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अनेक बिमारियों की एक दवा हींग।

हींग भारतीय रसोई की शान हैं, ये एक ऐसा मसाला हैं जिसमे आयुर्वेद के अनेक गुण समाये हैं। हींग के गुणों के बारे में इतनी लोकप्रियता हैं के इसके बारे में एक लोक कहावत हैं के “हींग लगे ना फटकरी, रंग चोखा आये”। हींग कोई फल या फूल नहीं होती ,यह तो पेड़ के तने से निकली हुई गोंद होती है। इसका पेड़ 5 से 9 फीट उंचा होता है। इसके पत्ते 1 से 2 फीट लम्बे होते हैं। हींग को खाने के स्वाद को बढाने के साथ साथ कई तरह के घरेलू नुस्खों में भी प्रयोग किया जाता है। हींग को दाल और रायते में छौंक लगाने में भी प्रयोग किया जाता है, आज हम हींग से होने वाले फायदों के बारे में बात करेंगें क्योकि हींग में बहुत से लाभदायक गुण पाये जाते है।

* हींग अपच, पेट दर्द, जी मिचलाना, दांत दर्द, जुकाम, खांसी, सर्दी के कारण सिरदर्द, बिच्छू, बर्र आदि के जहरीले प्रभाव और जलन को कम करने में काम आती है। ये ऎसे गुण है जो शायद ही कुछ ही लोगों को पता होंगे।

* यदि कभी आपको अचानक से पेट दर्द होने लगे तब थोड़ी सी हींग को पानी में घोलकर हल्का सा गर्म करके नाभि तथा इसके आसपास लेप लगायें, ऐसा करने से पेट दर्द में तुरंत ही आराम मिल जायेगा। नाभि के आसपास गोलाई में इस पानी का लेप करने से पेट दर्द, पेट फूलना व पेट का भारीपन दूर हो जाता है।

* दांत दर्द की समस्या होने पर हींग में थोड़ा सा कपूर मिलाकर दर्द वाली जगह पर लगाने से दांत में दर्द होना बंद हो जाता है।

* कान में दर्द होने पर तिल के तेल में हींग को पकाकर उस तेल की बूंदों को कान में डालने से कान का दर्द समाप्त हो जाता है।

* पीलिया होने पर हींग को गूलर के सूखे फलों के साथ खाना चाहिए। पीलिया होने पर हींग को पानी में घिसकर आंखों पर लगाने से फायदा होता है।

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* अपने रोज के खाने में दाल, कढ़ी और सब्जियों में हींग का प्रयोग करने से खाने को पचने में सहायता मिलती है।

* हींग की मदद से शरीर में ज्यादा इन्सुलिन बनता है और ब्लड शुगर का स्तर नीचे गिरता है। ब्लड शुगर के स्तर को घटाने के लिए हींग में पका कड़वा कद्दू खाना चाहिए।

* हींग में कोउमारिन होता है जो खून को पतला करने में मदद करता है और इसे जमने से रोकता है। हींग बढ़े हुए ट्राइग्लीसेराइड और कोलेस्ट्रोल को कम करता है और उच्च रक्तचाप को भी घटाता है।

* छाछ में या भोजन के साथ हींग का सेवन करने से अजीर्ण वायु, हैजा, पेट दर्द, आफरा में आराम मिलता है।

* हींग में वह शक्ति होती है जो कर्क (कैंसर) रोग को बढ़ावा देने वाले सेल को पनपने से रोकता है।

* अगर किसी खुले जख्म पर कीडे पड़ गए हों तो, उस जगह पर हींग का चूर्ण लगाने से कीड़े समाप्त हो जाते हैं।

* हींग के चूर्ण में थोडा सा नमक मिलाकर पानी के साथ लेने से लो ब्लड प्रेशर में आराम मिलता है।

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* बच्चों के पेट में कीडे होने पर जरा सी हींग एक चम्मच पानी में घोलकर रूई के फाहे को उसमें डुबोकर बच्चे के पॉटी होल में रख दें इसके बाद जब बच्चा पॉटी करेगा तो सारे कीड़े मर कर पॉटी के साथ निकल जाएंगे। यदी बड़ो के पेट में भी कीड़े हो जाए तो ये उपाय वो भी अपना सकते हैं।

* यदि आपके शरीर के किसी जगह पर कांटा चुभ गया हो तो उस जगह पर हींग का घोल लगा दें , ऐसा करने से काँटा चुभने का दर्द भी कम होगा और कांटा अपने आप ही निकल जायेगा।

* भुनी हुई हींग को रूई के फाहे में लपेटकर दाढ़ पर रखने से राहत मिलती है। दांत में कीडा लगने पर भी इससे आराम मिलता है।

* हींग का धुआं सूंघने से हिचकियां बंद हो जाती हैं।

* एसिडिटी की समस्या होने पर थोड़ी सी हींग को गुड़ में मिलाकर गरम पानी के साथ खा लें, इससे गैस से होने वाले दर्द में आराम मिल जायेगा।

* पसलियों में दर्द होने पर हींग रामबाण की तरह से काम करता है। ऎसे में हींग को गरम पानी में घोलकर लेप लगाएं, सूखने पर प्रक्रिया दोहराएं। आराम मिलेगा।

* पेट में दर्द व ऐंठन होने पर अजवाइन और काले नमक नमक के साथ हींग का सेवन करने से दर्द में काफी फायदा मिल जाता है।

* प्रसव के उपरांत हींग का सेवन करने से गर्भाशय की शुद्धि होती है और उस महिला को पेट संबंधी कोई परेशानी नहीं होती है।

* जोडों के दर्द में इसका नियमित सेवन बहुत ही लाभदायक रहता है।

* माइग्रेन और सिरदर्द में आधा कप पानी में हींग मिलाकर पीने से आराम मिलता है।

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* दाद, खाज, खुजली जैसे त्वचा संबंधी रोगों के लिए हींग बहुत फायदेमंद होती है। चर्म रोग होने पर हींग को पानी में घिसकर प्रभावित स्थानों पर लगाने से फायदा होता है।

* अफीम का नशा उतारने के लिए थोडी सी हींग को पानी में घोलकर पिला दें, इससे नशा जल्दी उतर जाता है।

* यदि नासूर हो गया है और घाव सडने लगता है तो हींग को नीम के पत्तों के साथ पीसकर घाव पर लगाने से कुछ ही दिनों में आराम आ जाता है।

* जुकाम होने पर बहुत से लोगो की नाक बंद हो जाती है जिससे साँस लेने में काफी तकलीफ हो जाती है, हींग सूंघने से जुकाम से बंद हुई नाक खुल जाती है। थोडी सी हींग पीसकर पानी में घोल लें और शीशी में भर लें। इसे सूंघने से सर्दी-जुकाम, सिर का भारीपन व दर्द में आराम मिलत है। पीठ, गले और सीने पर पानी का लेप करने से खांसी, कफ, निमोनिया और श्वास कष्ट में आराम मिलता है। हींग सूंघने से जुकाम से बंद हुई नाक खुल जाती है।

* जुकाम की शुरुआत में अगर आपको कफ बने तो इसका सेवन संक्रमण को तुरंत खत्म कर देता है। इसके लिए आधा चम्मच हींग के पाउडर में औधा चम्मच सोंठ (सूखा अदरक) का पाउडर मिलाएं और इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर इसका दिन में थोड़ी-छोड़ी देर पर सेवन करें।

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* अगर कफ जकड़ गया है या फिर सूखी खांसी हो रही है, इसके लिए आधा चम्मच अदरक के रस में आधा चम्मच हींग और एक चम्मच शहद मिलाएं। फिर दिन में तीन इसका सेवन करें। इससे गले की खराश में भी आराम ‌मिलेगा।

* सीने में अगर कफ जकड़ जाए तो हींग के तेल की दो बूंदे गर्म पानी‌ में डालकर भाप लेने से आराम मिलेगा। हींग के तेल से सीने, गर्दन और कमर पर मालिश करने से भी ठंड से शरीर की जकड़न या दर्द में राहत होगी।

* उल्टी आने पर हींग को पानी में पीसकर पेट पर लगाने से फायदा होता है।

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