसर से बचाव के लिए विटामिन डी बेहद जरूरी है। इसके लिए कुछ देर धूप में बैठें। धूप में बैठना संभव न हो तो, विटामिन डी 3 सप्लीमेंट के रूप में लिया जा सकता है। विटामिन डी से शरीर की इम्यूनिटी पावर बढ़ती है और शरीर कैंसर से लड़ने के लिए शक्तिशाली बनता है।

बैंगनी बैंगन

कैंसर से बचाव में बैंगन भी बेहद लाभप्रद है। इतना ही नहीं सोलानासे (Solanaceae) परिवार की अन्य सब्जियां जैसे- टमाटर, आलू, शिमला मिर्च, आदि भी कैंसर से बचाव में उतनी ही प्रभावी हैं। बैंगन में मौजूद सोलासोडाइन राहमनोसाइल ग्लाइकोसाइड (Solasodine Rhamnosyl Glycosides) का प्रयोग तो आयुर्वेद में भी त्वचा के कैंसर की क्रीम बनाने में किया जाता है।

इस लेख को लेखक ने बहुत ही ध्यान पूर्वक बनाया है ताकि लोगो को बिना किसी अस्पाताल के खर्च के स्वस्थ किया जा सके इसलिए आपका भी फर्ज बनता है कि इस जानकारी को अधिक से अधिक शेयर करके लोगो तक पहुचाये ।धन्यवाद 

 

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