आज हम आपको अजवायन के बारे में विस्तार से बताने जा रहें हैं. आइये जाने इसकी पहचान, गुण धर्म, प्रयोग मात्रा एवं प्रयोग की विधि.
अजवायन का वानस्पतिक नाम: Trachyspermum ammi (Linn.) Sprague.
Syn- Carum Copticum Benth. & Hook. f.
कुल – Apiaceae
English Name – The Bishop’s Weed
संस्कृत – यवानी, यवानिका अजमोदिका, दीप्यका, उग्रगंधा, दीप्या
हिंदी – अजवायन, अजवाइन, अजमायन, जवाईन, जबायन, अजवा, अजोवा,
उर्दू- अजवायन (Ajwayan)
कन्नड़- वोम (Vom), ओमु (Omu)
गुजरती- अज्मो (Ajmo),
तमिल- ओमूम (Omum), ओमम्,
तेलगु- वामु (Vamu), ओमान (Omaan)
बंगाली- यमानी (Yamani), जोवान (Jovan)
मराठी- अजमा (Ajma), यवान (Yavaan)
मलयालम- अजवाण (Ajwan),
नेपाली- ज्वानो (Jwano)
अंग्रेजी- Ajova Seeds, Ajowan, Carum Omum,
अरबी- कमुने मुलुकी (Kamune Muluki), असुमा (Asuma),
फारसी – नानखा (Naankha), जिनान (Jinaan)
रंग : अजवाइन का रंग भूरा काला मिला हुआ होता है।
स्वाद : इसका स्वाद तेज और चरपरा होता है।
स्वरूप : अजवाइन एक प्रकार का बीज है जो अजमोद के समान होता है।
स्वभाव : यह गर्म व खुष्क प्रकृति की होती है।
अजवायन के बारे में परिचय , एवं औषधीय परयोग और विधि निचे दी गई फोटो को देख कर जाने .