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अस्थमा की जरूरी जानकारी और इसके घरेलू उपचार

No More Inhaler. Make This Juice And Cure Asthma Attacks!

अस्थमा (Asthma) कहे या हिन्दी में दमा ये श्वसन तंत्र की बीमारी है जिसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि श्वसन मार्ग में सूजन आ जाने के कारण वह संकुचित हो जाती है। इस कारण छोटी-छोटी सांस लेनी पड़ती है, छाती मे कसाव जैसा महसूस होता है, सांस फूलने लगती है और बार-बार खांसी आती है। इस बीमारी के होने का विशेष उम्र बंधन नहीं होता है। किसी भी उम्र में कभी भी ये बीमारी हो सकती है।

दमा की बीमारी को दो भागो किया जा सकता है- विशिष्ट (specific) और गैर विशिष्ट ( non-specific)। विशिष्ट प्रकार के दमा के रोग में सांस में समस्या एलर्जी के कारण होता है जबकि गैर विशिष्ट में एक्सरसाइज़, मौसम के प्रभाव या आनुवांशिक प्रवृत्ति (genetic predisposition) के कारण होता है।

आम तौर पर अगर परिवार में आनुवांशिकता के तौर पर अस्थमा की बीमारी है तो इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। अस्थमा कभी भी ठीक नहीं हो सकता है लेकिन कई प्रकार के ट्रीटमेंट के द्वारा इसके लक्षणों को नियंत्रण में लाया जा सकता है या बेहतर रहने की कोशिश की जा सकती है।

दमा रोग के लक्षण – SYMPTOMS OF ASTHMA

दमा रोग में रोगी को लेने तथा साँस को बाहर छोड़ने में काफ़ी ज़ोर लगाना पड़ता है। जब मनुष्य के शरीर में पाये जाने वाले फेफड़ों की नलियों (जो वायु का बहाव करती है) की छोटी छोटी तंतुओं में अकड़न युक्त संकुचन उत्पन्न होता है तो फेफड़ा वायु (साँस) की पूरी खुराक को पचा नहीं पाता है। जिसके कारण रोगी व्यक्ति को पूर्ण श्वास खींचे बिना ही श्वास छोड़ देने को मजबूर होना पड़ता है, इस अवस्था को दमा या श्वास रोग कहा जाता है।

अस्थमा रोग की स्थिति तब अधिक बिगड़ जाती है, जब रोगी को साँस लेने में बहुत दिक़्क़त आती है क्योंकि वह साँस के द्वारा जब वायु को अंदर ले जाता है, तो प्रायः साँस के अंदर लेने में कठिनाई होती है तथा साँस को बाहर छोड़ने में लम्बा समय लेते हैं। दमा रोग से पीड़ित व्यक्ति को साँस लेते समय हल्की हल्की सीटी बजने की आवाज़ भी सुनायी पड़ती है।

दमा रोग का घरेलू इलाज़ – HOME REMEDY TO TREAT ASTHMA

सामग्री :-

         ½ नीम्बू

         3 पके हुए लेमनग्रास (Lemongrass)

          1 खीरा

विधि :-

नीम्बू का रस निकाल लें और बाकी की सामग्री के साथ ब्लेंडर में डाल कर मिक्स करें |

जब जूस बन कर तयार हो जाए तो इसे पुण लें |

 

इस जूस को दिन में तीन बार , खाने से पहले सेवन करें | बोहत जल्द लाभ होगा |

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