अर्क कपूर के फायदे – Ark kapoor ke fayde
अर्क कपूर एक बेहतरीन दवा है इसको हर घर में होना चाहिए, इसके इस्तेमाल से हैज़ा, गर्मी के दस्त, वमन (उल्टी), दांत का दर्द, और विषैलें जानवरों का विष फ़ौरन आराम हो जाता है. हैजे जैसे रोग में यह अक्सीर काम करता है. हम चाहते हैं के हर गाँव, शहर के संपन्न लोग इसको घर में बना कर रखें और ज़रूरत पड़ने पर परोपकारार्थ बिना विलम्ब और संकोच के रोगी को दें.
अर्क कपूर बनाने के लिए ज़रूरी सामान
- Rectified Spirit Allopathic no. 90 – रेक्टिफाईड स्पिरिट एलोपैथिक नंबर 90 = 24 औंस.
- Camphor – कपूर – 100 ग्राम.
- Oil Menth, Pepp. – पिपरामेंट आयल – 2 औंस
- अर्क कपूर की मात्रा और सेवन विधि.
अर्क कपूर बनाने की विधि.
स्पिरिट को दो बोतलों में बराबर बाँट लो और फिर कपूर के छोटे छोटे टुकड़े करो और उनको स्पिरिट की बोतलों में आधा आधा डाल दो, बोतलों को अच्छे से बंद कर के हिलाओ तांकि कपूर घुल जाए, जब ये घुल जाए तो इसमें पिपरामेंट आयल मिला दो. और इन दोनों बोतलों को एक में मिला कर रख लो. यह असली अर्क कपूर तैयार है. बाज़ार में जितने अर्क कपूर मिलते हैं उनमे पिपरामेंट आयल नहीं मिलता.
अर्क कपूर की सेवन विधि और मात्रा
व्यस्क को 10 बूँद हर घंटे में या दो घंटे में दीजिये. रोग के अनुसार ज़रूरत होने पर इसको आधे आधे घंटे में भी दिया जा सकता है. ज्यों ज्यों रोग घटने लगे दवा भी देर देर से दो. 12 से 14 साल के बालक को 4 से 5 बूँद काफी है, और बहुत छोटा बालक हो तो 1 से 2 बूँद. स्त्रियों को भी यह कम मात्रा में देनी चाहिए.
नोट – अर्क कपूर देने के बाद कम से कम आधा घंटा तक कुछ भी खिलाना पिलाना नहीं है.
आइये आपको बताएं अर्क कपूर के प्रयोग.
अर्क कपूर का दस्त में प्रयोग.
- दस्त शुरू होते ही बताशे में छेद कर के उस में 10 बूँद अर्क कपूर टपका कर खिला दें. जब तक दस्त बंद ना हो तब तक घंटे घंटे दो दो घंटे या तीन तीन घंटे में ये देते रहें.
- गर्मी के पतले दस्तों में भी यह दवा इसी तरह दी जाती है. रोग की कमी बेशी के अनुसार मात्रा भी कम ज्यादा देनी चाहिए.
- हैजे के रोगी को यह दवा देते रहें और हैजे में नाडी की चाल धीमी पड़ जाती है, हाथ पैर ठन्डे पड़ने लगते हैं. पेशाब नहीं उतरता है. इन उपद्रवों को शांत करना चाहिए. इसके लिए हैजे के रोगी को खूब साफ़ कमरे में साफ़ बिछौने पर सुलाओ और उसका पाखाना तथा क़य(उल्टी) जल्दी जल्दी साफ़ करवा दो, ताकि घर की हवा खराब ना हो, उसके पास थोडा सा कपूर रख दो और उसे बारम्बार कपूर सुंघाते रहो तथा रोगी को धैर्य देते रहो, घबराने मत दो.
[अधिक जानकारी के लिए आप ये पढ़ें – हैजे का आयुर्वेदिक इलाज]
अर्क कपूर का उल्टी में प्रयोग.
उलटी होने पर ऊपर बताई गयी विधि से ही बताशे में छेद कर के उस में 10 बूँद अर्क कपूर टपका कर खिला दें. जब तक उलटी बंद ना हो तब तक घंटे घंटे दो दो घंटे या तीन तीन घंटे में ये देते रहें.
अर्क कपूर का दांत दर्द में प्रयोग.
दांत या दाढ़ में दर्द हो तो अर्क कपूर को रुई के फावे में लगा कर दांत या दाढ़ के नीचे रख कर मुंह नीचा कर दो, भयानक दन्त पीड़ा भी 3 – 4 बार में आराम हो जाएगी.
अर्क कपूर का ज़हरीले जानवर के काटने पर.
अगर कोई ज़हरीला जानवर काट खाए तो तुरंत कटे हुए स्थान पर अर्क कपूर लगाओ, दो तीन बार लगाने से बहुत जल्दी आराम होगा.
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अर्क कपुर बनाने की समग्री कहाँ मिलेगी?