शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को कम हो जाने को मेडिकल टर्म में रक्तशर्कराल्पता ( Hypoglycemia) कहते हैं। इस स्थिति में रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से नीचे चला जाता है। ( Hypoglycemia ka ilaj, हाइपोग्लाईसिमिया )
सबसे आम तौर पर मधुमेह के इंसुलिन अथवा खानेवाली दवाओं के जटिल उपचार के कारण भी रक्तशर्कराल्पता पैदा हो सकती है। रक्तशर्कराल्पता कम गैर मधुमेह व्यक्तियों में आम है, लेकिन किसी भी उम्र में कई कारणों से हो सकती हैं। इन कारणों में, शारीर में अत्यधिक मात्रा में इन्सुलिन का उत्पन्न होना, जन्मजात त्रुटियां, औषधियों और विष, शराब, हॉर्मोन की कमी लम्बी मुखभरी, संक्रमण, तथा अंग की क्रियाशीलता में विफलता से जुड़े चायपचय आदि हैं।
HYPOGLYCEMIA is a medical condition in which BLOOD SUGAR level reaches an abnormally low level, usually 70mg/dL or below. ( Hypoglycemia ka ilaj, हाइपोग्लाईसिमिया )
कोज शरीर को ऊर्जा देता है और यह भोजन द्वारा हमारे शरीर में पहुंचता है। कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार जैसे की चावल, आलू, ब्रेड, अनाज, दूध, फल, मिठाई आदि सभी कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ हैं। सेवन के बाद ग्लूकोज में खून और शरीर की कोशिकाओं में जाता है । हॉर्मोन इंसुलिन जो की अग्न्याशय Pancreas द्वारा बनाया जाता है वह इसे ऊर्जा कोशिकाओं के लिए ऊर्जा में बदलता है। यदि ग्लूकोज की मात्रा खपत से अधिक है तो यह ग्लूकोज शरीर के लीवर और मांसपेशियों में ग्लाइकोजन के रूप में जमा हो जाता है। ग्लाइकोजन का उपयोग शरीर ज़रूरत के अनुसार करता है। इसके अतिरिक्त यह शरीर में चर्बी की तरह फैट सेल्स में स्टोर हो जाता है। फैट भी एक तरह का एनर्जी स्टोर है। जब खून में ग्लूकोज़ का स्तर गिरने लगता है तो पैंक्रियास से एक अन्य हॉर्मोन ग्लूकाजन निकलता है जो की ग्लाइकोजन को तोड़ एनर्जी रिलीज़ कराता है। ( Hypoglycemia ka ilaj, हाइपोग्लाईसिमिया )
कुछ मधुमेह पीड़ित लोगों जो की इन्सुलिन की दवाएं लेते हैं, में ग्लूकोज़ का गिरा हुआ स्तर आसानी से सामान्य नहीं हो पाता। ऐसे में कम रक्त शर्करा स्तर या हाइपोग्लाइसीमिया ( Hypoglycemia) अचानक हो जाता है। शुरू में इसे ग्लूकोज़ युक्त पानी पी कर दूर किया जा सकता है। लेकिन समय पर ऐसा न किये जाने पर भ्रम, बेहोशी, रेस्पोंस धीमा हो जाना और कई मामलों में जान तक जा सकती है।
( Hypoglycemia ka ilaj, हाइपोग्लाईसिमिया )
ऐसा नहीं है की हाइपोग्लाइसीमिया ( hypoglycemia ) का खतरा केवल डायबिटीज में होता है। कोई भी व्यक्ति जो कार्बोहायड्रेट का सेवन नहीं करता, व्रत-फ़ास्ट बहुत अधिक रखता है, दिन में ठीक से भोजन नहीं करता, बहुत शारीरिक श्रम करता है तो उसे भी हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है। बच्चे जो दिन भर खाली पेट रहते हों, उन्हें भी हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है।
मधुमेह में हाइपोग्लाइसीमिया ( Hypoglycemia ) का क्या कारण हो सकता है?
डायबिटीज में दवाओं का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य से नीचे गिरा सकता है। इन्सुलिन वाली दवाओं का सेवन या इंजेक्शन, शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ा शुगर लेवल को कम कर देते हैं। ( Hypoglycemia ka ilaj, हाइपोग्लाईसिमिया )
गंभीर हाइपोग्लाईसिमिया के लक्षण Severe Hypoglycemia Symptoms
संकेत एवं लक्षण
रक्तशर्कराल्पता जन्य (हाइपोग्लेसेमिक लक्षणों) एवं आविर्भावों को प्रतिनियामक (काउंटररेगुलेट्री) हॉर्मोन्स के द्वारा उत्पादित (एप्रिनेफ्रिन, एड्रेनालाइन तथा ग्लूकागॉन) जो ग्लूकोज़ की गिरावट के कारण सक्रिय हो जाती है, तथा घटा दिया गया मस्तिष्क शर्करा द्वारा उत्पादित “न्यूरोग्लाइकोपेनिक” प्रभाव में विभक्त कर दिया जा सकता है।
- खाने या पीने में असमर्थ Unable to eat or drink
- आक्षेप, दौरे पड़ना Seizures or convulsions (jerky movements)
- बेहोशी Unconsciousness
किन लोगों में हाइपोग्लाइसीमिया ( Hypoglycemia) होने का खतरा है? Risk Factors
- जो डायबिटीज के लिए दवाओं का सेवन करते है।
- जो बहुत कम कार्बोहायड्रेट का सेवन करते है।
- जो बहुत ज्यादा इन्सुलिन लेते है।
- जो बहुत ज्यादा एक्टिव होते है, भाग-दौड़ करते हैं या अधिक व्यायाम करते हैं।
- जो खाना ठीक से नहीं खाते।
( Hypoglycemia ka ilaj, हाइपोग्लाईसिमिया )
कौन सी दवाएं है जो हाइपोग्लाइसीमिया ( Hypoglycemia) करा सकती हैं?
- सल्फा मेडिसिन sulfa medication
- निमोनिया की दवाएं pentamidine
- मलेरिया की दवा quinine
हाइपोग्लाइसीमिया का इलाज़ क्या है? Treatment of Hypoglycemia
रक्तशर्करा के स्तर को 10-20 ग्राम कार्बोहाइड्रेट लेकर (या रक्त में प्राप्तकर) मिनटों में सामान्य तक ऊपर उठाया जा सकता है। अगर व्यक्ति होश में हो तथा निगलने में सक्षम हो तो वह इसे आहार के रूप अथवा पेय के रूप में ले सकता है। कार्बोहाइड्रेट की यह मात्रा लगभग 3-4 आउन्स (100-120 ml) संतरे सेव, अथवा अंगूर के रस में निहित है, हालांकि फलों के रस में फल शर्करा (प्रोक्टोज़) का उच्चतर अनुपात होता है जो कि शुद्ध द्राक्षा शर्करा की तुलना में बहुत धीरे-धीरे च्यापचयित होता है, वैकल्पिक रूप से लगभग 4-5 आउन्स (120-150 ml) नियमित (गैर-आहार) सोडा भी उतना ही कारगार हो सकता है जितना कि रोटी का एक टुकड़ा, लगभग 4 बिस्कुट या श्वेतसार (स्टार्च) से भरे जो जन की एक परसन. श्वेतसार सहज ही जल्दी पचकर शर्करा में बदल जाता है (अगर व्यक्ति मधुमेही टाइप 2 रोधी औषधि एक्रबोस का सेवन न करता हो तो, किन्तु वसा अथवा प्रोटीन साथ में लेने से पाचन क्रिया मंथर पद जाती है। सुधार के लक्षणों की शुरूआती सुचना 5 मिनटों में ही मिलने लगती है हालांकि पूरी तरह से सुधार में 10 से 20 मिनट तो लग ही जाएंगे. अत्यधिक आहार लेने से सुधार की गति त्वरित नहीं होती है अगर व्यक्ति को मधुमेह है तो बाद में चलकर उच्च रक्तशर्करा पैदा होने लगेगी.
- हाइपोग्लाइसीमिया ( Hypoglycemia) हो जाए तो below 70 mg/dL, तुरंत ग्लूकोज़ के तीन-चार टेबलेट लें।
- 1/2-1 कप, कोई भी फ्रूट जूस पियें।
- एक कप दूध पी लें।
- 8-10 टॉफी खा लें।
- 20 ग्राम किशमिश खा लें।
- एक चम्मच चीनी खा लें।
- चीज़, क्रैकर या सैंडविच खा लें।
यदि मधुमेह में हाइपोग्लाइसीमिया ( Hypoglycemia) है तो ग्लूकोज़ के सेवन के 15 मिनट बाद फिर से रक्त शर्करा के स्तर को चेक करें। यदि यह अभी भी कम है तो फिर कुछ खा लें।
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( Hypoglycemia ka ilaj, हाइपोग्लाईसिमिया )