आयुर्वेदिक आहार विहार – ज़रूर रखें ख्याल।
आज कल हम खाना पकाने और खाना खाने में जाने अनजाने मेंआयुर्वेद के मूल सिद्धांतों की पूरी तरह से अवहेलना कर देते हैं, जिसकी वजह से अनेक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ आती हैं। यही कारण है के हम रोगों की दवा तो करते हैं मगर वो पूर्ण रूप से सही ना होकर दोबारा फिर हो जाते हैं। आइये जाने ऐसे कुछ नियम जिन्हें हम अपने जीवन में आसानी से अपना सकते हैं।
– सूप बनाते समय उसमे दूध नहीं डाले।
– दही खट्टा हो तो उसमे दूध नहीं डाले।
– ओट्स पकाते समय उसमे दूध दही साथ साथ न डाले।
– एक बार इस्तेमाल हो चुका तेल या घी दोबारा इस्तेमाल न करें।
– चाय कॉफ़ी में शहद ना डाले।
– पूरी, भटूरे, मिठाइयां डालडा घी या रिफाइंड में ना बना कर शुद्ध घी में बनाए।
– नमकीन चावलों में, सब्जी की करी में दूध न डाले।
– खट्टे फलों के साथ, फ्रूट सलाद में क्रीम या दूध न डाले।
– दही बड़ा विरुद्ध आहार है। दही बड़ा सेहत के लिए एक साथ खाना हानिकारक है।
– आटा लगाने के लिए दूध का इस्तेमाल ना करे।
– गर्मियों में हरी मिर्च और सर्दियों में लाल मिर्च का सेवन करे।
– सुबह ठंडी तासीर की और शाम के बाद गर्म तासीर के खाने का सेवन करे।
– पकौड़ों के साथ चाय या मिल्क शेक नहीं गरम कढ़ी ले।
– फलों को सुबह नाश्ते के पहले खाए। किसी अन्य खाने के साथ मिलाकर ना ले .कच्चा सलाद भी खाने के पहले खा ले।
– दही वाले रायते को हिंग जीरे का तडका अवश्य लगाएं।
– दाल में एक चम्मच घी अवश्य डाले।
– खाली पेट पान का सेवन ना करे।
– स्वास्थय के लिए सिर्फ सेंधा नमक ही बेस्ट है। खाने में सिर्फ सेंधा नमक इस्तेमाल करें।
– खाने के साथ पानी नहीं पियें,छाछ या मट्ठा पी सकते हैं। ।
– अत्याधिक नमक और खट्टे पदार्थ सेहत के लिए ठीक नहीं।
– बघार लगाने में हिंग, जीरा, सौंफ, मेथीदाना, धनिया पावडर, अजवाइन आदि का प्रयोग करें।
– जंक फ़ूड सेहत का सबसे बड़ा दुश्मन है, जंक फ़ूड और कोल्ड ड्रिंक्स कभी नहीं पीना चाहिए।
– प्यास लगने पर जो लोग कोल्ड ड्रिंक्स पीते हैं, उनको सिर्फ भगवान ही बचा सकता है।
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