Haija – Cholera
हैजा क्या हैं।
हैजा एक गंभीर बिमारी हैं, अगर इसका सही समय पर इलाज ना किया जाए तो ये जानलेवा साबित हो सकती हैं। हैजा जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए उसकी पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है।
आमतौर पर इसकी शुरुवात उल्टी और दस्त से होती हैं। इसका मुख्या कारण हमारे खान पान की अशुद्धता ही हैं। दूषित आहार या दूषित पानी पीने से हैजा के बैक्टेरिया शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इसक बाद यह बैक्टेरिया तेजी से आंतो पर हमला करते हैं जिससे पतले दस्त व उल्टी की समस्या शुरु हो जाती है। हैजा का इंफेक्शन होने पर तीन से 6 घंटे में रोगी को बार-बार उल्टियां व दस्त लगने लगते हैं। कोई इलाज ना लेने पर धीरे-धीरे यह समस्या घातक रूप ले लेती है।
कभी भी उल्टी दस्त हो तो इसको इग्नोर ना करे। तुरंत नज़दीकी स्वस्थ्य केंद्र, वैद, डॉक्टर से अवश्य संपर्क करे।
हैजा रोग के लक्षण।
1. इस रोग में जबरदस्त उलटियां व दस्त होते हैं। कई बार उलटी नहीं भी होती है और जी मिचलाता है व उलटी होने जैसा प्रतीत होता है।
2. उलटी में पानी बहुत अधिक होता है, यह उलटी सफेद रंग की होती है। कुछ भी खाया नहीं कि उलटी में निकल जाता है।
3. उलटी के साथ ही पतले दस्त लग जाते हैं और ये होते ही रहते हैं, शरीर का सारा पानी इन दस्तों में निकल जाता है। इस बीमारी में बुखार नहीं आता, बस रोगी निढाल, थका-थका सा कमजोर व शक्तिहीन हो जाता है।
4. इस रोग में प्यास ज्यादा लगती है, पल्स मंद पड़ जाती है, ब्लड प्रेशर कम होन लगता है, यूरिन कम आता है व बेहोशी होने लगती है।
5. हैजा होने पर रोगी के हाथ-पैर ठंडे पड़ जाते हैं।
6. हैजे की शुरुआत होने पर रोगी की सांस टूटने लगती है.
7. यूरीन में समस्या होती है और पीले रंग का होता है.
8. हैजा में ज्यादा बुखार नहीं होता, जैसा कि दूसरे इन्फेक्शन में होता है ।
9. हैजा में रोगी की हृदय गति बढ़ जाती है।
हैजे की समस्या से बचने के लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे। नमक-शकर-पानी का घोल पिलाये या बना बनाया इलेक्ट्रोलाइट पिलाकर रोगी को लवणों की पूर्ति करे। जब भी पानी पिलाये पानी को अच्छी तरह से उबाल कर ही पिलाये।
हैजा रोग होने पर दवा के साथ ये घरेलु उपाय कर सकते हैं जो इस रोग में बहुत उपयोगी है।
1. पुदीना हैजे के लिए रामबाण औषिधि हैं। हैजा होने पर रोगी को पोदीने का अर्क निरंतर देना चाहिए।
2. लहसुन का उबला हुआ पानी देने से हैजे के बैक्टीरिया ख़त्म होते हैं।
3. हींग 5 ग्राम, कपूर 10 ग्राम, और नीम के 10 कोमल पत्ते लेकर तुलसी के रस में पीसकर चने के बराबर गोलियां बनाए, एक एक गोली दिन में तीन चार बार गुलाब के अर्क में देने से हैजा में लाभ होता है।
4. अजमोद (अजवायन) के पत्ते को अच्छी तरह धोकर पीसें और उसका रस निकाल ले, यह रस हैजे में एक-एक घंटे के अंतराल पर दीजिए। पहेली बार चार बड़े चम्मच भरकर और बाद में जब तक मल घन होकर न आए, तब तक दो दो चम्मच यह रस देते रहिए। इससे से हैजा थोड़े ही समय में नियत्रित हो जाता है।
5. काली मिर्च 10 रत्ती, घी में भुनी हुई हींग दस रत्ती और अफीम आठ रत्ती को एक साथ मिलाकर बारह गोलिया बनाए। दिन में 3-4 बार एक-एक गोली पानी के साथ देने से हैजे में फायदा होता है।
6. पानी में लौंग और थोड़ा सा सेंधा नमक डाल कर ओटा लीजिये, इसको ठंडा कर लीजये और रोगी को बार बार यही पानी देना चाहिए।
7. लोंग के तेल की दो-तीन बून्द चीनी या बताशे में देने से हैजे में फायदा होता है।
8. जायफल का 10 ग्राम चूर्ण गुड में मिलाकर तीन-तीन मि. ग्राम की गोलिया बनाए, एक-एक गोली आधे आधे घंटे पर देने से और ऊपर से थोड़ा सा गर्म पानी पीने से हैजे के दस्त बंद हो जाता है।
9. हैजे का आक्रमण होने पर रोगी को बार बार प्याज का रस देने से आराम होता है। हैजे के शुरू में ही एक-एक रत्ती हींग मिलाया हुआ प्याज का रस आधे-आधे घंटे के अंतराल पर देने से हैजा मिटता है।
10. अगर हैजे के रोगी को पेशाब ना आ रहा हो तो राइ का लेप कमर पर लगाये। तुरंत पेशाब आ जायेगा।
Collerake upay kya he