दांतों के रोगों के लिए अचूक और अनेक बार परीक्षित नुस्खे, एक बार प्रयोग अवश्य कर हमे बताये |
नमस्कार मित्रो आज इस पोस्ट में दांतों के रोगों के बारे में और दांतों के कुछ उपयोगी नुस्खे लिख रहे है
दांतों के माध्यम से हम भोजन का आनन्द उठाते है और स्पष्ट भाषण कर सकते है यदि हम सदा दांतों
का ध्यान रखे तो बहुत से रोगों से बच सकते है | दांतों को सदा दातुन इत्यादि से साफ रखना अत्यन्त
आवश्यक है |
दांतों के रोग तो बहुत है लेकिन यहा हम कुछ होने वाले रोगों के लिए योग (नुस्खे ) प्रस्तुत करते है
दातुन साफ और तन्तुयुक्त हो ,जेसे -कीकर ,नीम ,पिलु और मोलश्री आदि की |
1 .- दन्त पीड़ा –
विधि –
उत्तम श्रेणी का तंबाकू ,लाला गेरू और कालीमिर्च | तीनो ओषधि को समान मात्रा में लेकर बारीक़ पिस ले |
किसी कपड़े से छानकर शीशी में डाल ले | आवश्यकता के समय सुबह शाम दांतों पर मला करे | लगभग
आधे घंटे के उपरांत कुल्ला किया करे | हर प्रकार की दांत पीड़ा के लिए समान रूप से गुणकारक है
2 .- दाढ़ पीड़ा –
विधि –
अफीम 1 रती और नोशादर 1 रती | दोनों को मिलाकर गोली सी बना ले | इसे दाढ़ के छिद्रों पर रखकर थोडा
सा दबा दे | ईश्वर क्रपा से पीड़ा दुबारा नही होगी | छिद्र भी बंद हो जायेगा | बड़ा ही विस्मयकारक और
परीक्षित योग है | दाढ़ के लिए संजीवनी है |
3 .-दाढ़ का सन्यासी योग –
विधि –
आक की ताजा जड दातुन जितनी मोटी लेकर गर्म राख में दबा दे | जब वह भुर्ता सा हो तब निकाल ले | थोड़े
गर्म की दातुन करे | एक दो बार के प्रयोग से पूरा आराम हो जायेगा | पीड़ा और सुजन का निशान नही रहेगा |
4 .-दन्त क्रमी –
विधि –
क्रियोजोट आयल एक प्रसिद्ध एलोपेथिक दवा है ,इसकी थोड़ी मात्रा में फुरेरी पर लगाकर पीड़ा के स्थान दाढ़
के छिद्र में लगावे | सभी क्रमी नष्ट हो जावेंगे | तत्काल दर्द मिट जायेगा |
5 .- दांतों का हिलना –
विधि –
कीकर की छाल 25 ग्राम और सोंठ 3 ग्राम | दोमो को बारीक़ पीसकर दोनों समय दांतों पर मले | थोड़े समय
के लगाने से पूर्ण आराम हो जायेगा | दांत मजबूत हो जायेंगे |
6 .- अन्य उपाय –
विधि –
सुपारी, माजू और भिलावा तीनो को समान मात्रा में लेकर किसी बर्तन में रखकर जला ले | बारीक़ पीसकर
सीसी में रख ले | आवस्यकता होने पर दोनों समय दांतों पर मले | तीन चार दिनों के लगाने से पूर्ण आराम हो जायेगा |
7 .- दांतों से खून बंद करना –
विधि –
परमेगनेट पोटास , जो हर अंग्रजी दवा दुकान पे मिल जायगी | लाकर रख ले ,प्रतिदिन सुबह -सुबह 4-6 दाने थोड़े गर्म
पानी में घोलकर अच्छी तरह से गरारे करे | पहले ही दिन खून आना बंद हो जायेगा | एक सप्ताह तक करते रहे |
8 .- दांत पिसना –
विधि –
कडवी कुठ के तेल की एक फुरेरी तर करके रोगी की गर्दन पर मला करे | एक सप्ताह तक अवश्य लगते रहे |
सदा के लिए आराम हो जायेगा |