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संजीवनी है विटामिन सी -महत्त्व, कमी के कारण ,लक्षण तथा स्रोत

विटामिन सी को सबसे शक्तिशाली विटामिन्स में से एक माना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम एस्कॉर्बिक एसिड (ascorbic acid) और इसके शरीर पर होने वाले गुणों के बारे में सभी को पता है।विटामिन-सी शरीर की मूलभूत रासायनिक क्रियाओं में यौगिकों का निर्माण और उन्हें सहयोग करता है। शरीर में विटामिन सी कई तरह की रासायनिक क्रियाओं में सहायक होता है जैसे कि तंत्रिकाओं तक संदेश पहुंचाना या कोशिकाओं तक ऊर्जा प्रवाहित करना आदि। विटामिन सी मानव शरीर के सामान्य कामकाज के लिए आवश्यक है। यह एस्कॉर्बिक अम्ल होता है जो कि हर तरह के सिट्रस फल में जैसे, नींबू, संतरा, अमरूद, मुसम्‍मी आदि में पाया जाता है।

विटामिन सी हमारे शरीर के लिये क्‍यों जरुरी है-

फ्री रैडिकल्‍स– विटामिन सी में एंटीऑक्‍सीडेंट होता है जो कि शरीर में फ्री रैडिकल्‍स से लड़ता है। फ्री रैडिकल्‍स से त्‍वचा पर जल्‍दी झुर्रियां पड़ने लगती हैं और शरीर के अंग डैमेज होने लगते हैं इसलिये आपको अपने आहार में विटामिन सी से भरे फल जरुर खाने चाहिये।

कैंसर– विटामिन सी हर तरह का कैंसर पैदा होने से रोकता है। यह शरीर में एंटीबॉडी बनाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है।

सर्दी-जुखाम– कई लोगों का मानना होता है कि यह सर्दी को और भी ज्‍यादा बढा सकता है लेकिन कई रिसर्च में पाया गया है कि सामान्‍य सर्दी-जुखाम में भी यह बहुत फायदेमंद होता है।

शारीरिक संरचना– विटामिन सी शरीर के अंदर की हर कोशिका को बनाने में योगदान देता है। वे लोग जिनके अंदर विटामिन सी की कमी हो जाती है उनकी हड्डियां कमजोर हो जाती है और त्‍वचा भी लूज हो जाती है।

दांतों के लिये– इसके अभाव में मसूड़ों से खून बहता है, दांत दर्द हो सकता है, दांद मसूढ़ों में ढीले हो सकते हैं या निकल सकते हैं इसलिये अपने आहार में विटामिन सी लीजिये।

उच्चरक्तचाप– जिन लोगों को उच्‍चरक्‍तचाप की शिकायत है उन्‍हें अपने आहार में रोज विटामिन सी का डोज लेना ही चाहिये। यह नसों और मासपेशियों को फैला देती है और हाइपरटेंशन से आगे कोई नुकसान होने से बचा लेती है।

विटामिन सी की कमी के कारण (Vitamin-C deficiency causes)

इस विटामिन का निर्माण शरीर अपने अंदर नहीं करता, अतः शरीर की ज़रुरत के अनुसार यह विटामिन बाहर से ही लाना पड़ता है। शरीर में अगर विटामिन सी की मात्रा काफी कम हो, तो यह शरीर के अन्य विटामिन्स, मिनरल्स और अन्य पोषक तत्वों की कार्यशीलता को काफी प्रभावित करता है। गलत खानपान और पोषण की कमी (Malnutrition) की वजह से भी शरीर में इस विटामिन की कमी हो जाती है। जो लोग काफी मात्रा में शराब या सिगरेट पीते हैं, या फिर हाइपर थाइरॉइडिस्म (hyperthyroidism) की समस्या से पीड़ित हैं, उन्हें विटामिन की काफी आवश्यकता होती है। इस बात को ना मानने की सूरत में लोग विटामिन सी की कमी से ग्रस्त हो सकते हैं। खाने को सही प्रकार से ना पकाने से सबसे ज़्यादा विटामिन नष्ट होते हैं, और यह शरीर में विटामिन्स की कमी का सबसे आम कारण भी है। काफी ज़्यादा मात्रा में डिब्बाबंद या प्रोसेस्ड (canned & processed) भोजन पर निर्भर रहने की स्थिति में भी इस विटामिन की कमी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि इन खाद्य पदार्थों में मौजूद प्रीसर्वेटिव्स (preservatives) विटामिन सी को नष्ट कर देती है। जिन शिशुओं को स्तनपान नहीं कराया जाता, वे भी विटामिन सी की कमी का शिकार होते हैं।

विटामिन सी की कमी के लक्षण (Symptoms)

  1. विटामिन सी की कमी से होने वाले रोग, शुरूआती दौर में विटामिन सी की हलकी कमी से शारीरिक थकान, कमज़ोरी, सिरदर्द, चोट लगने पर ठीक होने में समय लगना, जोड़ों में दर्द आदि। जैसे जैसे इसकी कमी बढ़ती जाती है, तो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काफी कमज़ोर हो जाती है। ऐसी स्थिति में लोग काफी आसानी से ठण्ड और फ्लू, बुखार, वायरल इन्फेक्शन (Viral Infection) आदि के शिकार हो जाते हैं। शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट्स की कमी की वजह से पैथोजेनिक बैक्टीरिया (pathogenic bacteria) और जीवाणु अंदर ही अंदर पनपने लगते हैं। इसके फलस्वरूप दस्त और पेट की अन्य समस्याएं पैदा होती हैं।
  2. जब ये समस्या काफी गंभीर हो जाती है, तो स्कर्वी (Scurvy) नाम की खतरनाक बीमारी पोषण के आभाव से ग्रस्त लोगों को अपना शिकार बनाती है। भोजन से अरूचि, मतली (Nausea), दस्त, बार बार बुखार का आना आदि स्कर्वी के लक्षण हैं। अगर इसका इस स्थिति में इलाज नहीं होता है तो ये समस्या विकराल रूप धारण कर सकती है। दांतों का झड़ना, सूजे, कमज़ोर और बदसूरत मसूड़े, त्वचा से खून निकलना और हाथ पैर में सूजन गंभीर स्कर्वी की निशानी है। जो शिशु इस बीमारी से ग्रस्त होते हैं, उनके शरीर की मांसपेशियों तथा हड्डियों का विकास काफी धीमी गति से होता है। व्यस्कों में इस रोग के फलस्वरूप दिल का दौरा पड़ने और अनीमिया (anemia) की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
  3. इसका असर त्वचा पर भी पड़ता है। त्वचा रोग विशेषज्ञों के अनुसार, इस विटामिन की कमी ही त्वचा की कई बीमारियां होने का मुख्य कारण है। विटामिन सी कोलेजन (Colagen)बनाने में काफी बड़ी भूमिका निभाता है। खराब खानपान से कोलेजन टूटने लगता है और त्वचा पर झुर्रियां और महीन रेखाएं आ जाती हैं|

विटामिन सी युक्त भोजन (Foods that contain vitamin c)

काफी मात्रा में सिट्रस फलों (citrus fruits) का सेवन करने से आपके शरीर की विटामिन सी की ज़रुरत पूरी हो जाती है। ये फल एस्कॉर्बिक एसिड  (Ascorbic Acid) से भरपूर होते हैं। विटामिन सी के स्रोत, इन फलों में आंवला संतरा और नींबू सबसे प्रमुख माने जाते हैं। इनका खट्टा स्वाद इनमें मौजूद एसिड का संकेत है। एक गिलास ताज़ा नींबू का रस, गर्म पानी तथा इसमें थोड़े से शहद का मिश्रण वज़न घटाने की सबसे प्रभावी औषधि है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स कैलोरीज (Calories) को जल्दी जलाने में सहायता करते हैं और शरीर से अतिरिक्त फैट (Fat) घटाते हैं। हर तरह की बेरीज (Berries) जैसे लाल बेरी, ब्लूबेरी (Blueberry), क्रैनबेरी (Cranberry), स्ट्रॉबेरी (Strawberry)और रास्पबेरी (Raspberry)एस्कॉर्बिक एसिड (Ascorbic Acid) से भरपूर होती है। मसालों में बेल पेपर (bell pepper)विटामिन सी का बेहतरीन स्त्रोत है। विटामिन सी वाले फल, टमाटर, पपीता, अमरुद, ब्रोकली (Brocolli)और अन्य हरी पत्तियां भी इस तत्व से युक्त होती हैं।

One comment

  1. Very important tips

  2. sir mare sari body par blood ki gathe h koi ayurved me elaaj h to bato aur en me koi drad nahi hota

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