Sunday , 22 December 2024
Home » योगासन » आपकी जिंदगी बदल देगा सूर्य नमस्कार, जानिए क्या हैं फायदे..?

आपकी जिंदगी बदल देगा सूर्य नमस्कार, जानिए क्या हैं फायदे..?

आपकी जिंदगी बदल देगा सूर्य नमस्कार, जानिए क्या हैं फायदे..?

सूर्य नमस्कार 12 योगासनों को मिलाकर बनाया गया है. हर एक आसान का अपना महत्व है| इसे करने वालों का कार्डियोवस्कुलर स्वास्थ्य अच्छा रहता है|साथ ही शरीर में खून का संचार भी दुरुस्त होता है. सूर्य नमस्कार के जरिए आप अपना तनाव कम कर सकते हैं और इससे शरीरी को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है|सूर्य नमस्कार प्राचीन समय से योग गुरुओं के बीच काफी चर्चित रहा है|यह विदेश में भी इतना ही लोकप्रिय है| सूर्य नमस्कार से तन, मन और वाणी, तीनों को शांति और ऊर्जा मिलती है| वहीं, सूर्य नमस्कार शरीर के सभी अंगों को क्रियाशील बनाता है|

सूर्य नमस्कार की 12 विधियां हैं

1- सावधान की मुद्रा में खडे होकर दोनों हाथों को कंधे के बराबर में उठाते हुए ऊपर की ओर ले जाइए। हाथों के अगले भाग को एक-दूसरे से चिपका लीजिए फिर हाथों को उसी स्थिति में सामने की ओर लाकर नीचे की ओर गोल घूमते हुए नमस्कार की मुद्रा में खड़े हो जाइए।

2- सांस लेते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाते हुए ऊपर की ओर खींचिए तथा कमर से पीछे की ओर झुकते हुए भुजाओं और गर्दन को भी पीछे की ओर झुकाइए, यह अर्धचक्रासन की स्थिति मानी गई है।

3- सांस को धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए आगे की ओर झुकिए। हाथ को गर्दन के साथ, कानों से सटे हुए नीचे जाकर घुटने को सीधे रखते हुए पैरों के दाएँ-बाएँ जमीन को छुएं। कुछ समय तक इसी स्थिति में रुकिए। इस स्थिति को पाद पश्चिमोत्तनासन या पादहस्तासन की कहते हैं।

4- इसी स्थिति में हाथों को जमीन पर टिकाकर सांस लेते हुए दाहिने पैर को पीछे की तरफ ले जाइए। उसके बाद सीने को आगे खीचते हुए गर्दन को ऊपर उठाएं। इस मुद्रा में पैर का पंजा खड़ा हुआ रहना चाहिए।

5- सांस को धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए हुए बाएँ पैर को भी पीछे की तरफ ले जाइए। अब दोनों पैरों की एड़ियां आपस में मिली हों। शरीर को पीछे की ओर खिंचाव दीजिए और एड़ियों को जमीन पर मिलाकर गर्दन को झुकाइए।

6- सांस लेते हुए शरीर को जमीन के बराबर में साष्टांग दंडवत करें और घुटने, सीने और ठोड़ी को जमीन पर लगा दीजिए। जांघों को थोड़ा ऊपर उठाते हुए सांस को छोडें।

7- इस स्थिति में धीरे-धीरे सांस को भरते हुए सीने को आगे की ओर खींचते हुए हाथों को सीधा कीजिए। गर्दन को पीछे की ओर ले जाएँ। घुटने जमीन को छू रहें हो तथा पैरों के पंजे खड़े रहें। इसे भुजंगासन भी कहते हैं।

8- पांचवी स्थिति जैसी मुद्रा बनाएं उसके बाद इसमें ठोड़ी को कंठ से टिकाते हुए पैरों के पंजों को देखते हैं।

9- इस स्थिति में चौथी स्थिति के जैसी मुद्रा बनाएं उसके बाद बाएं पैर को पीछे ले जाएं, दाहिने पैर को आगे ले आएं।

10- तीसरी स्थिति जैसी मुद्रा बनाएं उसके बाद बाएं पैर को भी आगे लाते हुए पश्चिमोत्तनासन की स्थिति में आ जाएं।

11- दूसरी मुद्रा में रहते हुए सांस भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं। उसी स्थिति में हाथों को पीछे की ओर ले जाएं साथ ही गर्दन तथा कमर को भी पीछे की ओर झुकाएं।

12- यह स्थिति पहली मु्द्रा की तरह है अर्थात नमस्कार की मुद्रा।

सूर्य नमस्कार शुरू करने के कुछ ही समय के भीतर आप अपनी शारीरिक और मानसिक स्थिति में काफी अंतर पाएंगे. एक नजर सूर्य नमस्कार के  फायदों पर…

1. आपका स्वास्थ्य निखरता है
सूर्य नमस्कार को डेली रूटीन में शामिल कर सही तरीके से किया जाए तो आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आएगी. 12 आसनों के दौरान गहरी सांस लेनी होती है जिससे शरीर को फायदा होता है.

2. बेहतर पाचन तंत्र
पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और उससे पाचन शक्ति बढ़ती है|जिन लोगों को कब्ज, अपच या पेट में जलन की शिकायत होती है, उन्हें हर सुबह खाली पेट सूर्य नमस्कार करना फायदेमंद होगा|

3. सूर्य नमस्कार करने से पेट कम होता है
आसनों से उदर की मांसपेशी मजबूत होती है. अगर इन्हें रेगुलर किया जाए, तो पेट की चर्बी कम होती है.

4. डिटॉक्स करने में मिलती है मदद
आसनों के दौरान सांस साँस खींचना और छोड़ने से फेंफड़े तक हवा पहुंचती है. इससे खून तक ऑक्सीजन पहुंचता है जिससे शरीर में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड और बाकी जहरीली गैस से छुटकारा मिलता है.

5. दूर रहेगी हर चिंता
सूर्य नमस्कार करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है और नर्वस सिस्टम शांत होता है जिससे आपकी चिंता दूर होती है| सूर्य नमस्कार से एंडोक्राइन ग्लैंड्स खासकर थॉयरायड ग्लैंड की क्रिया नॉर्मल होती है|ये दिमाग को शांत करता है और आलस्य को दूर भगाता है|

6. शरीर में लचीलापन आता है
सूर्य नमस्कार के आसन से पूरे शरीर का वर्कआउट होता है. इससे शरीर फ्लेक्सिबल होता है.

7. मासिक-धर्म रेगुलर होता है
अगर किसी महिला को अनियमित मासिक चक्र की शिकायत है, तो सूर्य नमस्कार के आसन करने से परेशानी दूर होगी. इन आसनों को रेगुलर करने से बच्चे के जन्म के दौरान भी दर्द कम होता है.

8. रीढ़ की हड्डी को मिलती है मजबूती
सूर्य नमस्कार के दौरान स्ट्रेचिंग से मांसपेशी और लीगामेंट के साथ रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और कमर लचीला होता है.

9. सूर्य नमस्कार से आप रहेंगे जवान
सूर्य नमस्कार करने से चेहरे पर झुर्रियां देर से आती हैं और स्किन में ग्लो आता है|यह योग त्‍वचा के रोग खत्‍म करने में भी मददगार साबित होता है|

10 वजन कम करने में मदद
सूर्य नमस्कार करने आप जितनी तेजी से वजन कम कर सकते हैं, उतनी जल्दी डायटिंग से भी फायदा नहीं होता| अगर इसे तेजी से किया जाए तो ये आपका बढ़िया कार्डियोवस्कुलर वर्कआउट हो सकता है|सूर्या नमस्कार ज़यादा वजन को कम करके शरीर को लचीला बनाता है|

11  ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है ,इस व्‍यायाम को करने से शरीर में खून का प्रवाह तेज हो जाता है जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में सहायक होता है.

12 अगर आप बालों की समस्‍या से ग्रसित हैं तो यह योगा अभ्‍यास आपके बालों को असमय सफेद होने, झड़ने व रूसी से बचाता है.
13 शरीर में ताजगी भरता है और मन को एकाग्र करने में सहायता करता है.
14 अगर आपको गुस्‍सा बहुत जल्‍दी आता है तो यह योग आपको इसे कंट्रोल में रखने की शक्ति भी प्रदान करता है.
15  जोड़ों को सुचारू रखने में भी सहायक है, यह योग करने से शरीर में लचीलापन बना रहता है, जिससे पीठ और पैरों के दर्द में आराम मिलता है|
16 शरीर को प्राकृतिक रूप से विटामिन डी मिलता है जो हड्डियों को मजबूत करने और आंखों की रोशनी बढ़ाने में फायदेमंद होता है.

इन बातों का रखें ध्‍यान

  1. – सूर्य नमस्कार पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके ही करना चाहिए.
  2. – सूर्य नमस्कार करते समय शरीर की प्रत्येक क्रिया को ध्यानपूर्वक व आराम से करना चाहिए.
  3. – इस योग अभ्‍यास को शुरू करने से पहले योगा एक्‍सपर्ट की राय जरूर लें.
  4. – सूर्य नमस्कार की तीसरी व पांचवीं स्थितियां सर्वाइकल एवं स्लिप डिस्क वाले रोगियों के लिए वर्जित हैं.
  5. – अगर आप किसी गंभीर बीमारी से पीडि़त हैं तो एक आर अपने डॉक्‍टर से कंसल्‍ट जरूर कर लें.
  6. – सूर्य नमस्‍कार कम से कम पांच बार करना चाहिए लेकिन शुरुआत के समय आप इसे अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार करें.
  7. – गर्भवती महिला तीसरे महीने के गर्भ के बाद से इसे करना बंद कर दें
  8. – हर्निया और उच्च रक्ताचाप के मरीजों को सूर्य नमस्कार नहीं करने की सलाह दी जाती है
  9. – पीठ दर्द की समस्या से ग्रस्त लोग सूर्य नमस्कार शुरू करने से पहले उचित सलाह जरूर लें
  10. – महिलाएं पीरियड के दौरान सूर्य नमस्कार और अन्य आसन न करें

No comments

  1. o p Ranga Jodhpur Rajasthan

    Very useful…thanx

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status