Saturday , 21 December 2024
Home » नियम » किसी भी कारण से आई बेहोशी को 2 मिनट में दूर करके आप उसकी जिंदगी बचा सकते हैं !!!

किसी भी कारण से आई बेहोशी को 2 मिनट में दूर करके आप उसकी जिंदगी बचा सकते हैं !!!

बेहोशी में तुरंत क्या करें, बेहोश आदमी को होश में कैसे लायें.

अगर कोई व्यक्ति हार्ट, एनीमिया, De Hydration, Low Blood Pressure, Emotional Stress या shock के कारण से अचानक बेहोश हो जाए और या अचानक से चक्कर आ कर गिर जाए, या वैसे ही किसी और कारण से बेहोश हो जाए, तो ऐसे में ये काम तुरंत करने से वो 2 मिनट में खड़ा हो कर बैठ जायेगा. Behoshi ka ilaj

सबसे पहले ऐसे व्यक्ति को सीधे ही लेटे रहने दीजिये, उसको गलती से भी उठाना नहीं है, फिर उस व्यक्ति की गर्दन सीधी ना रहने दें, इसको दायें या बाएं घुमा दें, इसका कारण हम नीचे बता देंगे. और इसके बाद एक व्यक्ति को कहें के वो वो उसके पैरों को ऊपर उठा दे कम से कम 2 से 5 मिनट के लिए. और एक व्यक्ति बेहोश व्यक्ति के सीने पर जोर जोर से पंप करे. behoshi me turant kya kare

बस ये उपरोक्त काम करने से मरने वाला व्यक्ति भी दोबारा जीवित हो जायेगा. अभी आपको बताते हैं के क्या होता है और कैसे होता है.

Behoshi ka ilaj, emergency first aid in hindi, emergency ilaj

अक्सर बेहोशी इस कारण से आती है के हमारे दिमाग को ब्लड की सप्लाई नहीं मिल पाती, और इस कारण से उसको ऑक्सीजन नहीं मिलती और ये चेतना शून्य होकर बेहोश हो जाता है. ऐसे में सबसे ज़रूरी है उसके दिमाग को ब्लड की सप्लाई देना. तो बेहोश व्यक्ति के जब हम पैर ऊपर करते हैं तो पैरों में जो ब्लड है वो भी दिमाग की तरफ चला जाता है और रोगी को तुरंत होश आने लग जाता है. behoshi ka ilaj

अभी दूसरा कारण है के उसकी गर्दन को दायें या बाएं करना, ऐसा इसलिए करवाया जाता है क्यूंकि कई बार बेहोशी की अवस्था में रोगी की जीभ तालू पर जाकर चिपक जाती है और उसको श्वांस नहीं मिल पाती जिस कारण से उसकी मृत्यु तक हो सकती है. ऐसे में उसकी गर्दन दायें या बाएं घुमाने से जीभ Dis locate हो जाएगी और उसको श्वांस लेने में सहायता मिलेगी. behosh rogi ko hosh me kaise laye

तीसरा कारण है के अगर रोगी हृदय रोगों से ग्रसित है और इन कारणों से वो बेहोश हुआ है तो उसके हृदय को पंप करना बेहद ज़रूरी हो जाता है, इसकी वजह ये है के हार्ट अटैक (Cardiac Arrest) आने पर हृदय धडकना बहुत कम कर देता है और इसके रक्त की सप्लाई बहुत कम हो जाती है. जिस से रक्त के माध्यम से मिलने वाला Nutrition नहीं मिल पाता और कोशिकाएं धीरे धीरे ख़त्म होना शुरू हो जाती हैं, ऐसे में हृदय को हाथों से पंप करवाना CPR कहलाता है. पश्चिमी देशों में बाकायदा CPR की ट्रेनिंग दी जाती है, जिस से रोगी को समय रहते बचाया जा सके. ऐसा करके हृदय को दोबारा से तेज़ धडकना शुरू करवाया जाता है और इस से रक्त का संचार पुनः सही हो जाता है. emergency first aid in hindi

ये भी ज़रूर पढ़ लीजियेगा. [मुर्दे को जलाने से पहले आयुर्वेद की ये परीक्षा ज़रूर करें – बच सकती हैं कई जाने]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status