नाभि हटने (धरण) के लिए घरेलू उपचार लाभ ले
परिचय –
रोगी को भूख ना लगना ,उसे लगातार दस्त लगे रहना तो और अगर चिकित्सक को लगे की इसकी नाभि हट गयी हे
किसी योग्य व्यक्ति से नाभि को सही करवाए ,नाभि हटने पर रोगी को दवाई भी कम नही करेगी .
रोग – धरण पड़ना –
उपाय —- रोगी को बिल्कुल सीधा लिटा दे तथा धागे से उसकी नाभि से लेकर निप्पल तक नापे ऐसा दोनों निपलो
पर नापे जिस और का धागा बड़ा होगा धरण भी उसी और खिसकी होगी ,अब जिस तरफ धरण हे उसके उल्टी तरफ
वाली लात को घुटनों तक मोड़ दूसरी लात को घुटने के ऊपर रख थोडा सा निचे की और झटका दे धरण उसी समय
बेठ जाएगी .
(ख) नाप बिठाने का तरीका — रोगी को किसी समतल जगह पर सीधा लिटा दे ,उसके पेरो के अगुठो को मिलाकर
देखे जिस और का अगुठा बड़ा हो ,हाथ से उस पैर का अंगूठे को पकडकर ,उस टांग को जमीन से एक -डेढ़ फुट ऊपर
उठा ले ,अब उसी पैर के तलवे में गहराई वाले स्थान पे 3-4 मुक्के मारे ,अब अंगूठे को फिर से देखे यदि दोनों अंगूठे
नाप में बराबर हो गये हो तो समझ ले ,धरण बेठ गयी ,यदि बराबर नही हुए तो फिर से यही करे ,
रोग –धरण के लिए लड्डू –
निर्माण विधि —- एक खरल में 10 ग्राम पंचाम्रत पर्पटी लेकर सूक्ष्म मर्दन करे .फिर उसमे अजवायन का चूर्ण 25 ग्राम
डालकर खूब घोटाई करे ,बाद में उसमे सोंठ चूर्ण 25 ग्राम मिलाकर घोंटे और फिर छाया में सुखोकर नकछिकनी बूटी
का चूर्ण 25 ग्राम डालकर एक समान कर ले और इसमें नकछिकनी बूटी का स्वरस डालकर एक हफ्ते तक घुटाई करे
फिर उसमे 85 ग्राम पुराना गुड डालकर खूब घुटाई करके कुल 85 लड्डू बना ले और 1-1 लड्डू दिन में 3 बार पानी के साथ दे
बहुत लाभकारी हे .
रोग –खिसकी हुई कोडी को ओषधि से ठीक करना –
दवा —- एक मुनक्का लेकर उसके बीज निकाल दे ,उसमे आदि रती शुद्ध हिंग भर कर खाली पेट 60-70 ग्राम पानी
से निगलवा दे ,इससे पहले दिन ही आराम आ जायेगा ,पहले दिन आराम ना आये तो दुसरे दिन भी दे .
अनुभव योग है .