बच्चों को सोना (स्वर्ण भष्म ) खिलाने के फायदे
Baljeet Singh
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बच्चों को सोना (स्वर्ण भष्म ) खिलाने के फायदे
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जानिए बच्चों को सोना खिलाने से यानि Swarna Prashana के फायदे
आयुर्वेद में सोने का इस्तेमाल प्राचीन काल से किया जाता रहा है। सोने को मेमोरी में सुधार करने और इम्यून सिस्टम बढ़ाने के लिए जाना जाता है। यही कारण है कि राजा-महाराजाओं का खाना सोने के बर्तनों में परोसा जाता था। एक और बात यह भी प्रचलित है कि पत्थर पर सोने के आभूषण रगड़ने के बाद उसे पानी से धो दिया जाता है और उस पानी को बच्चे को पिलाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार होता है। इस तकनीक को आयुर्वेद में स्वर्ण प्राशन (swarna prashana) कहते हैं। कॉलेज ऑफ आयुर्वेदिक साइंस एंड रिसर्च हॉस्पिटल में न्यूरोलोजी एंड चाइल्ड हेल्थकेयर यूनिट की डॉक्टर मधु गुप्ता आपको इस तकनीक से जुड़ी अहम बातें बता रही हैं।
बच्चे को सोना खिलाने की तकनीक :-
परंपरागत रूप से स्वर्ण भस्म या कच्चे सोने को थोड़े से पानी के साथ साफ पत्थर पर रगड़ा जाता है। इस पानी में शहद और घी मिलाकर बच्चे को चटाया जाता है। कई जगहों पर स्वर्ण भस्म को वाचा चूर्ण और ब्राह्मी जड़ी बूटी के साथ मिलाकर बच्चे को दिया जाता है।
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बच्चों को सोना (स्वर्ण भष्म ) खिलाने के फायदे
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बच्चे को सोना खिलाने के लाभ :-
इससे बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। यह रिकरंट इन्फेक्शन, अस्थमा और अन्य एलर्जी आदि समस्यायों को रोकने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह बच्चे की मेमरी में सुधार करने का बेहतर उपाय है, ध्यान अवधि बढ़ाने, एकाग्रता और सीखने की क्षमता में सुधार में मदद करता है। स्वर्ण प्राशन तकनीक का एक महीने तक नियमित रूप से इस्तेमाल करने से बच्चा बुद्धिमान बनता है। अगर नियमित रूप से छह महीने इसका इस्तेमाल किया जाए तो, बच्चे की ग्रैस्पिंग पावर बढ़ती है और स्पीच में सुधार होता है।
कितनी डोज दें :-
पांच साल तक के बच्चे को स्वर्ण भस्म की रोजाना 1-3 मिलीग्राम खुराक देनी चाहिए। इसे सुबह के समय खाली पेट देना चाहिए।
साइड इफेक्ट्स :-
सोना अत्यंत बायोकम्पैटबल हो जाता है और ह्यूमन बॉडी की फिजियोलॉजी के साथ इंटरफेयर नहीं करता है। इसलिए इसका कोई साइड इफ्फेक्ट नहीं होता है।
इस बात का रखें ध्यान :-
अपने बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क के अलावा दूसरी चीजें पिलाने, चटाने या खिलाने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें। ऊपर जो भी बातें लिखी गई हैं वो एक्सपर्ट द्वारा बताए गए अनुभव के आधार पर हैं, onlyayurved.com इस बात को किसी भी तरह से समर्थित नही ंकर रहा है।
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