ह्रदय रोगों में हितकारी बेदना अनार, आंवला या आंवला का मुरब्बा, सेव या सेव का मुरब्बा, अंगूर, निम्बू का रस, थोड़ा उष्ण गाय का दूध, जौ का पानी, कच्चे नारियल या दभ का पानी, गाजर, पालक, लहसुन, कच्चा प्याज, छोटी हरड़, सोंफ, मैथीदाना, किशमिश, मुनक्का। गाय के दही से बिलोया शुद्ध घी का सिमित प्रयोग, गेंहू का दलिया चोकर, मोटा …
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यकृत एवं पित्ताशय की पथरी का उपाए
यकृत एवं पित्ताशय की पथरी पित्ताशय एक छोटा सा अंग होता है जो लीवर (यकृत) के ठीक पीछे होता है। पित्ताशय यकृत द्वारा उत्पन्न पित्त को संग्रहित करता है। इसका कार्य पित्त को संग्रहित करना तथा भोजन के बाद पित्त नली के माध्यम से छोटी आंत में पित्त का स्त्राव करना है।पित्त रस वसा के अवशोषण में मदद करता है। …
Read More »आमाशय( पेट ) की बीमारियो का रामबाण
आमाशय( पेट ) की बीमारियो का रामबाण आमाशय ( पेट ) ग्रास नली और ग्रहणी के बीच स्थित होता है ( छोटी आंत का प्रथम भाग ), यह उदर गुहा के बाएं ऊपरी भाग में मौजूद होता है। पेट पोषण नली का फैला हुआ भाग है जो पाचन नली के प्रमुख अंग के रूप में कार्य करता है। आमाशय प्रोटीज़ …
Read More »अनेक रोगों में शहद का प्रयोग
अनेक रोगों में शहद का प्रयोग – 1- कुछ बच्चे रात में सोते समय बिस्तर में ही मूत्र (पेशाब) कर देते हैं। यह एक बीमारी होती है। सोने से पहले रात में शहद का सेवन कराते रहने से बच्चों का निद्रावस्था में मूत्र (पेशाब) निकल जाने का रोग दूर हो जाता है- 2- एक चम्मच शुद्ध शहद शीतल पानी में …
Read More »अगर चाहते हैं कभी कब्ज ना हो तो करे ये उपाय।
कब्ज क्यों होता है- हमारे अप्राकृतिक आहार,विहार और विचार के चलते कब्ज उत्पन्न होती है | जब शरीर में मल की अधिकता हो जाती है तब मल निष्कासक अंग इसे पूरी तरह से बाहर नही निकाल पाते फलस्वरूप यह शरीर में एकत्र होकर रक्त के साथ मिलकर अन्य अनेक रोग उत्पन्न कर देता है | इसके मुख्य कारण ये है …
Read More »घरेलू उपचार यूरिक एसिड का – Home remedies uric acid
घरेलू उपचार यूरिक एसिड का – Home remedies uric acid यदि किसी कारणवश गुर्दे की छानने की क्षमता कम हो जाए -तो यह यूरिया में यूरिक एसिड बदल जाता है- जो कि बाद में हड्डियों में जमा होजाता है जिस कारण व्यक्ति को दर्द रहने लगता है-यूरिक एसिड प्यूरिन के टूटने से बनता है- वैसे तो यूरिक एसिड शरीर से …
Read More »शरीर के लिए बहुत लाभकारी हे पुदीने का सेवन
पुदीने के आयुर्वेदिक उपयोग। आयुर्वेद के मतानुसार पुदीना, स्वादिष्ट, रुचिकर, पचने में हलका, तीक्ष्ण, तीखा, कड़वा, पाचनकर्ता, उलटी मिटाने वाला, हृदय को उत्तेजित करने वाला, शक्ति बढ़ानेवाला, वायुनाशक, विकृत कफ को बाहर लाने वाला, गर्भाशय-संकोचक, चित्त को प्रसन्न करने वाला, जख्मों को भरने वाला, कृमि, ज्वर, विष, अरुचि, मंदाग्नि, अफरा, दस्त, खाँसी, श्वास, निम्न रक्तचाप, मूत्राल्पता, त्वचा के दोष, हैजा, …
Read More »पत्तागोभी
पत्तागोभी में न घुलने वाला फायबर, बिटा केरोटिन, विटामिंस B1, B6, K, E, C के अलावा और भी कई विटामिंस भरपूर मात्रा में होते हैं। पत्तागोभी में मिनरल्स आयरन और सल्फर भी काफी ज्यादा होते हैं। पत्तागोभी आपके स्वास्थ्य, त्वचा और बालों के लिए बहुत उपयोगी है। इसमें पाए जाने वाले खास गुणों के कारण इसे सुपर फुड भी माना …
Read More »पुरुषो की धातु कमजोरी में विशेष- घी बादाम योग
पुरुषो की धातु कमजोरी में विशेष- घी बादाम योग धातु दोर्बल्य या धातु की कमजोरी पुरुषो का ऐसा रोग है जिसके कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति कम हो कर शरीर अनेक बीमारियो का घर बन जाता हैं। तथा मर्दाना ताक़त कम हो जाती हैं। जिस कारण पुरुष को अनेक प्रकार की शारीरक और मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता …
Read More »त्रिफला से कायाकल्प
त्रिफला से कायाकल्प त्रिफला के चूर्ण का विधिवत सेवन अमृत तुले है और कायाकल्प करने में अमृत है। यह वात, पित्त, कफ-त्रिदोषनाशक व रसायन है। निर्माण विधि हरड़ ( पिली ), बहेड़ा, आंवला( त्रिफला ) इन तीनो फलों ( स्वच्छ एवं बिना कीड़े लगे ) की गुठली निकालने के बाद छिलकों को कूट-पीसकर कपड़छान करके प्रत्येक का अलग-अलग चूर्ण बना …
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