लिपस्टिक सेहत के लिए हैं बहुत खतरनाक।
खतरनाक धातुओं से बनती है आपकी लिपस्टिक। इसके इस्तेमाल से आपको कैंसर और ट्यूमर तक भयंकर बीमारिया हो सकती हैं। अगर आप स्वस्थ्य प्रेमी हैं तो ये ज़रूर पढ़िए। यह बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि एनवायर्नमेंटल हेल्थ परिप्रेक्ष्य के जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से यह बात साबित हुई है।
आइये जानते हैं कैसे आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ होता हैं।
एक ताजा शोध में कई ब्रांडेड लिपस्टिक और लिप ग्लॉस में घातक धातु पाए गए हैं। जी हां, अमेरिका में कई शॉप पर रखी लिपस्टिक और लिप ग्लॉस के 32 प्रमुख ब्रांडों पर किए गए परीक्षणों से यह बात समाने आई है कि इनमें सीसा, कैडियम, क्रोमियम, एल्यूमिनियम और पांच अन्य घातक धातु पाए गए हैं।
शोध के अनुसार अमेरिका की कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के पब्लिक हेल्थ ऑफ बार्कले स्कूल के अनुसंधानकर्ताओं ने कई प्रमुख ब्रांडों की लिपस्टिकों पर शोध किया और पाया कि लिपस्टिक में सीसा, कैडियम, क्रोमियम, एल्यूमिनियम और लेड जैसे घातक घातु पाये जाते हैं।इनमें से कुछ धातु तो ऐसे हैं जो कई जानलेवा रोगों के लिए जिम्मेदार हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इन सौंदर्य प्रसाधनों में सिर्फ घातक धातु ही नहीं पाए गए बल्कि दैनिक उपयोग में लिपस्टिक का इस्तेमाल जितना अधिक होता है उस लिहाज से इससे होने वाला खतरा और बढ़ जाता है।
इसमें पाये जाने वाले प्रमुख हानिकारक तत्व।
सीसा (कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी का कारण)
2007 में अमेरिका की केम्पेन फॉर सेफ कोस्मेटिक संस्था ने 33 विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनियों की लिपिस्टिक की एक निष्पक्ष प्रयोगशाला में जांच करवाई। नतीजे सचमुच चौंकाने वाले थे। लगभग सभी कम्पनियों की लिपिस्टिक में काफी मात्रा में लेड पाया गया। लेड वह खतरनाक रसायन है, जो शरीर में पहुंचकर रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है, यदि स्थिति ज्यादा गम्भीर हो जाती है तो यह कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी का रूप ले लेती है। लेड लड़कियों और महिलाओं में शैक्षणिक क्षमता कम करता है, स्मृति कम करता है, आई.क्यू. कम करता है, चिढ़चिड़ापन बढ़ाता है और झगड़ालू प्रवृत्ति बढ़ाता है।
क्रोमियम (ट्यूमर होने का खतरा)
जो महिलाएं प्रतिदिन लिपस्टिक लगाने के बाद बार-बार उसे ठीक करने के लिए लगाती ही रहती हैं, वह सबसे बड़े खतरे के शिकार हो सकती हैं। चूंकि उनके पेट में प्रतिदिन 87 मिली ग्राम लिपस्टिक चली जाती है। आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली लिपस्टिक में सबसे ज्यादा क्रोमियम पाया गया जिसकी अधिकता से पेट में ट्यूमर तक हो सकता है। विज्ञान एवं पर्यावरण प्रदूषण निगरानी प्रयोगशाला केंद्र द्वारा किए गए एक ताजा अध्ययन के अनुसार, लिपस्टिक में पाए गए क्रोमियम के कारण कैंसर भी हो सकता है।
एल्यूमिनियम (पेट का अल्सर, पक्षाघात, आदि रोग)
लिपस्टिक में पाया जाने वाला एल्यूमिनियम मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होता है। लिपस्टिक का इस्तेमाल होठों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए होता है और ये सीधे-सीधे मुंह के जरिए पेट में चला जाता है। अमेरिका के नेशनल कैमिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में हुये शोध के अनुसार, एल्यूमिनियम पेट के लिए हानिकारक है। एल्यूमिनियम से पेट का अल्सर, पक्षाघात आदि रोग व शरीर में फास्फेट की कमी हो सकती है।
कैडमियम (महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा)
किडनी की बीमारी या मधुमेह से पीड़ित महिलाओं को कैडमियम के जोखिम से बचाना चाहिए क्योंकि यह किडनी में जमा होकर उसे नुकसान पहुंचा सकता है। कैडमियम के अधिक सेवन से महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिका की एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च के एक अनुसंधान के आधार पर यह तथ्य सामने लाया गया है।
मैग्नीशियम (स्नायु तंत्र प्रभावित)
लिपस्टिक के अत्यधिक इस्तेमाल करने पर एल्यूमिनियम, कैडमियम और सीसा के साथ-साथ इसमें मौजूद मैग्नीशियम की भी भारी मात्रा शरीर में चली जाती है। लंबे समय तक अत्यधिक मात्रा में मैग्नीशियम शरीर में जाने से आपका स्नायु तंत्र प्रभावित हो सकता है।
जानलेवा हैं लिपस्टिक।
प्रमुख शोधकर्ता और पर्यावरण स्वास्थ्य विज्ञान के प्रोफेसर एस कैथरीन हामंड ने कहा कि इन धातुओं का लिपस्टिक और लिप ग्लॉसों में मिलना इसलिए भी और घातक है क्योंकि इन्हें किसी टिश्यू से सोखा नहीं जाता, और ना ही इन्हें किसी डिजाइन की तरह त्वचा पर इस्तेमाल किया जाता है। लिपस्टिक का इस्तेमाल होठों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए होता है और ये सीधे-सीधे मुंह के जरिए पेट में चला जाता है। अनुसंधानकर्ताओं ने लिपस्टिक के उपयोग का पैमाना बनाते हुए कहा कि अगर आप प्रतिदिन औसत मात्रा में भी लिपस्टिक लगाते हैं तो आप प्रतिदिन 24 मिलीग्राम लिपस्टिक अंजाने में ही पेट के अंदर गटक लेते हैं।
ऐसी अन्य जानकारियो के लिए यहाँ क्लिक कर के और पढ़े।
It is commendable work done by you. Very good information give to us it’s very useful. Thanks