Thursday , 25 April 2024
Home » gharelu gyaan » क्या आप जानते हैं सिंघाड़े के स्वास्थ्य लाभ :

क्या आप जानते हैं सिंघाड़े के स्वास्थ्य लाभ :

क्या आप जानते हैं सिंघाड़े के स्वास्थ्य लाभ :

सिंघाडे को ट्रापा बिसपीनोसा भी कहा जाता है। यह त्रिकोने आकार का फल होता है । यह स्वास्थ के लिए पौष्टिक और विटामिन युक्त फल है। सिंघाडे का प्रयोग कच्चा और पका कर दोनों ही रूपों में किया जाता है। साथ ही सिंघाड़े का आटे का प्रयोग भी किया जाता है। सिंघाडे में विटामिन ए, बी और सी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह खनिज लवण और कार्बोहाइड्रेट युक्त भी होता है। सिंघाड़ा, जिसे पानीफल के नाम से भी जाना जाता है, मूलतः एक चीनी फल है जो चीन के हर घर में उपलब्ध होता है । इसका शानदार स्वाद और कड़कपन इसे बेहद ख़ास बनाता है । कई पोषक तत्वों और लो कैलोरी वाला , यह फल सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है । जिंक, पोटेशियम और विटामिन्स से भरपूर यह फल हर किसी को अपनी दिनचर्या में भोजन के रूप में शामिल करना चाहिये ।

 आइये जानते हैं सिंघाड़े के उपयोग और इस से होने वाले फायदों के बारे में –

  • पानी में पैदा होने वाला तिकोने आकार का फल है सिंघाड़ा। इसके सिर पर सींग की तरह दो कांटे होते हैं, जो छिलके के साथ होते हैं। तालाबों तथा रुके हुए पानी में पैदा होने वाले सिंघाड़े के फूल अगस्त में आ जाते हैं, जो सितम्बर-अक्तूबर में फल का रूप ले लेते हैं। छिलका हटाकर जो बीज पाते हैं, वही कहलाता है सिंघाड़ा। इस जलीय फल को कच्चा खाने में बड़ा मजा आता है। सिंघाड़ा अपने पोषक तत्वों, कुरकुरेपन और अनूठे स्वाद की वजह से खूब पसंद किया जाता है।
  • सिंघाड़ा शरीर को ठंडक प्रदान करने का काम करता है. यह प्यास को बुझाने में भी कारगर होता है. दस्त होने पर इसका सेवन करना फायदेमंद रहता है|
  • एनीमिया, ब्रोंकाईटिस, लेप्रोसी जैसे रोगों में यह फल किसी राम बाण से कम नहीं है साथ ही इसका जूस डायरिया जैसे रोग के लिए भी अत्यंत फायदेमंद होता है ।
  • सिंघाड़े को कच्चा खाने या इस फल को जूस के रूप में लेने पर यह शरीर से हानिकारक विषैले पदार्थो को बाहर निकालता है और मूत्र संबंधी इन्फेक्शन को रोकता है । यह मीठा, ठंडा और ठोस फल दस्त और पीलिया में भी लाभ पहुंचाता है साथ ही यह शरीर को शीतल रखकर लार का उत्पादन बढ़ाता है ।
  • स्वस्थ दिनचर्या को बनाये रखने के लिए यह फल खाने के रूप में श्रेष्ठ है जो कि पोषक तत्वों और लो कैलोरी का एक अच्छा स्त्रोत होता है । एक कप सिंघाड़े में मात्र1 वसा पाया जाता है इसलिये यह शरीर के लिए एक बेहतर विकल्प के रूप में सब का प्रिय फल है ।
  • इसमें पाया जाने वाला मैग्नीज और आयोडीन, थाइरोइड ग्रंथि के लिए आवश्यक तत्व होते हैं अतः इसका रोजाना प्रयोग करने के थाइरोइड ग्रंथि की क्रियाशीलता लम्बे समय तक सही रूप में बनी रहती है ।
  • भूख बढाने के लिए भी यह फल एक बेहतर विकल्प के रूप में समझा जाता है जो बच्चों और बड़ों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होता है ।
  • इसे पाउडर के रूप में लेने से खांसी से सम्बंधित समस्या में आराम मिलता है, सिंघाड़े को पीस लें और इसे जूस या पानी में मिला लें । इस मिश्रण को दिन में दो बार पीने से खांसी सम्बंधित समस्या का निदान हो जाता है ।
  • खून में उपस्थित गंदगी और विषैले पदार्थो को दूर करने के लिए भी सिंघाड़ा एक बेहतर औषधि होता है साथ ही थकावट को दूर करके तरोताजा बनाये रखता है ।
  • सिंघाड़े के आटा को नीबू के रस के साथ मिला ले और इसे एक्जीमा (खुजली) वाली जगह पर लगायें | कुछ दिन में असर दिखने लगेगा ।
  • अपने औषधीय गुणों के कारण यह फल खसरा जैसे रोग के लिए भी अत्यंत लाभकारी होता है । इसके लिए सिंघाड़े का गर्म पानी के साथ घोल बना लें और 6 से 9 दिन तक इसे रोज पियें, लाभ होगा ।
  • अपने रक्त शुद्धिकरण के गुण के कारण यह त्वचा का रंग भी साफ़ बनाता है ।
  • सिंघाड़े के छिलकों को निकाल लें और धूप में सुखाएं, सूखने के बाद इसे पीसकर पानी से साथ पेस्ट बना लें , इस पेस्ट को सूजी हुयी त्वचा पर लगायें । सूजन को तुरंत दूर करता है ।
  • त्वचा के साथ साथ बालों के लिए भी सिंघाड़ा फायदेमंद फल होता है । जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि यह फल शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है । बालों को नुकसान पहुँचाने वाले विषैले पदार्थ भी सिंघाड़े के सेवन से दूर हो जाते हैं । बालों के पोषण के लिए आवश्यक तत्व सिंघाड़े में पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं ।

कुछ सावधानीयां-

  • अगर कब्ज की प्रोब्लम हो तो सिंघाड़े को न खाए |
  • सिंघाड़े को खाने के बाद पानी ना पियें |
  • सिंघाड़े के अत्याधिक प्रयोग से पेट दर्द हो सकता है |

One comment

  1. Singade ka aata kaha milta h

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status