पलाश के फूलों द्वारा उपचारः
1.महिलाओं के मासिक धर्म में अथवा पेशाब में रूकावट हो तो फूलों को उबालकर पुल्टिस बना के पेड़ू पर बाँधें। अण्डकोषों की सूजन भी इस पुल्टिस से ठीक होती है।
2.मेह (मूत्र-संबंधी विकारों) में पलाश के फूलों का काढ़ा (50 मि.ली.) मिलाकर पिलायें।
3.रतौंधी की प्रारम्भिक अवस्था में फूलों का रस आँखों में डालने से लाभ होता है।
4.आँख आने पर (Conjunctivitis) फूलों के रस में शुद्ध शहद मिलाकर आँखों में आँजें।
सुंदर बालक प्राप्ति के लिएः
1.दूध के साथ प्रतिदिन एक पलाशपुष्प पीसकर दूध में मिला के गर्भवती माता को पिलायें, इससे सुंदरसंतान की प्राप्ति होती है।
पलाश के बीजों द्वारा उपचारः
1.पलाश के बीज उत्तम कृमिनाशक है। 3 से 6 ग्राम बीज-चूर्ण सुबह दूध के साथ तीन दिन तक दें । चौथे दिन सुबह 10 से 15 मि.ली. अरण्डी का तेल गर्म दूध में मिलाकर पिलायें, इससे कृमि निकल जायेंगे।
2.बीज-चूर्ण को नींबू के रस में मिलाकर दाद पर लगाने से वह मिट जाती है।
3.पलाश के बीज आक (मदार) के दूध में पीसकर बिच्छूदंश की जगह पर लगाने से दर्द मिट जाता है।
छाल व पत्तों द्वारा उपचारः
1.बालकों की आँत्रवृद्धि (Hernia) में छाल का काढ़ा (25 मि.ली.) बनाकर पिलायें।
2.नाक, मल-मूत्रमार्ग अथवा योनि द्वारा रक्तस्राव होता हो तो छाल का काढ़ा (50 मि.ली.) बनाकर ठंडा होने पर मिश्री मिला के पिलायें।
3.बवासीर में पलाश के पत्तों की सब्जी घी व तेल में बनाकर दही के साथ खायें।
पलाश के गोंद द्वारा उपचारः
1.पलाश का 1 से 3 ग्राम गोंद मिश्रीयुक्त दूध अथवा आँवले के रस के साथ लेने से बल एवं वीर्य की वृद्धि होती है तथा अस्थियाँ मजबूत बनती हैं और शरीर पुष्ट होता है।
2.यह गोंद गर्म पानी में घोलकर पीने से दस्त व संग्रहणी में आराम मिलता है।
महिलाओं के सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए —
लाल रंग वाले पलाश ( butea monosperma ) के फूल एकत्र कर लें और छाया में सुखा लें और पाउडर बनाकर कांच के बर्तन में रख लें ..
उपयोग कैसे करें – भोजन के एक घंटे बाद 5 ग्राम पाउडर को एक गिलास दूध में घोल कर इसमें दो चम्मच धागे वाली मिश्री का पाउडर मिला दें और पी लें ..ऐसा दिन में दो बार सुबह शाम करे…..
अब इस आसान से दिखने वाले प्रयोग के फायदे भी समझ लें
(1) अगर बहुत ज्यादा menstrual bleeding होती है तो इस प्रयोग को लगातार दो महीने करे समस्या हमेशा के लिए ख़त्म हो जाएगी
(2) स्वस्थ महिलाओं के मासिक चक्र को नियमित बनाये रखता है अधिक दर्द को भी ठीक करता है .. और सौन्दर्य में भी वृद्धि होती है
(3)यह शरीर में कुछ शीतलता लाता है.. शरीर में अधिक गर्मी का महसूस करना हाथ पैरो की जलन कुछ ही दिनों में हमेशा के लिए ख़त्म हो जाती है
(4)स्किन के पिगमेंटेशन को कम करता है ..
सावधानी — जिन्हें मधुमेह हो वो दूध और मिश्री का प्रयोग करने के बजाय 15 ग्राम पाउडर 250 ml पानी में रात को भिगो दें और सुबह उबाल कर 100 ml रह जाने पर 50 ml की दो खुराक बनाये और भोजन के एक घंटे बाद दिन में दो बार पिए ..ऊपर बताये लाभ तो होंगे ही ..सुगर लेवल भी नियंत्रित रहेगा
1. पलाश (टेसू) का अर्क आँखों में डालने से नये मोतियाबिंद में लाभ होता है। इससे झामर में भी लाभ होता है।