Friday , 19 April 2024
Home » कंठ के रोग » खुनाक (कंठरोहिणी ) के लिए विशेष अनुभूत और परीक्षित नुस्खे -अनुभव में लेकर लाभ ले

खुनाक (कंठरोहिणी ) के लिए विशेष अनुभूत और परीक्षित नुस्खे -अनुभव में लेकर लाभ ले

खुनाक (कंठरोहिणी ) के लिए विशेष अनुभूत और परीक्षित नुस्खे -अनुभव में लेकर लाभ ले

यह वह  भयंकर  रोग है जिससे साँस लेना या कोई ओषधि या भोजन निगलना कठिन ही नही अपितु

दूभर हो जाता है | यह रोग भोजन की नली के अवयवों में सुजन के कर्ण हुआ करता है |

साँस का रुक -रुक के आना , पानी या भोजन का कठिनाई से निगलना इत्यादि इसके लक्षण है \

इसके लिए कुछ अनुभूत और लाभकारी नुस्खे है जो निचे लिख रहे है |

1 .- अकसीर खुनाक (कंठ दोष )-

निम्नलिखित अति साधारण योग इस भयंकर रोग के लिए अत्यधिक  लाभप्रद और प्रभावोत्पादक सिद्ध

हुआ है | इस रोग के लिए अनेक बार का अनुभूत है और अपने गुणों में अनुपम है |

विधि –

रीठे लाकर गुठली निकाल दे | छिलके को बारीक़ पिस कर 300 ग्राम पानी में 5 ग्राम घोलकर रोगी को

गरारे कराएं | उक्त रीठे का 15 ग्राम चूर्ण पानी मिला कर सुजन वाले स्थान पर लेप करे |तत्काल आराम

हो जायेगा बहुत बार अनुभूत है | यदि रोगी बेहोश हो तो कुछ बुँदे पानी की रोगी के मुख में डालकर हिला दे |

ताकि दवा अंदर चली जाये | एक दो बार इसी प्रकार करने से बंद गला खुल जायेगा |  ओषधि ,पानी इत्यादि

आसानी से अंदर जा सकेगी |

इसके एक -दो बार के सेवन से खुनाक का अंत हो जाता है गले की सुजन गले का बंद होना इत्यादि दूर होकर

पूरा आराम हो जायेगा |

2 .-सरलोपचार –

विधि –

महुवा की खली आवश्यकतानुसार लेकर इसे बारीक़ पिस ले | आवश्यकता के समय 3 ग्राम की मात्रा लेकर

इसे बारीक़ पिस ले | आवश्यकता के समय 3 ग्राम की मात्रा लेकर रोगी के मुख में डाले और ऊपर से एक

दो घूंट पानी पिला दे | इश्वर क्रपा से केवल एक दो बार के सेवन से पूर्ण आराम हो जायेगा |

3 .-लाभप्रद गरारे –

इन गरारे से भी बहुत शीघ्र आराम हो जाता है ये भी कई बार अनुभव में आ चुके है समय पर ऐसा प्रभाव दिखाते

है की मनुष्य विस्मित रह जाता है |

विधि –

अमलतास का गुदा 15 ग्राम ,250 ग्राम समोष्ण पानी में घोल कर गरारे कराएं | दिन में दो तीन बार गरारे कराने

से पूरा आराम हो जायेगा | इसी को पानी में पीसकर थोडा -थोडा गर्म-गर्म सुजन पर लेप कर दे |

4 .-हितकारी लेप –

विधि –

नोसादर 5 ग्राम ,मुर्ग की विष्टा 5 ग्राम दोनों दोनों को सिरका में पिस कर सुजन पर लेप करे | एक दो बार

से आराम हो जायेगा केवल अमलतास को खाने , लेप और गरारे करने से भी 90 प्रतिशत आराम होता है |

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status