आप सिर्फ इसलिए दांत ब्रश नहीं करते हैं, कि हंसते समय दांत सफेद दिखें या सांस की दुर्गंध से बचाया जा सकें, बल्कि आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए यह आवश्यक है। जब आप ब्रश करते हैं, तो आप अपने दांतो में चिपके प्लाक (plaque) को निकालते हैं— प्लाक दांतो पर चिपकी बैक्टीरिया की एक पतली परत है जिसकी वजह से आपकी दांतो में कैविटी, मसूड़ों में बीमारी, और अगर आप इसे काफी समय तक अनदेखा करते हैं, तो शायद आपके दांत भी गिर जाएंगे! बदबूदार मुंह से आने वाली दुर्गंधित सांस लोगों को आपसे दूर रख सकती है, खासकर, आपसे बड़े भाई-बहनों को। आपको यह तो पता ही है, कि “क्यों” ब्रश करना चाहिए, परंतु अगर आप सीखना चाहते हैं कि कैसे दांतों को सही तरीके से ब्रश करें, तो यह लेख आपके लिए ही है। आइए इसे पढ़ें!
कई लोगों को लगता है कि दांत साफ करने से सिर्फ दांतों का पीलापन दूर होता है। फिर चाहे कैसे मर्जी ही ब्रश कर लो। जबकि ये सोच बहुत गलत है। क्योंकि सही तरीके से ब्रश न करने पर या फिर गलत ब्रश का चुनाव करने पर दांत संबंधी कई रोग हमें घेर लेते हैं। अगर सही तरीके से ब्रश न किया जाये तो दांतों में कैविटी, पायरिया, आदि की समस्या होना आम बात हो जाती है। इसलिए ब्रश करते वक्त सावधानी बरतें और इसमें जल्दबाजी न करें।
वैसे तो सभी लोग नियमित रूप से दांतों की सफाई करते हैं, लेकिन टूथब्रश करने का सही तरीका बहुत कम ही लोगों को मालूम होगा। असल में दांत साफ करने के लिए जो समय आदर्श माना जाता है वह 3 मिनट का होता है। एक शोध के अनुसार लेकिन आजकल बिजी लाइफस्टाइल के चलते लोग दांत साफ करने में भी खानापूर्ति करते हैं। जिसके चलते ब्रश का समय आजकल सिर्फ 1 मिनट रह गया है। आज हम आपको ऐसी कुछ बातें बता रहे हैं जिन्हें ब्रश करते वक्त आपको ध्यान रखनी चाहिए। आइए जानते हैं क्या हैं वो बातें—
न करें 2 बार से ज्यादा ब्रश
कई लोग बहुत जल्दी जल्दी दांत साफ करते हैं और साफ दांत के लालच में दिन में 3 से 4 बार भी ब्रश कर लेते हैं। लेकिन एक दिन में तीन बार से ज्यादा ब्रश करना, जलन के साथ दांतों की जड़ों को भी कमजोर करता है। इसलिए इसलिए दिन में दो बार ही ब्रश करें।
कैसा हो टूथ ब्रश
मुलायम नायलॉन के रेशे वाले टूथब्रश का चयन करें। यह टूथब्रश, अन्य सख्त टूथब्रश के मुकाबले, ऊपर नीचे ब्रश करते समय, मसूड़ों या दांत के इनेमल को नुकसान पहुंचाए बिना, आपके दांतो में लगे प्लाक और फंसे अन्नकणों को निकालता है। टूथब्रश ऐसा होना चाहिए जिसे आप आराम से पकड़ सकें, मतलब ब्रश की पकड़ सही हो, ब्रश का आकार छोटा होना चाहिए, ताकि वह आसानी से सभी दांतों तक पहुंच सकें, खासकर पीछे वाले दांत (जैसे दाढ़, अग्रदाढ़ और अक्ल दाढ़)। अगर ब्रश पीछे वाले दांतों तक नहीं पहुंच रहा है, तो शायद उसका आकार बड़ा है।
- सही समय पर टूथब्रश के ना बदलने पर भी कई समस्याएं होने लगती हैं। जिसके चलते दांतों की सफाई सही तरीके से नहीं हो पाती और इनसे संक्रमण की आशंका भी अधिक रहती है। बीमारी से पीड़ित लोगों को तो शरीर में कीटाणुओं और जीवाणुओं के प्रवेश से बचने के लिए टूथब्रश की स्वच्छता पर बहुत ध्यान देना चाहिए।
- अकसर लोगों का टूथब्रश खरीदते समय इस बात पर ध्यान ही नहीं जाता कि बहुत सख्त ब्रिसल्स वाले ब्रश मसूड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए मुलायम टूथब्रश ही लें। जो दांतों के बीच आसानी से जा सकें और जिनसे मसूड़ों के छिलने का डर भी न हो।
सफाई
दंत और मसूड़ों की समस्या, जैसे कैविटीज़ (cavities) होने से रोकना, दांत का मैल (Tartar), दांतो और मसूड़ों में झनझनाहट (sensitivity), मसूड़ों में सूजन (gingivitis), और दांतो में दाग से निवारण पाने के लिए खास टूथपेस्ट का चयन कर सकते हैं। यह फैसला आपको लेना है, कि आपके दांतो के लिए कैसा टूथपेस्ट सही है, या अपने डेंटिस्ट या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें।
ब्रश करने के बाद कुल्ला करने के तरीके का भी हमारे दंत स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ता है। क्योंकि ठीक से कुल्ला न करने के कारण दांतों में बैक्टीरिया विकसित होने लगते हैं। इसके अलावा टूथपेस्ट में फंसे हुए कणों से छुटकारा पाने के लिए अच्छी तरह से ब्रश को धोना भी बहुत जरूरी होता है।
दांतों को फ्लॉस करें:
दांतों को फ्लॉस करना, दांतों को ब्रश करने जितना ही जरूरी है, क्योंकि यह जमे हुए प्लाक, बैक्टीरिया, और दांतों के बीच फंसे अन्नकणों को निकालता है, जहां मुलायम, ढीले पड़े रेशे वाले टूथपेस्ट, ऊपर/नीचे ब्रश करने पर भी नहीं पहुंच पाते हैं। दांतों को ब्रश करने से “पहले” आपको फ्लॉस करना चाहिए, ताकि कोई फंसे हुए अन्नकण या बैक्टीरिया मुंह से बाहर निकल आते हैं।
याद रखें ध्यानपूर्वक फ्लॉस करें। फ्लॉस दांतों के बीच “अचानक टूट जाने से” आपके दांतों में तेज़ झनझनाहट हो सकती है, इसलिए ऐसा करने से बचें।
अगर आपको फ्लॉस करना अजीब लगता है, या आपके दांतों में ब्रेसेस (braces) लगे हैं, तो आप टूथपिक का इस्तेमाल कर सकते हैं। टूथपिक, छोटी सी लकड़ी या प्लास्टिक की स्टीक होती है, जो आप दांतों के बीच डाल सकते हैं, और फ्लॉस की तरह ही दांतों की सफाई कर सकते हैं, अगर आपके दांतों के बीच काफी जगह है तो।
कम मात्रा में टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें:
अपने टूथब्रश पर मटर जितना टूथपेस्ट लगाएं। ब्रश पर ज्यादा टूथपेस्ट लगाने से, ब्रश करते समय ज्यादा झाग निकल सकता है, जिससे बार-बार थूकने के लिए, और जल्दी पेस्ट खत्म करने के लिए आप मजबूर हो जाएंगे। इसके अलावा, फ्लोराइड टूथपेस्ट निगलने का खतरा बढ़ जाता है, जो सेहत के लिए हानिकारक है।
अगर ब्रशिंग करना दर्दनाक लगता है, तो सावधानीपूर्वक दांतो पर ऊपर/नीचे ब्रश करने का प्रयत्न करें या अपने टूथपेस्ट को सेन्सिटिव दांतो के लिए उपयुक्त टूथपेस्ट से बदल दें।
कम से कम तीन मिनट तक ब्रश करें:
एक साथ सिर्फ कुछ दांत ब्रश करने से शुरूआत करते हुए, पूरे दांतो की सफाई करके एक दौर पूरा करें (मतलब निचली तरफ के बाहरी दांतों के बायें ओर से शुरू करते हुए दाहिनी तरफ तक ब्रश करें, फिर ऊपरी तरफ बाहरी दांतों के दाहिनी ओर से बायें तरफ तक ब्रश करें, फिर ऊपरी दांतों के पिछली तरफ बायें ओर से दाहिनी तरफ तक ब्रश करें, और फिर निचले दांतों के पिछली तरफ बायें ओर से शुरू करके दाहिनी ओर तक ब्रश करें), ताकि हर जगह पर, हर दांत की सफाई में कम से कम 12 से 15 सेकंड समय आप दे सकें। अगर ऐसा करने से मदद मिलती है, तो आप अपने दांतो को चार हिस्सों में बांट लें: जैसे ऊपरी दांतों की बायें तरफ, ऊपरी दांतों की दाहिनी तरफ, पिछले दांतों की बायें तरफ तथा पिछली दांतों की दाहिनी तरफ। अगर आप ब्रश करने के लिए हर जगह के लिए 30 सेकंड का समय देते हैं, तो पूरे दांतों को ब्रश करने के लिए आपको दो मिनट का समय लगेगा।