Saturday , 27 April 2024
Home » andkosh » अंडकोश व्रद्धि (हाईड्रोसिल) को कहे बाय-बाय -अपनाये ये चिकित्सा

अंडकोश व्रद्धि (हाईड्रोसिल) को कहे बाय-बाय -अपनाये ये चिकित्सा

अंडकोश व्रद्धि (हाईड्रोसिल) को कहे बाय-बाय -अपनाये ये चिकित्सा

परिचय –

अंडकोश में किसी कारण सुजन हो जाती हे जिससे अंडकोश बढ़ जाते है और उनमे दर्द शुरू होने लगता है और रोगी

को पेशाब करने और चलने में समस्या उत्पन हो जाती हे रोगी जब चलता हे तो उसको टांगो को चोडा करके चलना

पड़ता है क्योंकि सुजन होने के कारण अंडकोश  दोनों जंघाओं के टच होते है जिससे पीड़ा होती हे .

1.- अंडकोश व्रद्धि –

दवा —- व्रद्धिवाधिका वटी 1-1 गोली सुबह -शाम पानी से ले .

अभ्यारिष्ट की 4-4 चम्मच बराबर पानी के साथ ले .

और सेन्धवादी तेल की अन्डकोशो पर मालिश करे .

2.- सूजे हुए और बढ़े हुए अंडकोश के लिए –

दवा —- अडूसा सफेद फूलों वाला इसके पत्तो को पानी में उबाले इस पानी से अन्डकोशो की सिकाई करे तथा इन गरम

पत्तो को अंडकोश पर रख के ऊपर से रुई तथा रुई पर पन्नी रख लंगोट बांध दे .सुबह लंगोट खोल दे ऐसा 7 दिनों तक करे

उन्ही 7 दिनों में अंडकोश अपने आकार में आ जाते है .

दवा —- छोटी कटेली की ताजा जड 20 ग्राम ,कालीमिर्च 7 नग और पानी 100 ग्राम इन सभी दवा को सिलबट्टे पर

पिस ले और 100 ग्राम पानी में मिलाकर छानकर रोगी को पिला दे दिन में एक बार सुबह .इसे 7 दिनों तक दे .

3.- अंडकोश की व्रद्धि में अनुभवी योग –

दवा —- कुंदरू गोंद 30 ग्राम ,सोंठ 30 ग्राम ,अजवायन 30 ग्राम ,सरसों तेल 150 ग्राम इन सबका लेप बना ले और

एरंड के पत्ते पर लेप लगाकर पत्ता अंडकोश पर बांधे इससे शीघ्र ही सुजन उतर जाएगी इससे 7 दिनों में ही बहुत

अच्छे परिणाम मिलते है .

4.- बहुत बड़े और अधिक बढ़े हुए अंडकोश के लिए –

दवा —- मुट्ठी भर इमली की ताजा पत्तिया लेकर मिटटी के बर्तन में डालकर ऊपर से इतना गोमूत्र डाले की सब पत्ते

डूब जाये अब इस बर्तन को अंगीठी पर चढ़ा इसे धीमी आग पर पकाए जब गोमूत्र कम हो जाये ,तब फिर से मटकी में

उतना ही गोमूत्र डाले जितना पहले डाला था इसे फिर से उबाले ,इसी प्रकार 3 बार गोमूत्र डालकर उबाले अब गर्म -गर्म

पत्तिया निकाल इन्हें बड या एरंडी के पत्तो पर रख सुहाता -सुहाता रहने पर बांध कर ऊपर से कपड़े की पट्टी बांध दे

इसके ऊपर लंगोट बांध दे यह किर्या रात में करे यह प्रयोग 7 से 21 दिन करने से कठोर से कठोर अंडव्रद्धि का जल निकल

कर अंडकोश पहले की तरह नरम हो जाते है .

5.- अन्डकोशो में जल भरना –

दवा —- उडद की दाल छिलके वाली लेकर उसका पाउडर बना ले तथा यह पाउडर एक रोटी के बराबर लेकर उसमे

एक चम्मच सेंधा नमक मिला ले अब इसमें हरे तंबाकू पत्तो का रस इतना मिलाये की गुंथकर रोटी बना सके

अब इस रोटी को एक तरफ से तवे पर पका ले और उतारकर उसके कच्चे हिस्से में एरंड का तेल चुपड़ दे और रात को

अन्डकोशो पर बांध दे और 3-4 लंगोट तेयार रखे इससे अन्डकोशो में पानी निकलेगा तो एक लंगोट गीली होने पर दूसरी

बांध ले पूरी रात रोटी को लगे रहने दे सुबह ही दूसरी रोटी लगाये लंगोट भीगने पर बदलते रहे इससे पूरा पानी

जायेगा .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status