ज्वर (बुखार) नाशक कुछ सरल और अनुभव युक्त नुस्खे -अवश्य अनुभव करे
जब अप्राक्रतिक ताप बढकर सारे शरीर में व्याप्त हो जाता है उसे ज्वर के नाम से पुकारते है
ज्वर के लिए अनुभूत और सरल योग प्रस्तुत किये जा रहे है
1 .- कम्प ज्वर –
विधि — आवश्यकतानुसार कालीमिर्च लेकर बारीक़ कर ले .धतूरे के पत्तो के रस में तीन बार तर और
खुश्क करके चने के बराबर गोलिया बनावे.एक गोली ज्वर आने से दो घंटे पहले और दूसरी एक घंटा पहले
थोड़े गर्म पानी के साथ दे.आशा है पहले दिन ज्वर नही होगा अन्यथा दुसरे दिन पुनः इसी प्रकार करे
सब प्रकार के ज्वरों के लिए लाभप्रद है
2.- चमत्कारी गोलियां –
विधि — पलास पापड़ा और करंजवा की मींगी समान मात्रा में लेकर बारीक़ करके पानी के साथ चने के बराबर
गोलिया बना ले. ज्वर आने से पहले 2-2 गोलिया तीन बार पानी के साथ दे .इससे ज्वर का आना रुक जायेगा
गोलिया 4-4 घंटे के अंतर से दे .
3.- अन्य योग –
विधि — भुनी हुई फिटकरी 6 रती से 1 ग्राम तक ज्वर आने से एक घंटे पूर्व खांड में रखकर दिया करे .ज्वर
अवश्य रुक जायेगा.परन्तु ध्यान रहे की सगर्भा स्त्री को यह ओषधि कदापि न दी जाये अन्यथा गर्भपात की
भारी आशंका रहती है .
4 .- सरलोपचार –
विधि — काला जीरा और कलोंजी समभाग मात्रा में लेकर चूर्ण बना ले.ज्वर से पहले 3 ग्राम चूर्ण बनाकर
12 ग्राम गुड में रखकर खिलाये .ज्वर नही आएगा .
5 .- ज्वरारि चुटकला –
विधि — 4 रती नोशादर और 3 रती काली मिर्च को बारीक़ करके ज्वर से एक घंटा पूर्व दे .ज्वर बिल्कुल नही
होगा.दो तीन बार के सेवन से पूर्ण लाभ होगा .
6 .- चोथिया ज्वर हर –
विधि — 10 ग्राम कलोंजी को बारीक़ पीसकर 10 ग्राम मधु में मिलाकर रख ले.इसमें से 5 ग्राम प्रातःकाल
खिलाया करे.ज्वर के लिए अचूक योग है.
7 .- जीर्ण ज्वर –
विधि — काले जीरे को बारीक़ करके शीशी में डाले रखे.दोनों समय 3-3 ग्राम की मात्रा गर्म दूध के साथ दे.
कुछ ही दिनों में आराम हो जायेगा.
8 .- दूसरा योग –
विधि — 20 ग्राम रेवन्द चीनी को पीसकर बारीक़ कर ले. रात के समय 15 ग्राम हरी गिलोय को कुचल कर
पाव भर में पानी में भिगो दिया करे. प्रातःकाल पानी निथार ले.एक ग्राम ओषधि देकर उपर से यह पानी पिलाया
करे पुराने से पुराना ज्वर के लिए अचूक ओषधि है.
9 .- पित ज्वर –
विधि — एक रती यवक्षार को 250 ग्राम ठंडे पानी में घोलकर प्रातः समय इसके साथ बलान्गु के 5 ग्राम बीज
फंका दिया करे.तीन चार दिनों में ज्वर बिल्कुल न रहेगा.
10 .- ज्वरारि अंजन –
सर्व प्रकार के ज्वरों के लिए यह एक अचूक ओषधि है.आँख में केवल एक सलाई लगाने से ज्वर अवश्य उतर जायेगा
बड़ा अनुपम योग हे बनाकर लाभ ले .
विधि — आवश्यकतानुसार नोसादर लेकर चार घंटे तक गिलोय के ताजा अर्क के साथ खूब खरल करे.फिर दो
प्यालियों में रखकर यथाविधि सत्व प्राप्त करे.जो सत्व प्राप्त हो उसको पुनः चार बार इसी घंटे उपयुक्त अर्क
के साथ खरल करके दोबारा सत्व उड़ा ले. तीन बार इस किर्या को करे और शीशी में रख ले.सभी ज्वर में एक -एक
सलाई दोनों आँखों में लगाया करे.इससे हर प्रकार का ज्वर उतर जायेगा .
11 .- अकसीर अर्क –
विधि — दो ग्राम कपूर को बोतल में डालकर पानी में डालकर पानी से बिल्कुल ऊपर तक भर दे.बोतल को
हिलाकर कपूर को मिला दे और डाट लगाकर रख छोड़े.चमत्कारी ओषधि है इसमें से 2 ग्राम ओषधि 50 ग्राम जल
में मिलाकर दिया करे.इसी प्रकार दिन में तीन मात्रा दे .सभी ज्वरों के लिए उतम उपचार है इसके अतिरिक्त
बच्चों के सब रोगों में गुणों करती है