Thursday , 7 November 2024
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जानिये कैंसर से कैसे बचे ? एवं कैंसर हो जाने पर क्या करे – अति महत्वपूर्ण लेख।

आज हमारे चारो और ही नहीं बल्कि हमारे आस पड़ोस में ये आम ही सुनने को आ जाता हैं के फला व्यक्ति कैंसर से खत्म हो गया, जबकि उसने महंगी से महंगी दवा भी ली और बड़े से बड़े डॉक्टर को भी दिखाया। ये सब सुनते ही मन में एक भय व्याप्त हो जाता हैं के कही हम या हमारे परिवार में कोई इस रोग का ग्रास न बन जाए। मन भय और पूर्वाग्रहों से ग्रसित हो जाता हैं, तो ऐसे में मन में ख्याल आता हैं के क्या हम इस भयंकर रोग से बच सकते हैं ?

कैंसर रोग होने का सबसे प्रमुख कारण दूषित भोजन का सेवन करना है।

धूम्रपान करने से या धूम्रपान करने वाले के संग रहने से कैंसर रोग हो सकता है।

गुटका, पान मसाला, गुटका, शराब तथा तम्बाकू का सेवन करने से कैंसर रोग हो सकता है।

अधिक (श्रम) कार्य करना तथा आराम की कमी के कारण भी कैंसर रोग हो सकता है।

बासी भोजन, सड़ी-गली चीजें तथा बहुत समय से फ्रिज में रखे भोजन को खाने से कैंसर रोग हो सकता है।

तेल, घी को कई बार गर्म करके सेवन करने से भी कैंसर रोग हो सकता है।

दांत, कान, आंख, मलद्वार, मूत्रद्वार तथा त्वचा की सफाई ठीक तरह से न करने के कारण भी कैंसर रोग हो सकता है।

बारीक आटा, चावल, मैदा तथा रिफाइंड का अधिक सेवन करने के कारण भी कैंसर रोग हो सकता है।

गंदे पानी का सेवन करने के कारण भी कैंसर रोग हो सकता है।

आज हम कुछ उन बातो पर चिंतन करेंगे जिनसे हम इस रोग से लड़ाई लड़ सके।

एक बात याद रखे के कैंसर के सेल ऑक्सीजन की उपस्थिति में बढ़ नहीं पाते, इसलिए अगर आप हर रोज़ पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे 1 घंटा बैठ कर लम्बे लम्बे श्वांस लेंगे तो आपको इसकी संभावना बेहद काम हो जाती हैं, इसके साथ में हर रोज़ घर में १ चम्मच देसी गाय का घी जलाये, इस से वायुमंडल में बहुत ऑक्सीजन बनता हैं।

सब से पहले हम उन तथ्यों को देखेंगे जिन से हमारा स्वस्थ्य इतना गिर गया के हम इन भयंकर रोगो से घिर गए और हम इनको बदल कर इन रोगो से बच सकते हैं।

कैंसर रोगियों के लिए बड़ी खबर – हर स्टेज का कैंसर हो सकता है सही – कैंसर का इलाज

1. पानी : –

हमारा देश वह देश हैं जिसके लिए विदेशो में गायन हैं की हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती हैं, हमारा पानी में इतने गुण थे के अकेला यही हमको अनेका अनेक रोगो से बचाता था, मगर एक सोची समझी साज़िश के तहत हमारे पानी को दूषित कर दिया गया। और जिस देश में लोग प्याऊ लगाते थे वहां पानी बंद बोतलों में बिकने लगा।
आज अगर आपके घर में वाटर प्यूरीफायर हैं तो सावधान आप इसका पानी सीधे न पिए, पहले इस पानी को मिट्टी के बर्तन (मटके) में रखे, 8-10 घंटे के बाद इस पानी को उपयोग में ले। हो सके तो इस पानी में 3 या 5 पत्ते तुलसी के डाल दे। और रात को यही पानी ताम्बे के बर्तन में रखे और सुबह खाली पेट यही पिए।

2. तुलसी :-

तुलसी का भारतीयों के जीवन में बहुत बड़ा योगदान हैं, इसको माँ की तरह पूजा जाता हैं, क्युकी इसके सेवन से हमारे शरीर के अनेक अनेक रोग वैसे ही समाप्त हो जाते हैं। हर रोज़ अगर आप 2 या 3 पत्ते तुलसी के खाए तो आपको कैंसर तो छोड़िये ज़ुकाम होने के चान्सेस भी खत्म हो जायेंगे। और तुलसी कैंसर किलर हैं।

3. गाय का दूध :-

हमारे अनेका अनेक धर्म ग्रंथो में चाहे वह हिन्दू हैं चाहे वह मुस्लिम हो चाहे वह सिख धर्म हैं, इनमे गाय के संरक्षण की बात कही गयी हैं, और हिन्दू धर्म में विशेष कर गाय को माँ कहा जाता हैं, इसका कारण सिर्फ कुछ धार्मिक मान्यताये ही नहीं हैं बल्कि इस जीव के दूध में पायी जाने वाली ताक़त हैं, जो हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति को इतना बढ़ा देती हैं जिस से हमारा शरीर हर बीमारी से और हर मौसम से लड़ने के लिए सुदृढ़ हो जाता हैं।
और आप एक परिक्षण कीजिये भैंस,अमेरिकन गाय(जर्सी) और भारतीय गाय को एक ही प्रकार का आहार खिलाइये जो रासायनिक खादो और कीटनाशको से तैयार किया गया हो अब इनका दूध निकालिये और इस दूध को टेस्ट के लिए भेजे, आप पाएंगे के गाय का दूध बिलकुल सामान्य हैं जबकि भैंस और अमेरिकन गाय के दूध में आपको ज़हर के तत्व मिलेंगे।

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4. हल्दी : –

हल्दी का हमारे भोजन में बहुत विशेष स्थान हैं, अक्सर हल्दी को हर शुभ कार्य में इस्तेमाल किया जाता हैं। इसको अपने भोजन में ज़रूर स्थान दे। आज कल बाजार में आर्गेनिक हल्दी भी मिलती हैं जो बिना रसायनो के तैयार की जाती हैं, इसको खाना शुरू करे, सबसे बढ़िया तरीका हैं आप इसको रात में सोते समय एक गिलास गाय के दूध में गर्मी में एक चुटकी और सर्दी में आधा चम्मच डाल कर पिए, इस से भी हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति को इतना बढ़ जाती हैं जिस से हमारा शरीर हर बीमारी से और हर मौसम से लड़ने के लिए सुदृढ़ हो जाता हैं। और ये कैंसर किलर भी हैं।

5. बर्तन : –

अंग्रेजो के आने से पहले हमारा भारत सोने की चिड़िया था, आज भी हैं, मगर आज हम सिर्फ सोने पर ही ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जबकि अपनी रसोई को आधुनिक बनाने के चककर में हमने इस में से वो सब चीजे निकल दी जो हमको स्वस्थ्य देते थे और वह सब शामिल कर लिए जिन से हमको रोग मिलते हैं। पहले हमारे घर में लोहे के, मिटटी के, ताम्बे के और पीतल के बर्तन होते थे, जिनमे खाना बनाने से हमारी सेहत अच्छी रहती थी, मगर हमने इनको छोड़ एल्युमीनियम के बर्तन इस्तेमाल करना शुरू कर दिए। एल्युमीनियम के बर्तन सब से पहले अंग्रेजो ने काला पानी की सजा पाये हुए हमारे क्रांतिकारियों के खाना बनाने में की। इस के उपयोग से लोग दिमागी विकलांग हो जाते हैं और अनेका अनेक रोग उनको घेर लेते हैं। तो अपनी रसोई से इन बर्तनो को निकल फेंकिए। आज कल तो हम रसोई के मामले में और गरीब हो गए हैं, हमने प्लास्टिक के बर्तन इस्तेमाल करने शुरू कर दिए हैं। कृपया इनसे बचे अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं।

6. नमक :-

कुछ साल पहले टेलीविज़न पर एक प्रचार चलता था, के अगर गर्भवती ने गर्भ के दिनों में आयोडीन का इस्तेमाल किया होता तो उसका बच्चा स्वस्थ पैदा होता उसको घेंघा नहीं होता, मंद बुद्धि नहीं होता। और फिर शुरू होती हैं इस नमक के नाम पे हमको ज़हर परोसने की। हम भी कितने बेवकूफ हैं, जो लोग पैसा कमाने के लिए प्रचार कर रहे हैं, उनको हमारी सेहत से क्या मतलब। आयोडीन हमको फलो और सब्जियों में प्रयाप्त मात्र में मिल जाता हैं और फिर भी हमारे पूर्वजो ने इसके लिए सेंधा नमक, पहाड़ी नमक, या काले नमक की व्यवस्था की थी, जिस के सेवन से हमारे कई रोग ख़त्म हो जाते थे। मगर ये नमक जिसको दाना दाना सफ़ेद नमक दिखाया जाता हैं इसके सेवन से आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति काम होती हैं और ये आपको नपुंसक तक बनता हैं। इस पर आप हमारी पुरानी पोस्ट भी पढ़ सकते हैं।

7. दाँतो की पेस्ट : –

आज युवाओ को पथ भ्रमित किया जा रहा हैं, टेलीविज़न में प्रचार कर के। अगर आपको किसी को याद हो तो जब कोलगेट भारत में आई थी तो इसने पेस्ट से पहले मंजन निकाला था, क्युकी उस समय लोग मंजन करना ही पसंद करते थे, और ये मंजन वो घर में ही बना लेते थे, मगर धीरे धीरे मनुष्य आलसी होता गया अब उसको बना बनाया सामान मिलना चाहिए, और इसके चक्कर में वह अपनी सेहत गंवाता गया। आज लोग २ बार ब्रश करते हैं फिर भी दाँतो के रोग बढ़ रहे हैं। और यही नहीं आपको शायद पता ना हो के इस पेस्ट में इतना केमिकल होता हैं के इस के ऊपर ये लिखा जाता हैं के 5 साल के बच्चे को बड़ो की देख रेख में करना चाहिए और अगर वो गलती से इसको निगल ले तो डॉक्टर के पास दिखाए। अब हम फिर भी मूर्ख हैं, वही किये जा रहे हैं, और हमारे कुछ अधिक बुद्धि वाले नौजवान जिनको बहुत ज़्यादा देश भक्ति का नशा हैं, वो कहेंगे के हम तो देशी पेस्ट इस्तेमाल करते हैं, मेरे भाइयो ये पेस्ट संस्कृति ही विदेशी हैं तो इसमें देशी क्या। अगर आपको कुछ इस्तेमाल करना हैं जो स्वस्थ्य की दृष्टि से बढ़िया हो तो आप दातुन या मंजन इस्तेमाल कीजिये। पेस्ट भी कैंसर कारक तत्व हैं। इस से बचिए।

8. कोल्ड ड्रिंक : –

बहुत से लोगो को ये समझ आ गया के पेप्सी कोका कोला ड्यू स्प्राइट ये सब की सब आपको बीमार और कैंसर की और ले के जाती हैं, मगर फिर भी वह पीते हैं, और सब से बड़ी बात घर में खुद माँ बाप ही बच्चो के लिए ये ले कर जाते हैं या उनको पिलाते हैं। तो उन से बड़ा अपने ही बच्चो का दुश्मन कौन हो सकता हैं। इसका संपूर्ण बहिष्कार करे।

9. रिफाइंड तेल : –

भूल कर भी घर में बड़ी से बड़ी कंपनी का कोई भी रिफाइंड तेल इस्तेमाल ना करे, सीधे कोल्हू से निकला हुआ तेल ही इस्तेमाल करे। चाहे सरसों का, चाहे मूंगफली का, चाहे अलसी का। मगर रिफाइंड तेल ज़हर हैं ये भी बहुत बड़ा कैंसर कारक हैं।

ऐसी अनेक हमारे दैनिक में इस्तेमाल होने वाली वस्तुए हैं, जिनको आप अपने विवेक से इस्तेमाल करे।

आप कम से कम ये चीजे ही करेंगे तो आप और आपका परिवार स्वस्थ रहेगा। कोई रोग उनको छु भी नहीं पायेगा।

अब अगर किसी भाई या बहन को कैंसर हो जाए तो उसको बचने के लिए क्या करना चाहिए। तो आप घबराये नहीं।

केन्सर रोगी के शरीर में विजातीय याने अनावश्यक जहरीले द्रव्यों का संग्रह मौजूद रहता है और इस रोग के इलाज में पहली जरूरत इन विजातीय पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना है।विजातीय पदार्थों के शरीर से निष्कासन होने से हमारा प्रतिरक्षा तन्त्र मजबूत होता है और शरीर में केन्सर से लडने की ताकत पैदा होती है।

कैंसर रोगियों के लिए बड़ी खबर – हर स्टेज का कैंसर हो सकता है सही – कैंसर का इलाज

जहरीले विजातीय पदार्थों के निष्कासन के लिये क्या करें?

1. अदरक

अदरक का रस दो चम्मच दिन में दो मर्तबा पीयें। अदरक को कैंसर किलर के लिए आज देश ही नहीं विदेशी खोजकर्ताओं ने भी माना हैं।

2. हल्दी

हल्दी का सेवन करे। कच्ची हल्दी कैंसर के सेल को खत्म करने में बहुत ही अहम भूमिका निभाती हैं। कैंसर मरीजों के लिए ये सुपर फ़ूड के सामान हैं।

3. भारतीय गाय का दूध

गाय के दूध का नियमित सेवन करे।

4. लहसुन

कच्चा लहसुन हर रोज़ ३ – ४ कलिया खाए।

5. गेंहू के ज्वारे

गेंहू के जवारों का रस पिए।

कैंसर रोगियों के लिए बड़ी खबर – हर स्टेज का कैंसर हो सकता है सही – कैंसर का इलाज

6. अलसी

अलसी के तेल को अपने खाने में इस्तेमाल करे। ध्यान दे अलसी के तेल को जलना नहीं हैं। गाय के दूध से बने १०० ग्राम पनीर में ३० मि ली अलसी का तेल डाल कर इसको ग्राइंड करे ताकि ये एक दूसरे में बिलकुल ही समा जाए। फिर इस को पिए। अलसी को कैंसर के लिए सुपर फ़ूड माना गया हैं।

7. देसी गाय का मूत्र

देसी गाय का मूत्र, उसमे भी विशेष काली गाय (जो गर्भवती न हो) उचित होगा गाय की बछड़ी का गौ मूत्र पीना शुरू करे।

8. फोलिक एसिड युक्त भोज्य पदार्थ

ऐसे भोज्य पदार्थ जिनमे फोलिक एसिड ज़्यादा हो वो खाए।

9. अन्य भोजन

पत्तेदार हरी सब्जीयां,लाल मिर्च, अंगूर ,गाजर इन भोजन पदार्थों में एन्टि ओक्सीडेन्ट तत्व होते हैं जो केन्सर के विरुद्ध लडाई में मददगार होते हैं। इनके अलावा केन्सर रोगी को फ़ूल गोभी. पत्तागोभी, ब्रोकली, आलू, मक्का, भूरे चावल , अखरोट और सेब ज़्यादा मात्रा में खिलाये।

10. तुलसी और पोदीना

तुलसी और पुदिने में ऐसे रासायनिक तत्व काफ़ी मात्रा में पाये जाते हैं जिनमें केन्सर उत्पादक फ़्री रेडिकल्स से लडने की शक्ति मौजूद रहती है।

11. नीम

नीम में कैंसर से लड़ने की बहुत ताक़त हैं, इसको आयुर्वेद में सर्व रोग नाशक कहा जाता हैं, अगर आप कैंसर से पीड़ित हैं तो आप नीम के 8-10 पत्ते हर रोज़ खाए।

12. नींबू और अंगूर

कैंसर रोग का उपचार करने के लिए रोगी व्यक्ति को नींबू के रस का पानी पीकर उपवास रखना चाहिए और इसके बाद कुछ दिनों तक केवल अंगूर का रस पीना चाहिए। कैंसर रोग से पीड़ित रोगी यदि 6 महीने तक अंगूर का रस लगतार पीए तो उसे बहुत अधिक लाभ होता है।

इस रोग को ठीक करने के लिए कई प्रकार के फलों के रस हैं जिसे पीकर कुछ दिनों तक उपवास रखे तो कैंसर रोग ठीक हो सकता है

ये रस इस प्रकार हैं

संतरे का रस, नारियल पानी, अनन्नास का रस, गाजर का रस, तुलसी के पत्तों का रस, दूब का रस, गेहूं के ज्वारे का रस, पालक का रस, टमाटर का रस, पत्तागोभी का रस, पुदीने का रस, खीरे का रस, लौकी का रस, पेठे का रस तथा हरी सब्जियों का रस।

इस रोग से पीड़ित रोगी को भोजन में बिना पके हुए खाद्य-पदार्थों का सेवन करना चाहिए जैसे-हरी सब्जियां, कच्चा नारियल पानी, अंकुरित अन्न, भीगी हुई किशमिश, मुनक्का, अंजीर तथा सभी प्रकार के मौसम के ताजा फल आदि।

इसके अलावा बाजार में आज कल कुछ प्रोडक्ट आते हैं जो हम आपको बताना चाहते हैं जो कैंसर के लिए बहुत ही कारगार हैं।

1. नोनी जूस –

ये कैंसर रोग से लड़ने में बहुत मदद करता हैं।

2. एलो वेरा जूस –

ये शरीर में से विजातीय पदार्थो को बाहर निकलने में बहुत मदद करता हैं।

3. सी बक थोर्न फ्रूट जूस –

इसको हिमालयन बेरी भी कहते हैं, ये अत्यधिक ऑक्सीजन वाला फल होता हैं, जो कैंसर में लड़ने में बहुत कारगार हैं।

4. फुट पैच –

आज कल बाजार में फुट पैच आते हैं ये रात को पैरो में या इन्फेक्टेड एरिया में लगा कर 8-10 घंटे तक रखे, फिर इसको उतारेंगे तो ये भी शरीर से ज़हर निकलते हैं।

5. कलोरोफिल

एक नया उत्पाद जिसको कलोरोफिल के नाम से जाना जाता हैं। कलोरोफिल जिस से पौधे अपना भोजन तैयार करते है। ये कैंसर कारक फ़्री रेडिकल्स से लडने की असीम शक्ति अपने अंदर समाये रखते हैं।

और ये निम्नलिखित भोजन बिलकुल बंद कर दे।

1. दानेदार चीनी

दानेदार चीनी ऐसा पदार्थ है जिससे केन्सर को पोषण मिलता है। अत: इसका उपयोग करना छोड दें, इसकी जगह थौडी मात्रा में शहद या गुड ले सकते हैं।

2. काफ़ी,चाय,चाकलेट

काफ़ी,चाय,चाकलेट में ज्यादा मात्रा में केफ़िन तत्व होता है जो केन्सर को बढावा देता है,अत: इनका त्याग आवश्यक है।

3. मांसाहार

केन्सर सेल्स अम्लीय वातावरण में तेजी से पनपते हैं। मांसाहार अम्लीय गुण वाला होता है। इसलिये कुछ और जीने की तमन्ना हो तो केन्सर रोगी मांसाहार छोड दें।

कैंसर रोगियों के लिए बड़ी खबर – हर स्टेज का कैंसर हो सकता है सही – कैंसर का इलाज

4. धूम्रपान

धूम्रपान करने से या धूम्रपान करने वाले के संग रहने से कैंसर रोग हो सकता है।

5. गुटका, पान मसाला, शराब

गुटका, पान मसाला, शराब तथा तम्बाकू का सेवन करने से कैंसर रोग हो सकता है।

केन्सर के सेल्स भरपूर आक्सीजन युक्त वातावरण में जीवित नहीं रह सकते। अत: शरीर में आक्सीजन का प्रवाह बढाने के लिये प्राणायाम करने लाभदायक रहेंगे।

ये लेख संपूर्ण नहीं हैं, जैसे जैसे हमको और जानकारी मिलती जाएंगी इस लेख में सम्मिलित कर दी जाएंगी। आशा करते हैं ये लेख आपके बहुत काम आएगा।

आपने इसको पूरा पढ़ा, अब आप की ज़िम्मेवारी बनती हैं इसको आगे बढ़ाने की ताकि लोग इस भयंकर रोग से बच सके। आपके विचारो का स्वागत हैं।

कैंसर रोगियों के लिए बड़ी खबर – हर स्टेज का कैंसर हो सकता है सही – कैंसर का इलाज

योहाना बुडविज- कैंसर के हज़ारो रोगियों को आहार से सही करने वाली।

 

5 comments

  1. Bahut hi acchi post dali hai apney logo ko zagruk karney ke liye apka dil se dhanyawad aaj ke yug m jaha log paisey ke liye bag rahe hai aapney free m bahut aachi zankari di thank’s

  2. bahot achhi jankari denekeliye dhanyvad.

  3. Hi,
    I am living in dubai, i am from india. I am living here bachelor. So usely what i am doing i will cook food one day and keep it in the fridge and consume it in 2 or 3 days.
    Please suggest me this is right or wrong. Or suggest me how many days i can use this type of food if i am keeping it in fridge

  4. prince singh kalhans

    ek sarthak post k liye dhanyawad

  5. Aap ek bimari ke liye itna jyada upaay bataa dete hain ki aadmi confuse ho jata hai kya khaye kya na khaye plz utna hi bataayen jitnaa jaruri ho aur ek garib aadmi kar sake, dhanybaad.

  6. Write in English many don’t know hindi

  7. Sir
    Mere hatho ki ungliya kapti hai
    Ye problem 4 year se hai
    Kripya koi upay btaye .

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