गर्भवती स्त्री के लिए आहार
गर्भवती स्त्री को गाजर का जूस बराबर पिलायें। कैल्शियम व खून की कमी नहीं होगी।
गर्भावस्था की वमन (उल्टी) विटामिन बी1 की कमी का सूचक कहा जा सकता है। सूखे किण्व (खमीर) में विटामिन बी1 सबसे अधिक 9000 अ. ई. यूनिट होता है। मटरमें विटामिन बी1 सबसे कम 100 यूनिट अ.ई. होता है।
गर्भवती महिला को चुकंदर, किसी भी रूप में लेना चाहिए। यह स्तन में दूध की मात्रा बढ़ाता है।
मूंगफली में प्रोटीन, चिकनाई, शर्करा की मात्रा पायी जाती है। ये प्रोटीन दूध से मिलती जुलती है। गर्भावस्था में महिलाओं को रोज 50 ग्राम मूंगफली रोज खाना चाहिए जिससे मां और होने वाले बच्चे को पूरा पोषण मिलता है।
कुछ मेवे जैसे बादाम, अखरोट, गर्भवती महिलाओं को अवश्य लेना चाहिए। ये शरीर की दुर्बलता दूर करते हैं। अखरोट विशेष मस्तिष्क को बल देता है। मां-बच्चे दोनों को।
गर्भवती महिलाओं को दूध में मुनक्का उबालकर पहले मुनक्का खायें फिर दूध पी जायें। इससे कब्ज की शिकायत नहीं होगी। साथ ही हीमोग्लोबीन बढ़ेगा।
गर्भवती महिलाएं अपने खाने वाले फलों में मौसम के अनुसार फालसा, चुकंदर, अवश्य जोड़ें। इसे उन्हें रक्त बढ़ता है। तथा स्तन में दूध की मात्रा बढ़ती है।
दैनिक आहार में हरी सब्जियां अवश्य लें। इससे आयरन प्राप्त होता है।
गर्भावस्था में नमक कम खायें।
गर्भवती स्त्रियों को सुबह शाम नारंगी का सेवन अवश्य करना चाहिए ताकि होने वाली संतान सुंदर, स्वस्थ हो। कारण मौसमी में विटामिन ए, बी, डी अधिक होता है। कैल्शियम, फॉस्फोरस, मिनरल अधिक होने के कारण खून लाल बनाता है।
हमेशा प्रसन्न रहें, तनाव से दूर रहें।
हर्र को पीसकर शहद के साथ चाटें। उल्टी बंद होगी।
शहद में प्रोटीन होता है, इसका सेवन गर्भावस्था में करने से होने वाले बच्चे में पवित्र गुण आ जाते हैं। शहद में हारमोन्स ऐसे होते हैं जो महिला का यौवन और रंगरूप बनाये रखता है। गर्भावस्था में अक्सर खून की कमी आ जाती है। इसलिए दो चम्मच शहद रोज लें, होने वाला बच्चा हिस्ट पुष्ट व सुंदर होगा।
पूरे गर्भकाल में दस ग्राम सौंफ का अर्क पीते रहने से गर्भ स्थिर रहता है।
एक कप कच्चे दूध में एक चुटकी पिसी फिटकरी डालकर कच्ची लस्सी पीने से गर्भपात रुकता है।
गर्भावस्था में एरंड के तेल की मालिश स्तन पर करें।
गर्भावस्था में छांछ पियें।
गर्भावस्था में सब्जियों को मेथी का तड़का देकर बनाएं। गर्भाशय शुद्ध रहता है भूख खुलकर लगती है।
अगर बार बार गर्भपात हो तो गर्भावस्था में सिंघाड़े खायें, फायदा होगा।
गर्भावस्था में स्तनों में दर्द हो तो हल्दी की गांठ को पानी के साथ पत्थर पर घिसकर लेप करें।
यदि उल्टियां हो रही हों तो एक चम्मच तुलसी का रस पियें। इसे पीने से फायदा होगा।
भोजन करने के बाद थोड़ी सी सैर अवश्य करें।
गर्भावस्था में यदि बार बार हिचकी आये तो अजवाइन चबायें या लौंग मुंह में रखें।
अगर आपने केले खायें हों और उससे पेट भारी लग रहा हो तो तुंरत छोटी इलाइची खा लें। केले आसानी से हजम हो जायेंगे।
गर्भवती स्त्री को नारियल का गोला एवं मिश्रीखाने से प्रसव में कष्ट नहीं होता। संतान गौर वर्ण व हष्ट पुष्ट होतीहै
यदि गर्भावस्था में उल्टियां अधिक हो रही हों तो उसे रोकने के लिए राई को पीसकर पेट पर मलमल का कपड़ा रखकर लेप करें। पंद्रह मिनट रहने दें। उल्टियां बंद हो जाएंगी।
गर्भावस्था में पत्तागोभी खायें। इसमें क्षारीय तत्व होते हैं जो रक्त शोधन करते हैं। इसकी सब्जी या कच्चा सलाद अवश्य लें।
प्रसव के बाद ही पपीते का सेवन करें। स्तन में दूध की वृद्धि होगी।
agar geneticaly kisi ki baal ur jai yani ganga ho jai to uska koi upai hai,