कैंसर में उलटी का इलाज, किडनी के मरीज को उलटी का इलाज, उलटी का इलाज, Vomiting ka ilaj
कैंसर और किडनी के रोगी को अक्सर ही उलटी, उबाक और जी घबराता है, और इसके साथ उनको भूख ना लगना, थकान इत्यादि समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं,और कीमो थेरेपी में तो मरीजों को अक्सर बहुत उल्टियाँ होती हैं. ऐसे में उनको ये प्रयोग किसी रामबाण से कम नहीं हैं. आज आपको Only Ayurved में बता रहें हैं श्री बलबीर सिंह शेखावत जी. Vomiting In Cancer Patients In Hindi
पुदीना की चाय pippermint tea
2 चम्मच पुदीना की पत्तियों का पाउडर को 2 कप पानी में अच्छी तरह उबाल ले जब 1 कप रह जाए तो फिर उसे छान ले उसमे कुछ बूंदे निम्बू के रस की मिला ले फिर इसको एक बार में ही इस्तेमाल कर ले हर बार ताज़ा solution बनाना है इसको आप दिन में 4 से 5 बार ले. इस पुदीना की चाय (pippermint tea ) को लेने से bile शरीर से निकल जाता है और ये छोटी आंत की भी सफाई करती है जिससे उल्टी उबाक रोकने में में काफी मदद मिलती है. vomiting ka ilaj
अदरक की चाय ginger tea
ताजा अदरक का छोटा टुकड़ा अच्छे से कूट कर इसका रस निकाल लें और 1 लोंग को भी कूट लें, अभी इसको 1 कप गर्म पानी में डाल कर इसे रखे रहने दे. 10 मिनट बाद इससे धीरे धीरे पिए. ये दिन में 3 बार ले सकते है. अदरक और लोंग अच्छे digestive, carminative है. अदरक पेट में मोजूद toxins और acid को भी अधिशोसित कर लेती है साथ में ये gastric motility को भी बढ़ा देती है जिससे भोजन नीचे के तरफ जाना शुरू हो जाता है और उल्टी बंद होना शुरू हो जाती है. लौंग को ग्राभावस्था में नहीं लें. Vomiting In kidney Patients In Hindi
Epsom salt – magnesium sulfate
एक चोथाई Epsom Salt को 1 गिलास पानी में डालकर इसे पुरे दिन भर थोडा थोडा पिए, अगर उल्टी मैग्नीशियम की कमी कि वजह से हो रही है तो उसमे काफी आराम मिलेगा क्योकि मैग्नीशियम की कमी से भूख न लगना, उल्टी, उबाक, थकान हो जाना सामान्यता पाया जाता है और ये मैग्नीशियम की पुर्ती करता है. ji ghabrane ka ilaj
उलटी वालें रोगी को क्या खिलाएं. – vomit hone par kya khaye
उलटी के दौरान रोगी को का दलिया, कद्दूकस की हुयी गाजर, सेब और अंगूर का रस आधा कप मिला कर दीजिये. केले और तरबूज को बराबर लेकर अच्छे से मैश कर के थोडा थोडा खिलाएं.ये सब उलटी रुकने के 2 घंटे बाद ही खिलाये.
उपरोक्त तीनो प्रयोग उलटी, उबाक और जी घबराने के लिए ही हैं, बस रोगी अपनी अवस्था देख कर इनका इस्तेमाल करे.
इस पोस्ट को तैयार करने में हम दिल से धन्यवाद करेंगे श्रीमती. Johanna Budwig का, जो हमारी प्रेरणा स्त्रोत भी हैं कैंसर मुक्त विश्व करने में.