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पपीते के जूस में नींबू मिलाकर पीने से होंगे ये हैरान कर देने वाले फायदे !!!

परिचय (Introduction) : पपीता बहुत ही स्वादिष्ट होता है. इसके पेड़ लंबे, पतले व कोमल होते हैं. पपीते के पेड़ में कोई डालियां नहीं होती हैं. इस पर लगने वाले फल को पपीता कहते हैं. पपीता कच्चे रहने पर हरा और पक जाने पर पीले रंग का हो जाता है. पपीते के अंदर काले रंग के बीज होते हैं और बीज के ऊपर एक लसलसा द्रव्य जमा रहता है. पपीते के पेड़ भारत के कई राज्यों में पाए जाते हैं और यह किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है.

कच्चे पपीते की सब्जी और अचार भी बनती है. पके पपीते की चटनी व कचूमर भी बनाई जाती है. प्रतिदिन सुबह पपीते का सेवन करने से कब्ज दूर होती है और पाचन शक्ति बढ़ती है. यह पेट की गैस को दूर करता है. पपीते में पेप्सीन एंजाइम प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो एक प्रकार का पाचक रस है. पपीता प्रोटीन को पाचन के अलावा आंतों में सूखे मल को बाहर करके आंतों को एकदम साफ कर देता है.

गुण (Property) : पपीता आसानी से हजम होने वाला फल है. पपीता भूख व शक्ति को बढ़ाता है. यह प्लीहा (तिल्ली), यकृत (लीवर), पांडु (पीलिया) आदि रोग को समाप्त करता है. पेट के रोगों को दूर करने के लिए पपीते का सेवन करना लाभकारी होता है. पपीते के सेवन से पाचनतंत्र ठीक होता है. पपीते का रस अरूचि, अनिद्रा (नींद का न आना), सिर दर्द, कब्ज व आंवदस्त आदि रोगों को ठीक करता है. पपीते का रस सेवन करने से अम्लपित्त (खट्टी डकारें) बंद हो जाती है. पपीता पेट रोग, हृदय रोग, आंतों की कमजोरी आदि को दूर करता है. पके या कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर खाना पेट के लिए लाभकारी होता है. पपीते के पत्तों के उपयोग से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है और हृदय की धड़कन नियमित होती है.

वैसे तो पपीता खाने से कई फायदे होते हैं। लेकिन जब पपीते के जूस में नींबू का रस मिला दिया जाता है तो इसके हेल्थ बेनिफिट्स और बढ़ जाते हैं। दरअसल पपीते में पपाइन जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कई हेल्थ प्रॉब्लम से बचाते हैं।हम आपको बता रहे हैं पपीते के जूस में नींबू का रस मिलाकर पीने के फायदे ।

1- पपीता में मौजूद एंटीओक्सिडेंट से ब्लड सर्कुलेशन इम्प्रूव होता है और हार्ट अटैक से बचाव होता है

2- इस ड्रिंक से बॉडी के टोक्सिंस दूर होते है, यह स्किन और बालों के लिए फायदेमंद है

3- इस ड्रिंक में पपाइन होते है, जिससे पेट की प्रॉब्लम जैसे गैस और कब्जियत दूर होती है.

4- इसमे विटामिन सी होता है, जिससे एनर्जी मिलती है और कमजोरी दूर होती है

5- इसमे एंटी इंफ्लेमेंटरी होती है जिससे जोड़ो का दर्द दूर होता है

6- इसमे मौजूद पपाइन पीरियड्स को रेगुलर करता है, यह पीरियड्स में होने वाले दर्द से बचाता है

7- इसमे विटामिन्स, मिनरल्स होते है, जिससे बॉडी की इम्युनिटी बढती है, यह सर्दी-खाँसी जैसे इन्फेक्शन से बचाता है

विभिन्न रोगों में उपचार (Treatment of various diseases)

स्तनों में दूध बढ़ाने के लिए: पका पपीता खाने से या कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर खाने से स्तनों में दूध बढ़ता है।

दाद: पपीते का दूध निकालकर कुछ दिनों तक दाद पर लगाने से दाद ठीक होता है।

प्लीहा रोग: प्लीहा रोग से पीड़ित रोगी को पपीता का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए। इससे प्लीहा रोग ठीक होता है।

यकृत (जिगर) रोग:

  • यदि छोटे बच्चों के यकृत (जिगर) खराब रहता हो तो उसे प्रतिदिन पपीता खिलाना चाहिए। पपीता यकृत (जिगर) को ताकत देता है।
  • यह पेट के सभी रोगों को भी समाप्त करता है।
  • पपीता और सेब खाने से बच्चों के जिगर की खराबी दूर होती है।

कब्ज़:

  • कच्चा पपीता या पका पपीता खाने से कब्ज की शिकायत दूर होती है।
  • कब्ज से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन सुबह पपीते का दूध पीना चाहिए। इससे कब्ज दूर होकर पेट साफ होता है।
  • खाना खाने के बाद पपीता खाने से कब्ज की शिकायत दूर होती है।
  • पपीते के दूध व अदरक के रस में 50 ग्राम अजवाइन मिलाकर छाया में सूखा लें। सूख जाने पर यह आधा चम्मच की मात्रा में भोजन के तुंरत बाद पानी से लें। इससे कब्ज दूर होती है। यह गैस बनना, गले व छाती की जलन, भूख का न लगना, गुदा की खुजली आदि को भी ठीक करता है।

पेट के कीड़े : पपीते के 10 बीजों को पानी में पीसकर चौथाई कप पानी में मिलाकर लगभग 7 दिनों तक लगातार पीने से पेट के कीड़े समाप्त होते हैं।

गर्भपात: पपीता खाने से गर्भपात हो जाता है। अत: गर्भावस्था में पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए।

बच्चों के शारीरिक शक्ति व लम्बाई के लिए: जिन बच्चों की शारीरिक लम्बाई कम होती है या शरीर कमजोर होता है, उसे प्रतिदिन पपीता खिलाना चाहिए।

अपच: आधे चम्मच कच्चे पपीते का दूध चीनी के साथ प्रतिदिन लेने से अपच (भोजन का न पचना) दूर होता है।

रक्तगुल्म (खूका जम जाना): प्रतिदिन शाम को आधा किलो पका पपीता खाने से रक्तगुल्म ठीक होता है।

पुरानी खाज-खुजली:  पपीते का दूध और सुहागा को उबलते पानी में डालकर खाज-खुजली पर लगाने से दाद-खुजली दूर होती है।

नारू रोग: पपीते के पत्तों का रस अफीम में मिलाकर लेप करने से नारू शीघ्र ही बाहर निकल जाता है।

हृदय का रोग:

  • पपीते के पत्तों का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन पीने से हृदय का रोग ठीक होता है। इसके सेवन से घबराहट दूर होती है।
  • बुखार में हृदय की कमजोर व नाड़ी का अधिक तेज चलने के रोग में पपीते के पत्तों का काढ़ा बनाकर सेवन करना चाहिए।
  • पपीते के पत्ते को पानी में उबालकर उसके पानी को छानकर पीने से हृदय रोग में लाभदायक है।

सौन्दर्य बढ़ाने के लिए:

  • पके पपीते को छीलकर पीस लें और इसे चेहरे पर लगाएं। इसे लगाने के 15-20 मिनट के बाद जब यह सूख जाए तो चेहरे को पानी से धो लें और मोटे तौलिए से चेहरे को अच्छी तरह साफ करें। इसके बाद चेहरे पर तिल या नारियल का तेल लगाएं। इस तरह इसका उपयोग करने से 1 से 2 सप्ताह में ही चेहरे के दाग, धब्बे व मुंहासे ठीक हो जाते हैं और चेहरा सुन्दर बनता है। इससे चेहरे की झुर्रियां व काला घेरा आदि भी दूर होता है।
  • युवतियों को अपनी कमर को सुन्दर व सुडौल बनाने के लिए प्रतिदिन कुछ महीने तक पपीता खाना चाहिए। इससे कमर पतली व सुडौल बनती है।
  • 10 ग्राम पपीते का गूदा, 10 बूंद नींबू का रस, आधा चम्मच गुलाब जल एवं 10 मिलीलीटर टमाटर का रस मिलाकर चेहरे व शरीर के दूसरे अंगों पर लेप करें। लेप करने के 15 से 20 मिनट बाद हल्के गर्म पानी से साफ चेहरे को साफ कर लें। इस तरह कुछ दिनों तक इसका प्रयोग करने से त्वचा कोमल, चिकनी व मुलायम बनती है।
  • खून की कमी होने पर रोगी को प्रतिदिन पपीता खाना चाहिए। इससे पाचन क्रिया ठीक होता है और खून बनता है।
  • यदि प्रसव के बाद स्त्री के स्तनों में दूध न बनता हो तो उसे प्रतिदिन पपीते का सेवन करना चाहिए। इससे स्तनों में दूध बढ़ता है।
  • लगभग 300 ग्राम पपीता प्रतिदिन खाने से मोटापा दूर होता है।
  • चेहरे की त्वचा खुश्क व झुर्रिदार होने पर बचाव के लिए प्रतिदिन पपीता खाना चाहिए।
  • चेहरे का रंग निखारने के लिए एक कप पपीते का रस व एक कप अमरूद का रस मिलाकर दिन में 2 बार पीना चाहिए। इससे कुछ ही दिनों मे चेहरे पर चमक आ जाती है।
  • सभी त्वचा रोग में पपीते का रस, गाजर का रस और आधी मात्रा में पालक का रस मिलाकर दिन में 2 बार पीने से त्वचा रोग ठीक होता है।
  • चेहरे के मुहांसे, कील, झाईयां आदि को दूर करने के लिए पके पपीते व आलू का रस मिलाकर दिन में 2-3 बार चेहरे पर लगाएं। इससे चेहरे के मुहांसे, कील व झाईयां दूर होती हैं।
  • पपीते से मिलने वाला रासायनिक तत्त्व चेहरे पर जमी हुई तेलीय परत को हटाने में बहुत लाभकारी रहता है। एक पूरी तरह से पके हुए पपीते के अंदर का गूदा लेकर अच्छी तरह उसका लेप बना लें, 15 मिनट तक पपीते के गूदे का लेप चेहरे पर रगड़ कर कुछ देर बाद गुनगुने पानी से धो लें। अगर त्वचा रूखी हो तो पपीते के गूदे में गुलाब जल, चन्दन का बुरादा और हल्दी को मिलाकर उबटन बना कर लगा लें। और बाद में ठण्डे पानी से धो लें।

हानिकारक प्रभाव (Harmful effects) – गर्भावस्था के दौरान कच्चा या पका पपीता नहीं खाना चाहिए। जिन स्त्रियों को मासिक-धर्म अधिक आता हो उन्हें भी पपीता नहीं खाना चाहिए। प्रमेह, कुष्ठ व अर्श (बवासीर) के रोगियों के लिए कच्चा पपीता हानिकारक होता है। पपीता के बीजो का सेवन करने से गर्भपात हो सकता है।

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