श्वेत प्रदर के लिए अनुभवी व अचूक चिकित्सा लाभ ले |
परिचय –
योनिमार्ग से जो सफेद द्रव जाता है ,उसे ही श्वेत प्रदर कहते है ,स्वस्थ स्त्रीयों की योनी से एक स्राव भीतर से
निकलता रहता है जो की योनी मार्ग को गिला रखने में सहायता करता है ,यह द्रव जब निचे आता है ,तो निचे
का भाग इसे चूस लेता है ,अंदर से निकले द्रव की मात्रा इतनी होती है की स्वस्थ स्त्रियों में ये बाहर आता ही नहीं
यह योनी मार्ग को स्वस्थ रखता है ,जब यह स्राव निचे पहने वस्त्रों को गिला करने लगता है ,तब यह रोग बन
जाता है जिसे श्वेत प्रदर कहते है
कारण –
जब कोई स्त्री अधिक सहवास करती है ,तब अधिक स्राव से योनी की दीवारे ढीली पड़ जाती है तथा वे अंदर से निकले
स्राव को सोख नही पाती है ,इसलिए ये द्रव योनी से बाहर निकलने लगता है
इसके अलावा ,अधिक प्रसव ,परिवार नियोजन साधन के अधिक प्रयोग ,उतेजक वातावरण ,गलत खान-पान आदि
आयुर्वेदिक उपचार –
रोग –श्वेत प्रदर :
दवा —-
पुष्यानुग चूर्ण तीन ग्राम की मात्रा में दो बार चावल की धोवन के साथ दे और खाने के बाद
लोध्रासव और अशोकारिष्ट की 4-4 चम्मच बराबर पानी मिलाकर सेवन करे .
दवा —-
नागकेशर 50 ग्राम ,राल 30 ग्राम ,मुलेहठी 30 ग्राम ,देशी खांड 110 ग्राम ले और नागकेसर ,राल ,मुलहठी को कूट
पीसकर रखे और उसमे खांड मिलाकर रख ले .
यह दवा सुबह खाली पेट व रात को सोने से पहले एक चम्मच फांक कर उसमे से एक गिलास पानी या दूध पी ले
सर्दियों में ठंडा व गर्मियों में गर्म दूध या पानी ले इससे ७से 10 दिनों में कई रोगी ठीक हुए है
साथ में चन्द्रप्रभा वटी की 2-2 गोली भी दे .
दवा —-
गर्भपाल रस 2 गोली ,बड़ी इलायची बीजो का चूर्ण 500 mg ,अस्वग्न्धा चूर्ण 2 ग्राम ये 1 मात्रा है इसे सुबह नाश्ते
या खाने के आधे घंट बाद गुनगुने दूध से दे ऐसी ही खुराक शाम को दे .30 से 40 दिनों में आराम हो जाता है .
दवा —-
केथ तथा बांस दोनों के पत्तो को सिलबट्टे पर पिस कर रस निकाले ,यह रस 1 चम्मच सुबह -सुबह पिला दे ,केवल
3 दिनों तक देने से रोगी ठीक हो जाता है
दवा —-
चन्दनादी चूर्ण ,त्रिवंग भस्म को शहद के साथ दे और ऊपर से अश्वगंधारिष्ट पिलाये .
दवा —-
त्रिवंग भस्म 3 रती ,श्रंग भस्म 2 रती ये एक समय की दवा है इसे चावल के धोवन के साथ सुबह -शाम दे