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श्रीमद्भगवत गीता के बारे में कुछ रोचक तथ्य

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श्रीमद्भगवद्गीता  के बारे में कुछ रोचक तथ्य

Amazing Facts about Shrimad Bhagavad Gita in Hindi

गीता के बारे में रोचक तथ्य

श्रीमद्भगवद्गीता (Shrimad Bhagavad Gita) हिन्दुओ के पवित्र ग्रंथों में से एक है। इस ग्रन्थ में जीवन का पूरा सार दिया गया है। आज हम आपको गीता के बारे में जानकारी देगे उम्मीद है आपके काम आए।

  • गीता महाभारत में छन्दों का सबसे महत्वपूर्ण संग्रह है।
  • पूरी दुनिया में हिंदू भगवद् गीता से परिचित हैं और हम सबने हमारी पीढ़ियों से इसकी महानता के बारे में सुना है।
  • गीता भगवान श्री कृष्ण द्वारा युद्ध और जीवन के अर्थ को समझाने के लिए अर्जुन को दिए गए उपदेश की एक श्रृंखला है।
  • यह पांडव राजकुमार अर्जुन और उसके सारथी बने भगवान श्री कृष्ण के बीच एक महाकाव्य संवाद है।
  • महाभारत इस बात की पुष्टि करता है कि भगवान कृष्ण ने 3137 ई.पू. कुरुक्षेत्र के युद्ध में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था विशेष ज्योतिषीय संदर्भों के अनुसार, 35 साल की लड़ाई के बाद वर्ष 3102 ई.पू. में कलियुग की शुरुआत हुई।
  • भगवद् गीता में 18 अध्याय हैं जिसमे कुल 700 छंद हैं और यह तीन हिस्सों में विभाजित है जिसमे प्रत्येक हिस्से में 6-6 अध्याय हैं।
  • यह देखा जा सकता है कि नंबर अठारह महाभारत में कई जगह प्रयोग हुआ है नम्बर अठारह का मतलब संस्कृत में “जया” होता है जिसका शाब्दिक अर्थ बलिदान से हैं 18 त्योहार, गीता में 18 अध्याय अक्षौहिणी अथार्त 18 जरासंध का 18 बार आक्रमण और कहा जाता है कि पांडवों के पास 11 अक्षौहिणी सेना थी और कौरवों के पास 7 अक्षौहिणी तो कुल मिला कर हुई 18 इस प्रकार 18 अंक का महाभारत में बहुत महत्व है।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन के आखिरी वर्षो में भगवद गीता में निहित बुद्धिमता में आत्मसात शुरू कर दिया! उसने कहा कि मुझे अपने जीवन के प्रारंभिक दिनों में ही भगवद् गीता में लिप्त हो जाना चाहिए था ऐसा ना करने का मुझे बहुत खेद है।
  • भगवद् गीता का पहला अंग्रेजी अनुवाद 1785 में चार्ल्स विल्किंस ने लंदन में किया था।
  • बहुत कम लोगो को ये भगवद् गीता का निष्कर्ष पता होगा कृष्णा-वाणी अनुसार “धर्म कि सभी किस्मों को त्याग कर मुझे और सिर्फ़ मुझे अपने आप को आत्म समर्पित कर दें” बहुत कम लोग इस निष्कर्ष को समझ पाते है इसीलिये यह तथ्य बहुत से लोगो को पता नही है।
  • भगवद् गीता को गीत क्यों कहा जाता है जबकि यह तो एक उपदेश है? क्योंकि यह एक ऐसे स्केल पर बोला गया जिसे Anushtup कहा जाता है प्रत्येक छंद में 32 अक्षर हैं मूलतः ये चार चार पक्तियों में विभाजित हैं जिसमे आठ अक्षर हैं एक विशेष छंद में Trishtup स्केल का प्रयोग किया गया है जिसमे हर चार पंक्तियों में 11-11 अक्षर हैं।
  • न केवल अर्जुन बल्कि 3 और लोगो ने सीधे कृष्णा से गीता का उपदेश सुना।

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  • संजय (क्योकि उसे उपहार में दिव्य शक्ति मिली हुई थी)
  • हनुमान (क्योकि वह अर्जुन के रथ पर था)।
  • बर्बरीक (घटोत्कच का पुत्र)जो यह सब एक पहाड़ी के ऊपर से देख रहा था।
  • भगवद् गीता मूलतः शास्त्रीय संस्कृत में लिखी गयी है परन्तु इसे अब तक 175 भाषाओं में अनुवादित किया जा चुका है।
  • अदालत में गीता और कुरान की कसमें सिर्फ फिल्मों में दिखाई जाती है। हकीकत में ऐसा कुछ नही है… दरअसल यह सब 170 साल पहले खत्म हो चुका है लेकिन फिल्मों में आज भी ये सिलसिला चला आ रहा है। अंग्रेजों ने सोचा इस देश के लोग कल्चर के प्रति ज्यादा भावुक हैं इसलिए गीता या कुरान की कसम खाकर झूठ नहीं बोल सकते। इसलिए ये सब शुरू किया गया था।

गीता से हमें क्या-क्या सीख मिलती है।

  • मानसिक शांति और सौहार्द हासिल करने के लिए अपनी इच्छाओं को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए।
  • मौत से डरना बेकार है मौत का अर्थ सिर्फ आत्मा का भौतिक संसार से आध्यात्मिक संसार में जाना है।
  • कर्म अत्यंत महत्वपूर्ण है और हमेशा परिणाम के बारे में चिंता किए बिना पूरे समर्पण के साथ कार्य करना चाहिए।
  • भगवान हमेशा हमारे साथ और हमारे आसपास होता है भले ही हम कहीं भी हो या कुछ भी कर रहे हो।
  • अन्य प्राणियों की ओर इंसान के मन में बुरी भावनाये इंसान के विनाश का कारण है। इनसे बचा जाना चाहिए।

ये तो सिर्फ चंद सीख है लेकिन अगर आप गीता के बारे में पूरा जानना चाहते है तो आपको इसे पढ़ना चाहिए। इसमें आपको जीवन का पूरा सार मिलेगा। वेबसाइट पर बहुत कम पोस्ट इसलिए डाली जा रही है क्योकि मेरी परीक्षा आ गई है जैसे ही दिसंबर के अंत में परीक्षा खत्म होगी आपको बहुत कुछ मिलेगा। बस आप हमारे साथ जुड़े रहिए।

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One comment

  1. Beerpal singh tomar

    Apke dwara si gai jankari bahut achhi lagi thanks.

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