10 % हार्ट कर रहा था काम डायलिसिस हो चूका था शुरू और डॉक्टर बोले कुछ दिन के ही हैं मेहमान
कैसे मृत्यु के मुख से पहुंचे हुए इंसान ने धैर्य और विश्वास से आयुर्वेद के सहारे पायी नयी जिंदगी. जिसका हार्ट केवल 10 % ही काम कर रहा था – डायलिसिस भी शुरू हो चूका था और बचने की कोई आस नहीं थीअगर आपको या आपके किसी परिचित को हार्ट के कारण किडनी की समस्या है और डॉक्टर ने डायलिसिस ही एक मात्र उपाय बताया है तो ये ज़रूर पढ़ें और आगे शेयर भी करें.
क्रिएटिनिन बढ़ रहा था, पेशाब बंद हो गया था, पूरा शरीर सूज गया था, सांस लेने में भयंकर तकलीफ हो रही थी, डायलिसिस भी शुरू हो गयी थी. डॉक्टर ने कह दिया था के अभी इनके पास कुछ ही दिन शेष हैं इनकी सेवा कीजिये, और हो सकता है के ये इलाज के बीच में भी हमें छोड़कर चले जाएँ. फिर 20 दिन में ऐसा क्या चमत्कार हुआ के क्रिएटिनिन 2.13 रह गया, और आज 2 महीने बाद सभी दवा बंद हैं और क्रिएटिनिन भी अंडर कण्ट्रोल 1.13 है, सूजन ख़त्म हो गयी, सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं है, और बाबु जी अपने आप को बिल्कुल स्वस्थ महसूस कर रहे हैं. और किसी भी प्रकार की कोई दवा नहीं चल रही है.
ये किसी प्रकार का advertisement नहीं है, ये आप बीती है श्री दिनेश मेहता जी की. जब श्री दिनेश मेहता जी इस अवस्था में थे तो उनके बेटों ने नेट के माध्यम से Only Ayurved के बारे में जाना और संपर्क किया हमारे वैद्य श्री निखलेश जी से जो के हाथरस में रहते हैं.
उनके बेटों को भी ऐसा ही लग रहा था के जैसे बाबूजी अभी कुछ दिन के ही मेहमान हैं, शरीर में पानी भर चूका था, पेशाब नहीं आ रहा था, सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. उन्होंने हॉस्पिटल में एडमिट करवाया, डॉक्टर ने कहा के इनका यूरिन आउटपुट बिलकुल नहीं है तो डायलिसिस ही एक मात्र उपचार है, वो भी इतना रिस्की है के इनको कभी भी वेंटीलेटर सपोर्ट पर लिया जा सकता है और ऐसा भी हो सकता है के ये डायलिसिस करते समय ही हमको छोड़कर चले जाएँ.
और आज तकरीबन 2 महीने बाद श्री दिनेश मेहता जी के बच्चों का कहना था के उनके पिता जी अपने आप को बिल्कुल स्वस्थ महसूस कर रहे हैं. इसमें सम्पूर्ण रूप से वैद्य निखलेश जी का ही सहयोग है जो उन्होंने इस रोग को भली भाँती समझ कर समय समय पर जो भी दिशा निर्देश दिए और हमने उनका पूर्ण रूप से पालन किया.
निखलेश जी बताते हैं के जब दिनेश मेहता जी के बच्चों ने इन्टरनेट से मेरा नंबर लेकर मुझसे संपर्क किया और अपनी ऐसी अवस्था बताई जो के काफी खराब थी, जैसा ऊपर बताया है. इनका क्रिएटिनिन 5.84 था, और डॉक्टर ने पहले दिन डायलिसिस भी की थी, और अगले दिन पुनः डायलिसिस के लिए बोल दिया था, जब इनके बेटों ने पुछा के क्या रोजाना डायलिसिस करवाया जाए तो निखलेश जी ने उनको डायलिसिस के लिए मना कर दिया, और कहा के जैसा मैं बता रहा हूँ वैसा पालन करें. इनकी कुछ दवाएं मैंने शुरू की, पहले 3 दिन बाद पेशाब शुरू हो चूका था, मगर रिपोर्ट करवाने पर क्रिएटिनिन भी कुछ बढ़ा हुआ मिला जो के हो गया था 9.58, यूरिया हो गया था 188 और यूरिक एसिड 10 और wbc हो गए थे 26780. ऐसी स्थिति में इनके बेटों को भी यही लगने लगा के जो डॉक्टर ने कहा था के ये कुछ दिन के ही मेहमान हैं शायद वो सच हो जाए, मगर मैंने उनका ढांढस बंधाया और कुछ दवा और जोड़कर दवा लगातार लेते रहने के लिए कहा, और फिर उसके 4 दिन बाद क्रिएटिनिन 6.36, wbc आ गए थे 18190, दवा लगातार चलती रही और फिर 3 जून को पुनः रिपोर्ट करवाने पर इनकी रिपोर्ट में बेहतरीन परिणाम मिले, जिसमे क्रिएटिनिन 2.13, WBC 12690 हो गए और pus cells जो पहले 150 -200 के बीच में थे वो भी 5-6 रह गए. और 24 June को दोबारा जब रिपोर्ट करवाई तो श्री दिनेश मेहता जी की सभी रिपोर्ट नार्मल हैं, क्रिएटिनिन 1.13 आ गया है और अभी किसी प्रकार की कोई दवा नहीं चल रही है.
निखलेश जी का कहना है के आयुर्वेद अपने आप में सम्पूर्ण चिकित्सा है, इस पर विश्वास रखें और धैर्य के साथ बताये हुए सभी कार्य और उचित आहार विहार पथ्य और परहेज करते रहने से हर प्रकार की बीमारी को सही किया जा सकता है.
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आशा करते हैं के ये पोस्ट किडनी के रोगियों के लिए बहुमूल्य साबित होगी.