अब लिवर की बीमारियों को दूर करे और लिवर को शक्तिशाली बनाये-
परिचय –
आयुर्वेद में स्वस्थ व्यक्तियों में यकृत को टटोलने पर यह आसानी से पकड़ में नही आता है लिवर में विकार होने पर
यह पर्शुकाओ के बाहर निकल आता है और तभी यह महसूस होता है .,लिवर ही शरीर को किर्याशील होने की शक्ति
यही उत्पन करता है .
धमनिया का रक्त ह्रदय में जाने से पहले लिवर में जाता है है .वंहा पर यह खतरनाक भाग की छटनी करके उसके
बाद ही ह्रदय को भेजता है .यकृत व गुर्दे एक दुसरे के सहायक रूप में काम करते है ,यकृत शरीर के काफी विषेले पदार्थ
को गुर्दों के पास भेजकर शरीर को विक्रत होने से बचाता है .
यकृत के काम –
पित को बनाना,रक्त को बनाना ,विषेले द्रव्यों को नष्ट करना ,ग्लूकोजन को इकट्ठा रखना ,कार्बोहाइड्रेट व प्रोटीन को
पचाना ,रंजक पित का निर्माण ,आदि कार्य किये जाते है .
1.- लिवर की खराबी –
दवा —- तुलसी के 6-7 पत्ते का रस चोथाई चम्मच ,अदरक का रस चोथाई चम्मच ,स्वस्थ गाय की बछिया का पेशाब
आधा चम्मच ,शहद चोथाई चम्मच ये एक समय की दवा हे .दिन में एक बार प्रातःकाल खाली पेट ले .
2.- सभी यकृत विकारो में-
दवा —- भांगरा चूर्ण 10 ग्राम ,अनंत मूल 10 ग्राम ,ठीकरी नोसादर 10 ग्राम ,सोंठ 10 ग्राम ,रेवन्द चीनी 10 ग्राम ,
पुन्नर्र्वा मूल 10 ग्राम ,सरपुंखा 20 ग्राम ,कुटकी 20 ग्राम ले सबको पिस छानकर पानी के साथ घोट 2-2 रती की
गोलियां बना ले और बडो को 1-2 गोली दिन में 4 बार दे .
3.- लिवर खराब होना (डेमेज लिवर) –
दवा —- अर्क मकोय 2 ढक्कन ,अर्क कासनी 2 ढक्कन ,अर्क वादियाल (सोंफ) 10 ml ,माजून दबी दुल बद्र आधी
चम्मच ले और पहले माजून चाटे और ऊपर से सभी अर्क में थोडा पानी मिलाकर पी जाये ,फिर
आरोग्य्वर्ध्नी 1 गोली ,पुन्नर्वादी मंडूर 1 गोली ,लिवेक्स 1 गोली ये सभी एक समय की मात्रा है ताजा पानी से ले .
और पुनर्नवारिष्ट ,लोहासव ,और कुमार्यासव के 2-2 ढक्कन दवाई लेकर बराबर पानी मिलाकर ले .
4.- जिगर के बढने पर –
दवा —- घिक्वार का गुदा 1 किलो ,पांचो नमक 50 ग्राम ,अजवायन 10 ग्राम ,पीसी हल्दी 10 ग्राम ,तीन निम्बुओ
का रस ,गुड 30 ग्राम ले ,एक चिकने बर्तन जो घी लगा हुआ हो ,में रख्रे तथा डक्कन लगा दे और 7 दिनों तक धुप
में रख दे ,और बिच में हिला दे अब छानकर शीशी में रख ले ,
इसे बच्चों को 10 ग्राम और बढो को 20 ग्राम की मात्रा में सुबह खाली पेट और रात को खाने के बाद पानी में
मिलाकर दे बहुत अनुभूत योग हे
5.- यकृत शोथ के लिए –
दवा —- सितोपलादि चूर्ण 1 ग्राम ,शंख भस्म 2 रती ,यक्रदारिलोह आदि रती ,लक्ष्मीविलास रस 1 रती ये मिलाकर
एक समय की दवा बनती हे ऐसी सुबह शाम खाली पेट शहद के साथ चटाए .
6.- लिवर की सुजन पर –
दवा —- पुनर्नवादी मंडूर 2 गोली ,आरोग्यवर्धनी वटी 2 गोली ,शरपुन्खा मंडूर 2 रती ,शोथरी लोह 1 गोली ये सभी
एक समय की दवा की मात्रा हे ऐसी सुबह शाम खाली पेट पानी के साथ दे और भोजन के बाद ,पुनर्नवारिष्ट की
4 ढक्कन बराबर पानी मिलाकर ले .
7.- बच्चों का लिवर खराब होना –
दवा —- कुमरिआसव न. 3 100 ग्राम में लोह भस्म 1 ग्राम मिला ले ,दवा हिलाकर दे .साधारण आधी चम्मच दवा ,
पानी आधा कप मिलाकर इसकी तीन खुराख बना दिन में तीन बार दे .
8.- बच्चों का लिवर बढने पर –
दवा —- नोसादर 2.5 ग्राम ,काला नमक 5 ग्राम ,घी -क्वार का रस 100 ग्राम ,इन तीनो को मिलाकर शीशे के जग में
24 घंटे रखने के बाद मोटे कपड़े से छान ले और बर्तन में रख ले
दवा की 1 चम्मच और 4 चम्मच पानी मिलाकर दिन मर दो बार दे .
9.- बच्चों की लिवर के रोगों में ,तिल्ली ,लिवर बढना –
दवा —- लोह भस्म ,मंडूर भस्म ,स्वर्ण माक्षिक भस्म ,पुनर्नवा मंडूर ,नवायस लोह सभी 1-1 रती ,शंख भस्म 2 रती
शुद्ध कुचला 2 रती ,गिलोय सत्व 2 रती सबको मिलाकर 5 मात्राये बना ले और शहद के साथ दिन में 3-3 घंटे के
अन्तराल पर दे .यह नुस्खा बहुत अनुभवी है .
10 .- यकृत -प्लीहा की सुजन व कठोरता पर –
दवा —- शंख भस्म 2 रती ,नींबू रस एक चम्मच में मिलाकर पिलाये .यह दवा इस रोग में बहुत प्रभावशाली हे
11.- लिवर बढना ,पेट काफी निकल आया हो ,भूख नही लगती हो –
दवा —- रात को 1 चम्मच दारुहल्दी का चूर्ण 100 ग्राम पानी में भिगोकर रख दे ,सुबह उसे छानकर खाली पेट पी ले
तथा एक घंटे तक कुछ ना ले और खाने के बाद सुबह शाम ,आरोग्य व्र्ध्नी 1-2 गोली ,चित्रकादी वटी 1-2 गोली
पानी के साथ दे .